Judges - न्यायियों 20 | View All

1. तब दान से लेकर बर्शेबा तक के सब इस्राएली और गिलाद के लोग भी निकले, और उनकी मण्डली एक मत होकर मिस्पा में यहोवा के पास इकट्ठी हुई।

1. পরে ইস্রায়েল-সন্তানগণ সকলে বাহির হইল, দান অবধি বের্‌-শেবা পর্য্যন্ত ও গিলিয়দ দেশ সমেত সমস্ত মণ্ডলী এক মানুষের ন্যায় মিস্‌পাতে সদাপ্রভুর কাছে সমবেত হইল।

2. और सारी प्रजा के प्रधान लोग, वरन सब इस्राएली गोत्रों के लोग जो चार लाख तलवार चलाने वाले प्यादे थे, परमेश्वर की प्रजा की सभा में उपस्थित हुए।

2. ঈশ্বরের প্রজাদের সেই সমাজে ইস্রায়েলের সমস্ত বংশের সমস্ত জনসমাজের অধ্যক্ষ ও চারি লক্ষ খড়্‌গধারী পদাতিক উপস্থিত হইল।

3. (बिन्यामीनियों ने तो सुना कि इस्राएली मिस्मा को आए हैं।) और इस्राएली पूछने लगे, हम से कहो, यह बुराई कैसे हुई?

3. আর ইস্রায়েল-সন্তানগণ মিস্‌পাতে উঠিয়া গিয়াছে, এই কথা বিন্যামীন-সন্তানগণ শুনিতে পাইল। পরে ইস্রায়েল-সন্তানগণ কহিল, বল দেখি, এই দুষ্কর্ম্ম কি প্রকারে হইল?

4. उस मार डाली हुई स्त्री के लेवीय पति ने उत्तर दिया, मैं अपनी सुरैतिन समेत बिन्यामीन के गिबा में टिकने को गया था।

4. সেই লেবীয়, নিহতা স্ত্রীর পুরুষ উত্তর করিয়া কহিল, আমি ও আমার উপপত্নী রাত্রি যাপন করিবার জন্য বিন্যামীনের অধিকারস্থ গিবিয়াতে প্রবেশ করিয়াছিলাম।

5. तब गिबा के पुरूषों ने मुझ पर चढ़ाई की, और रात के समय घर को घेरके मुझे घात करना चाहा; और मेरी सुरैतिन से इतना कुकर्म किया कि वह मर गई।

5. আর গিবিয়ার গৃহস্থেরা আমার বিরুদ্ধে উঠিয়া রাত্রিকালে আমার জন্য গৃহের চারিদিক্‌ বেষ্টন করিল। তাহারা আমাকে বধ করিবার কল্পনা করিয়াছিল, আর আমার উপপত্নীকে বলাৎকার করায় সে মরিয়া গেল।

6. तब मैं ने अपनी सुरैतिन को लेकर टुकड़े टुकड़े किया, और इस्राएलियों के भाग के सारे देश में भेज दिया, उन्हों ने तो इस्राएल में महापाप और मूढ़ता का काम किया है।

6. পরে আমি নিজ উপপত্নীকে লইয়া খণ্ড খণ্ড করিয়া ইস্রায়েলের অধিকারস্থ প্রদেশের সর্ব্বত্র পাঠাইলাম, কেননা তাহারা ইস্রায়েলের মধ্যে কুকর্ম্ম ও মূঢ়তার কার্য্য করিয়াছে।

7. सुनो, हे इस्राएलियों, सब के सब देखो, और यहीं अपनी सम्मति दो।

7. দেখ, তোমরা সকলেই ইস্রায়েল-সন্তান; অতএব এ বিষয়ে আপন আপন মত বলিয়া মন্ত্রণা স্থির কর।

8. तब सब लोग एक मन हो, उठकर कहने लगे, न तो हम में से कोई अपने डेरे जाएगा, और न कोई अपने घर की ओर मुड़ेगा।

8. তখন সকল লোক এক মানুষের ন্যায় উঠিয়া কহিল, আমরা কেহ আপন তাম্বুতে যাইব না, কেহ আপন বাটীতে ফিরিয়া যাইব না;

9. परन्तु अब हम गिबा से यह करेंगे, अर्थात् हम चिट्ठी डाल डालकर उस पर चढ़ाई करेंगे,

9. কিন্তু এখন গিবিয়ার প্রতি এই কার্য্য করিব, আমরা গুলিবাঁটপূর্ব্বক তাহার বিরুদ্ধে যাইব।

