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Wycliffe Bible (1395)
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Cross Reference Bible
1. उसके रोष की छड़ी से दु:ख भोगनेवाला पुरूष मैं ही हूं;
1. I, the man, have seen affliction by the rod of His wrath.
2. वह मुझे ले जाकर उजियाले में नहीं, अन्धियारे ही में चलाता है;
2. He has led me and made me go in darkness and not in light.
3. उसका हाथ दिन भर मेरे ही विरूद्ध उठता रहता है।
3. Surely He is turned against me; He turns His hand all the day.
4. उस ने मेरा मांस और चमड़ा गला दिया है, और मेरी हडि्डयों को तोड़ दिया है;
4. He has wasted my flesh and my skin; He has broken my bones.
5. उस ने मुझे रोकने के लिये किला बनाया, और मुझ को कठिन दु:ख और श्रम से घेरा है;
5. He has built against me and has encircled me with bitterness and travail.
6. उस ने मुझे बहुत दिन के मरे हुए लोगों के समान अन्धेरे स्थानों में बसा दिया है।
6. He has made me live in dark places, like the dead of old.
7. मेरे चारों ओर उस ने बाड़ा बान्धा है कि मैं निकल नहीं सकता; उस ने मुझे भारी सांकल से जकड़ा है;
7. He has fenced me in and I cannot go out; He has made my bronze chain heavy.
8. मैं चिल्ला चिल्लाके दोहाई देता हूँ, तौभी वह मेरी प्रार्थता नहीं सुनता;
8. Also when I cry and shout, He shuts out my prayer.
9. मेरे माग को उस ने गढ़े हुए पत्थरों से रोक रखा है, मेरी डगरों को उस ने टेढ़ी कर दिया है।
9. He walled up my ways with hewn stone; my paths are crooked.
10. वह मेरे लिये घात में बैठे हुए रीछ और घात लगाए हुए सिंह के समान है;
10. He was a bear lying in wait for me, a lion in secret places.
11. उस ने मुझे मेरे माग से भुला दिया, और मुझे फाड़ डाला; उस ने मुझ को उजाड़ दिया है।
11. He has turned my ways aside and torn me in pieces. He has made me desolate.
12. उस ने धनुष चढ़ाकर मुझे अपने तीर का निशाना बनाया है।
12. He has bent His bow and set me as a target for the arrow.
13. उस ने अपनी तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है;
13. He has caused the arrows of His quiver to enter into my inward parts.
14. सब लोग मुझ पर हंसते हैं और दिन भर मुझ पर ढालकर गाीत गाते हैं,
14. I was a laughing stock to all my people; their taunting song all the day.
15. उस ने मुझे कठिन दु:ख से भर दिया, और नागदौना पिलाकर तृप्त किया है।प्रेरितों के काम 8:23
15. He has filled me with bitterness and made me drunk with wormwood.
16. उस ने मेरे दांतों को कंकरी से तोड़ डाला, और मुझे राख से ढांप दिया है;
16. He also broke my teeth with gravel; He has covered me with ashes.
17. और मुझ को मन से उतारकर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ;
17. And You cast off my soul from peace; I have forgotten good things.
18. इसलिऐ मैं ने कहा, मेरा बल नाश हुआ, और मेरी आश जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है।
18. And I said, My strength and my hope from Jehovah are gone.
19. मेरा दु:ख और मारा मारा फिरना, मेरा नागदौने और- और विष का पीना स्मरण कर !
19. Remember my affliction and my wandering, the wormwood and bitterness.
20. मैं उन्हीं पर सोचता रहता हूँ, इस से मेरा प्राण ढला जाता है।
20. My soul calls to mind and remembers, and it depresses my mind.
21. परन्तु मैं यह स्मरण करता हूँ, इसीलिये मुझे आशा हैे
21. I recall this to my mind; therefore I hope.
22. हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरूणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है।
