20. हे यहोवा, दृष्टि कर, क्योंकि मैं संकट में हूँ, मेरी अन्तड़ियां एेंठी जाती हैं, मेरा हृदय उलट गया है, क्योंकि मैं ने बहुत बलवा किया है। वाहर तो मैं तलवार से निर्वश होती हूँ; और घर में मृत्यु विराज रही है।
20. Behold, O LORD, for I am in distress; my bowels are troubled. Mine heart is turned within me, for I have grievously rebelled. Abroad the sword bereaveth; at home there is as death.