10. और हम सब इस्राएली गोत्रों में सौ पुरूषों में से दस, और हजार पुरूषों में से एक सौ, और दस हजार में से एक हजार पुरूषों को ठहराएं, कि वे सेना के लिये भोजनवस्तु पहुंचाएं; इसलिये कि हम बिन्यामीन के गिबा में पहुंचकर उसको उस मूढ़ता का पूरा फल भुगता सकें जो उन्हों ने इस्राएल में की है।

10. আর আমরা লোকদের জন্য খাদ্য দ্রব্য আনিতে ইস্রায়েল-বংশসমূহের মধ্যে এক শত লোকের প্রতি দশ, এক সহস্রের প্রতি এক শত, ও দশ সহস্রের প্রতি এক সহস্র লোক সংগ্রহ করিব, যেন আমরা বিন্যামীনের গিবিয়াতে গিয়া ইস্রায়েলের মধ্যে কৃত সমস্ত মূঢ়তার কর্ম্ম অনুসারে প্রতিফল দিতে পারি।

11. तब सब इस्राएली पुरूष उस नगर के विरूद्ध एक पुरूष की नाईं जुटे हुए इकट्ठे हो गए।।

11. এইরূপে ইস্রায়েলের সমস্ত লোক এক মানুষের ন্যায় একযোগ হইয়া ঐ নগরের প্রতিকূলে একত্র হইল।

12. और इस्राएली गोत्रियों में कितने मनुष्य यह पूछने को भेजे, कि यह क्या बुराई है जो तुम लोगों में की गई है?

12. পরে ইস্রায়েলের বংশসমূহ বিন্যামীন বংশের সর্ব্বত্র লোক প্রেরণ করিয়া কহিল, তোমাদের মধ্যে এ কি দুষ্কর্ম্ম হইয়াছে?

13. अब उन गिबावासी लुच्चों को हमारे हाथ कर दो, कि हम उनको जान से मार के इस्राएल में से बुराई नाश करें। परन्तु बिन्यामीनियों ने अपने भाई इस्राएलियों की मानने से इन्कार किया।

13. তোমরা এখন ঐ লোকদিগকে, গিবিয়া-নিবাসী পাষণ্ডদিগকে, সমর্পণ কর, আমরা তাহাদিগকে বধ করিয়া ইস্রায়েল হইতে দুষ্টাচার লোপ করিব। কিন্তু বিন্যামীন আপন ভ্রাতাদের অর্থাৎ ইস্রায়েল-সন্তানগণের কথা শুনিতে সম্মত হইল না।

14. और बिन्यामीनी अपने अपने नगर में से आकर गिबा में इसलिये इकट्ठे हुए, कि इस्राएलियों से लड़ने को निकलें।

14. বরং ইস্রায়েল-সন্তানগণের সহিত যুদ্ধ করণার্থে বিন্যামীন-সন্তানগণ নানা নগর হইতে গিবিয়াতে গিয়া একত্র হইল।

15. और उसी दिन गिबावासी पुरूषों को छोड़, जिनकी गिनती सात सौ चुने हुए पुरूष ठहरी, और और नगरों से आए हुए तलवार चलानेवाले बिन्यामीनियों की गिनती छब्बीस हजार पुरूष ठहरी।

15. সেই দিন নানা নগর হইতে আগত বিন্যামীন-সন্তানদের ছাব্বিশ সহস্র খড়্‌গধারী লোক গণিত হইল; ইহারা গিবিয়া-নিবাসীগণ হইতে ভিন্ন; তাহারাও সাত শত মনোনীত লোক গণিত হইল।

16. इन सब लोगों में से सात सौ बैंहत्थे चुने हुए पुरूष थे, जो सब के सब ऐसे थे कि गोफन से पत्थर मारने में बाल भर भी न चूकते थे।

16. আবার এই সকল লোকের মধ্যে সাত শত মনোনীত লোক নেটা ছিল; তাহাদের প্রত্যেক জন কেশ লক্ষ্যে ফিঙ্গার পাথর মারিতে পারিত, লক্ষ্যচ্যুত হইত না।

17. और बिन्यामीनियों को छोड़ इस्राएली पुरूष चार लाख तलवार चलानेवाले थे; ये सब के सब योद्धा थे।।

17. বিন্যামীন ভিন্ন ইস্রায়েলের খড়্‌গধারী চারি লক্ষ লোক গণিত হইল; ইহারা সকলেই যোদ্ধা ছিল।

18. सब इस्राएली उठकर बेतेल को गए, और यह कहकर परमेश्वर से सलाह ली, और इस्राएलियों ने पूछा, कि हम में से कौन बिन्यामीनियों से लड़ने को पहिले चढ़ाई करे? यहोवा ने कहा, यहूदा पहिले चढ़ाई करे।

18. ইস্রায়েল-সন্তানগণ উঠিয়া বৈথেলে গিয়া ঈশ্বরের কাছে জিজ্ঞাসা করিল; তাহারা কহিল, বিন্যামীন-সন্তানগণের সহিত যুদ্ধ করিতে আমাদের মধ্যে প্রথমে কে যাইবে? সদাপ্রভু কহিলেন, প্রথমে যিহূদা যাইবে।

19. तब इस्राएलियों ने बिहान को उठकर गिबा के साम्हने डेरे डाले।

19. পরে ইস্রায়েল-সন্তানগণ প্রাতঃকালে উঠিয়া গিবিয়ার সম্মুখে শিবির স্থাপন করিল।

20. और इस्राएली पुरूष बिन्यामीनियों से लड़ने को निकल गए; और इस्राएली पुरूषों ने उस से लड़ने को गिबा के विरूद्ध पांति बान्धी।

20. পরে ইস্রায়েল-লোকেরা বিন্যামীনের সহিত যুদ্ধ করিতে বাহির হইয়া গেল; তাহাদের সহিত যুদ্ধ করিতে ইস্রায়েল-লোকেরা গিবিয়ার সমীপে সৈন্য রচনা করিল।

21. तब बिन्यामीनियों ने गिबा से निकल उसी दिन बाईस हजार इस्राएली पुरूषों को मारके मिट्टी में मिला दिया।

21. তখন বিন্যামীন-সন্তানগণ গিবিয়া হইতে বাহির হইয়া ঐ দিবসে ইস্রায়েলের মধ্যে বাইশ সহস্র লোককে সংহার করিয়া ভূতলশায়ী করিল।

22. तौभी इस्राएली पुरूष लोगों ने हियाव बान्धकर उसी स्थान में जहां उन्हों ने पहिले दिन पांति बान्धी थी, फिर पांती बान्धी।

22. পরে ইস্রায়েল-লোকেরা আপনাদিগকে আশ্বাস দিয়া, প্রথম দিবসে যে স্থানে সৈন্য রচনা করিয়াছিল, পুনর্ব্বার সেই স্থানে সৈন্য রচনা করিল।

23. और इस्राएली जाकर सांझ तक यहोवा के साम्हने राते रहे; और यह कहकर यहोवा से पूछा, कि क्या हम अपने भाई बिन्यामीनियों से लड़ने को फिर पास जाएं? यहोवा ने कहा, हां, उन पर चढ़ाई करो।

23. আর ইস্রায়েল-সন্তানগণ উঠিয়া গিয়া সন্ধ্যাকাল পর্য্যন্ত সদাপ্রভুর সাক্ষাতে রোদন করিল, এবং সদাপ্রভুর কাছে জিজ্ঞাসা করিল, আমরা আপন ভ্রাতা বিন্যামীন-সন্তানদের সহিত যুদ্ধ করিতে কি পুনর্ব্বার যাইব? সদাপ্রভু কহিলেন, তাহার বিরুদ্ধে যাও।

24. तब दूसरे दिन इस्राएली बिन्यामीनियों के निकट पहुंचे।

24. পরে ইস্রায়েল-সন্তানগণ দ্বিতীয় দিবসে বিন্যামীন-সন্তানগণের প্রতিকূলে উপস্থিত হইল।

25. तब बिन्यामीनियों ने दूसरे दिन उनका साम्हना करने को गिबा से निकलकर फिर अठारह हजार इस्राएली पुरूषों को मारके, जो सब के सब तलवार चलानेवाले थे, मिट्टी में मिला दिया।

25. আর বিন্যামীন সেই দ্বিতীয় দিবসে তাহাদের বিরুদ্ধে গিবিয়া হইতে নির্গত হইয়া পুনর্ব্বার ইস্রায়েল-সন্তানগণের মধ্যে আঠার সহস্র লোককে সংহার করিয়া ভূতলশায়ী করিল, ইহারা সকলেই খড়্‌গধারী ছিল।

26. तब सब इस्राएली, वरन सब लोग बेतेल को गए; और रोते हुए यहोवा के साम्हने बैठे रहे, और उस दिन सांझ तक उपवास किए रहे, और यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाए।

26. পরে সমস্ত ইস্রায়েল-সন্তান, সমস্ত লোক, গিয়া বৈথেলে উপস্থিত হইল, এবং সেই স্থানে সদাপ্রভুর সম্মুখে রোদন করিল ও বসিয়া রহিল, এবং সেই দিন সন্ধ্যা পর্য্যন্ত উপবাস করিয়া সদাপ্রভুর সম্মুখে হোম ও মঙ্গলার্থক বলি উৎসর্গ করিল।

27. और इस्राएलियों ने यहोवा से सलाह ली (उस समय तो परमेश्वर का वाचा का सन्दूक वहीं था,

27. সেই সময়ে ঈশ্বরের নিয়ম-সিন্দুক ঐস্থানে ছিল, এবং হারোণের পৌত্র ইলিয়াসরের পুত্র পীনহস তৎসম্মুখে দণ্ডায়মান ছিলেন;

28. और पीनहास, जो हारून का पोता, और एलीआजर का पुत्रा था उन दिनों में उसके साम्हने हाजिर रहा करता था।) उन्हों ने पूछा, क्या मैं एक और बार अपने भाई बिन्यामीनियों से लड़ने को निकल जाऊं, वा उनको छोड़ूं? यहोवा ने कहा, चढ़ाई कर; क्योंकि कल मैं उनको तेरे हाथ में कर दूंगा।

28. অতএব ইস্রায়েল-সন্তানগণ সদাপ্রভুকে এই কথা জিজ্ঞাসা করিল, আমরা আপন ভ্রাতা বিন্যামীন-সন্তানগণের সহিত যুদ্ধ করিতে এখনও কি পূনর্ব্বার যাইব? না ক্ষান্ত হইব? সদাপ্রভু কহিলেন, যাও, কেননা কল্য আমি তোমাদের হস্তে তাহাদিগকে সমর্পণ করিব।

29. तब इस्राएलियों ने गिबा के चारों ओर लोगों को धात में बैठाया।

29. পরে ইস্রায়েল গিবিয়ার চারিদিকে ঘাঁটি বসাইল।

30. तीसरे दिन इस्राएलियों ने बिन्यामीनियों पर फिर चढ़ाई की, और पहिले की नाईं गिबा के विरूद्ध पांति बान्धी।

30. পরে তৃতীয় দিবসে ইস্রায়েল-সন্তানগণ বিন্যামীন-সন্তানগণের বিরুদ্ধে উঠিয়া গিয়া অন্যান্য সময়ের ন্যায় গিবিয়ার নিকটে সৈন্য রচনা করিল।

31. तब बिन्यामीनी उन लोगों का साम्हना करने को निकले, और नगर के पास से खींचे गए; और जो दो सड़क, एक बेतेल को और दूसरी गिबा को गई है, उन में लोगों को पहिले की नाईं मारने लगे, और मैदान में कोई तीस इस्राएली मारे गए।

31. তখন বিন্যামীন-সন্তানগণ ঐ লোকদের বিরুদ্ধে বাহির হইল, এবং নগর হইতে দূরে আকর্ষিত হইয়া প্রথম বারের ন্যায় লোকদিগকে আঘাত ও বধ করিতে লাগিল, বিশেষতঃ বৈথেলে যাইবার ও ক্ষেত্রস্থ গিবিয়াতে যাইবার দুই রাজপথে তাহারা ইস্রায়েলের মধ্যে অনুমান ত্রিশ জনকে বধ করিল।

32. बिन्यामीनी कहने लगे, वे पहिले की नाईं हम से मारे जाते हैं। परन्तु इस्राएलियों ने कहा, हम भागकर उनको नगर में से सड़कों में खींच ले आएं।

32. তাহাতে বিন্যামীন-সন্তানগণ কহিল, উহারা আমাদের সম্মুখে পূর্ব্বমত পরাজিত হইতেছে। কিন্তু ইস্রায়েল-সন্তানগণ বলিয়াছিল, আইস, আমরা পলাইয়া উহাদিগকে নগর হইতে রাজপথে আকর্ষণ করি।

33. तब सब इस्राएली पुरूषों ने अपने स्थान में उठकर बालतामार में पांति बान्धी; और घात में बैठे हुए इस्राएली अपने स्थान से, अर्थात् मारेगेवा से अचानक निकले।

33. অতএব ইস্রায়েলের সমস্ত লোক আপন আপন স্থান হইতে উঠিয়া গিয়া বাল্‌-তামরে সৈন্য রচনা করিল; ইতিমধ্যে ইস্রায়েলের লুক্কায়িত লোকেরা আপনাদের স্থান হইতে অর্থাৎ মারে-গেবা হইতে নির্গত হইল।

34. तब सब इस्राएलियों में से छांटे हुए दास हजार पुरूष गिबा के साम्हने आए, और घोर लड़ाई होने लगी; परन्तु वे न जानते थे कि हम पर विपत्ति अभी पड़ा चाहती है।

34. পরে সমস্ত ইস্রায়েল হইতে দশ সহস্র মনোনীত লোক গিবিয়ার সম্মুখে আসিল, তাহাতে ঘোরতর সংগ্রাম হইল; কিন্তু উহারা জানিত না যে, অমঙ্গল উহাদের নিকটবর্ত্তী।

35. तब यहोवा ने बिन्यामीनियों को इस्राएल से हरवा दिया, और उस दिन इस्राएलियों ने पचीस हजार एक सौ बिन्यामीनी पुरूषों को नाश किया, जो सब के सब तलवार चलानेवाले थे।।

35. তখন সদাপ্রভু ইস্রায়েলের সম্মুখে বিন্যামীনকে আঘাত করিলেন, আর সেই দিন ইস্রায়েল-সন্তানগণ বিন্যামীনের পঁচিশ সহস্র এক শত লোককে সংহার করিল, ইহারা সকলেই খড়্‌গধারী ছিল।

36. तब बिन्यामीनियों ने देखा कि हम हार गए। और इस्राएली पुरूष उन घातकों पर भरोसा करके जिन्हें उन्हों ने गिबा के साथ बैठाया था बिन्यामीनियों के साम्हने से चले गए।

36. এইরূপে বিন্যামীন-সন্তানগণ দেখিল যে, তাহারা আহত হইয়াছে; কারণ ইস্রায়েলের লোকেরা বিন্যামীনের নিকট হইতে পলায়ন করিয়াছিল, যেহেতু তাহারা যাহাদিগকে গিবিয়ার বিরুদ্ধে স্থাপন করিয়াছিল, সেই লুক্কায়িত লোকদের উপরে নির্ভর করিতেছিল।

37. परन्तु घातक लोग फुर्ती करके गिबा पर झपट गए; और घातकों ने आगे बढ़कर कुल नगर को तलवार से मारा।

37. ইতিমধ্যে ঐ লুক্কায়িত লোকেরা সত্বর গিবিয়া আক্রমণ করিল, আর প্রবেশ করিয়া খড়্‌গধারে সমস্ত নগরকে আঘাত করিল।

38. इस्राएली पुरूषों और घातकों के बीच तो यह चिन्ह ठहराया गया था, कि वे नगर में से बहुत बड़ा धूएं का खम्भा उठाएं।

38. ইস্রায়েল-লোকদের ও লুক্কায়িত লোকদের মধ্যে এই চিহ্ন স্থির করা হইয়াছিল যে, লুক্কায়িত লোকেরা নগর হইতে ধূমের মেঘ উঠাইবে।

39. इस्राएली पुरूष तो लड़ाई में हटने लगे, और बिन्यामीनियों ने यह कहकर कि निश्चय वे पहिली लड़ाई की नाई हम से हारे जाते हैं, इस्राएलियों को मार डालने लगे, और तीस एक पुरूषों को घात किया।

39. অতএব ইস্রায়েল-লোকেরা সংগ্রাম করিতে করিতে মুখ ফিরাইল। তখন বিন্যামীন তাহাদের অনুমান ত্রিশ জনকে আঘাত ও বধ করিয়াছিল, কেননা তাহারা বলিয়াছিল, প্রথম যুদ্ধের ন্যায় এবারেও উহারা আমাদের সম্মুখে আহত হইল।

40. परन्तु जब वह धूएं का खम्भा नगर में से उठने लगा, तब बिन्यामीनियों ने अपने पीछे जो दृष्टि की तो क्या देखा, कि नगर का नगर धूंआ होकर आकाश की ओर उड़ रहा है।

40. কিন্তু যখন নগর হইতে স্তম্ভাকারে ধূমময় মেঘ উঠিতে লাগিল, তখন বিন্যামীন পশ্চাতে চাহিয়া দেখিল, আর দেখ, সমস্ত নগর ধূমময় হইয়া আকাশে উড়িয়া যাইতেছে।

41. तब इस्राएली पुरूष घूमे, और बिन्यामीनी पुरूष यह देखकर घबरा गए, कि हम पर विपत्ति आ पड़ी है।

41. আর ইস্রায়েল-লোকেরাও মুখ ফিরাইল; তাহাতে অমঙ্গল আমাদের উপরে আসিয়া পড়িল দেখিয়া বিন্যামীনের লোকেরা বিহ্বল হইল।

42. इसलिये उन्हों ने इस्राएली पुरूषों को पीठ दिखाकर जंगल का मार्ग लिया; परन्तु लड़ाई उन से होती ही रह, और जो और नगरों में से आए थे उनको इस्राएली रास्ते में नाश करते गए।

42. অতএব তাহারা ইস্রায়েল-লোকদের সম্মুখে প্রান্তরের পথের দিকে ফিরিল; কিন্তু সেই স্থানেও যুদ্ধ তাহাদের অনুবর্ত্তী হইল; এবং নগর সকল হইতে আগত লোকেরা তথায় তাহাদিগকে সংহার করিল।

43. उन्हों ने बिन्यामीनियों को घेर लिया, और उन्हें खदेड़ा, वे मनूहा में वरन गिबा के पूर्व की ओर तक उन्हें लताड़ते गए।

43. তাহারা চারিদিকে বিন্যামীনকে ঘেরিয়া তাড়াইতে লাগিল, এবং সূর্য্যোদয়-দিকে গিবিয়ার সম্মুখস্থ স্থান পর্য্যন্ত তাহাদের বিশ্রামস্থানে তাহাদিগকে দলিত করিতে লাগিল।

44. और बिन्यामीनियों में से अठारह हजार पुरूष जो सब के सब शूरवीर थे मारे गए।

44. তাহাতে বিন্যামীনের আঠার সহস্র লোক হত হইল, তাহারা সকলেই যোদ্ধা ছিল।

45. तब वे घूमकर जंगल में की रिम्मोन नाम चट्टान की ओर तो भाग गए; परन्तु इस्राएलियों ने उन से पांच हजार को बीनकर सड़कों में मार डाला; फिर गिदोम तक उनके पीछे पड़के उन में से दो हजार पुरूष मार डाले।

45. পরে অবশিষ্ট লোকেরা প্রান্তরের দিকে ফিরিয়া রিম্মোণ শৈলে পলায়ন করিতে লাগিল, আর উহারা রাজপথে তাহাদের অন্য পাঁচ সহস্র লোককে বধ করিল; পরে বেগে তাহাদের পশ্চাতে পশ্চাতে তাড়া করিয়া গিদোম পর্য্যন্ত গিয়া তাহাদের দুই সহস্র লোককে আঘাত করিল।

46. तब बिन्यामीनियों में से जो उस दिन मारे गए वे पचीस हजार तलवार चलानेवाले पुरूष थे, और ये सब शूरवीर थे।

46. অতএব সেই দিন বিন্যামীনের মধ্যে খড়্‌গধারী পঁচিশ সহস্র লোক হত হইল; তাহারা সকলেই বলবান লোক ছিল।

47. परन्तु छ: सौ पुरूष घूमकर जंगल की ओर भागे, और रिम्मोन नाम चट्टान में पहुंच गए, और चार महीने वहीं रहे।

47. কিন্তু ছয় শত লোক প্রান্তরের দিকে ফিরিয়া রিম্মোণ শৈলে পলায়ন করিয়া সেই রিম্মোন শৈলে চারি মাস বাস করিল।

48. तब इस्राएली पुरूष लौटकर बिन्यामिनियों पर लपके और नगरों में क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या जो कुछ मिला, सब को तलवार से नाश कर डाला। और जितने नगर उन्हें मिले उन सभों को आग लगाकर फूंक दिया।।

48. পরে ইস্রায়েল-লোকেরা বিন্যামীন-সন্তানগণের প্রতিকূলে ফিরিয়া নগরস্থ মনুষ্য ও পশু প্রভৃতি যাহা যাহা পাওয়া গেল, সে সকলকে খড়্‌গধারে আঘাত করিল; তাহারা যত নগর পাইল, সে সকল আগুনে পোড়াইয়া দিল।



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