22. Through Jehovah's kindness we are not consumed, because His compassions never fail.
23. प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है।
23. They are new every morning; great is Your faithfulness.
24. मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा।
24. Jehovah is my portion, says my soul; therefore I will hope in Him.
25. जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है।
25. Jehovah is good to those who wait for Him, to the soul who seeks Him.
26. यहोवा से उठ्ठार पाने की आशा रखकर चुपचाप रहना भला है।
26. It is good that one should hope for the salvation of Jehovah, even in silence.
27. पुरूष के लिये जवानी में जूआ उठाना भला है।
27. It is good for a man that he bear the yoke in his youth.
28. वह यह जानकर अकेला चुपचाप रहे, कि परमेश्वर ही ने उस पर यह बोझ डाला है;
28. He sits alone and keeps silence because He has laid it upon him.
29. वह अपना मुंह धूल में रखे, कया जाने इस में कुछ आशा हो;
29. He puts his mouth in the dust, if perhaps there may be hope.
30. वह अपना गाल अपने मारनेवाले की ओर फेरे, और नामधराई सहता रहे।
30. He gives his cheek to Him who strikes him; he is filled full with reproach.
31. क्योंकि प्रभु मन से सर्वदा उतारे नहीं रहता,
31. For the Lord will not cast off forever;
32. चाहे वह दु:ख भी दे, तौभी अपनी करूणा की बहुतायत के कारण वह दया भी करता है;
32. for though He causes grief, yet He will have compassion according to the multitude of His kindness.
33. क्योंकि वह मनुष्यों को अपने मन से न तो दबाता है और न दु:ख देता है।
33. For He does not wish to afflict nor grieve the sons of men;
34. पृथ्वी भर के बंधुओं को पांव के तले दलित करना,
34. to crush all the prisoners of the earth under His feet;
35. किसी पुरूष का हक़ परमप्रधान के साम्हने मारना,
35. to turn aside the justice due a man before the face of the Most High;
36. और किसी मनुष्य का मुक़ मा बिगाड़ना, इन तीन कामों को यहोवा देख नहीं सकता।
36. to pervert a man in his cause; this the Lord does not look after.
37. यदि यहोवा ने आज्ञा न दी हो, तब कौन है कि वचन कहे और वह पूरा हो जाए?
37. Who is he who speaks and it occurs, if the Lord has not commanded it?
38. विपत्ति और कल्याण, क्या दोनों परमप्रधान की आज्ञा से नहीं होते?
38. From the mouth of the Most High does not come forth both evil and good.
39. सो जीवित मनुष्य क्यों कुड़कुड़ाए? और पुरूष अपने पाप के दण्ड को क्यों बुरा माने?
39. Why does a living man complain at the punishment for his sins?
40. हम अपने चालचलन को ध्यान से परखें, और यहोवा की ओर फिरें !
40. Let us search out and examine our ways, and return to Jehovah.
41. हम स्वर्गवासी परमेश्वर की ओर मन लगाएं और हाथ फैलाएं और कहेंे
41. Let us lift up our heart and hands to the Mighty God in Heaven.
42. हम ने तो अपराध और बलवा किया है, और तू ने क्ष्मा नहीं किया।
42. We have sinned and have rebelled; You have not forgiven.
43. तेरा कोप हम पर है, तू हमारे पीछे पड़ा है, तू ने बिना तरस खाए घात किया है।
43. You have wrapped Yourself with anger and pursued us; You have slain; You have not spared.
44. तू ने अपने को मेघ से घेर लिया है कि तुझ तक प्रार्थना न पहुंच सके।
44. You have wrapped Yourself with a cloud to keep prayer from passing through.
45. तू ने हम को जाति जाति के लोगों के बीच में कूड़ा- कर्कट सा ठहराया है।1 कुरिन्थियों 4:13
45. You have made us as the offscouring and garbage in the midst of the peoples.
46. हमारे सब शत्रुओं ने हम पर अपना अपना मुंह फैलाया है;
46. All our enemies have opened their mouths against us.
47. भय और गड़हा, उजाड़ और विनाश, हम पर आ पड़े हैं;
47. Fear and a pit have come upon us; ruin and destruction.
48. मेरी आंखों से मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के कारण जल की धाराएं बह रही है।
48. Streams of water run down my eyes for the destruction of the daughter of my people.
49. मेरी आंख से लगातार आंसू बहते रहेंगे,
49. My eyes flow and do not cease, with no stopping,
50. जब तक यहोवा स्वर्ग से मेरी ओर न देखे;
50. until Jehovah looks down from Heaven and has regard.
51. अपनी नगरी की सब स्त्रियों का हाल देखने पर मेरा दु:ख बढ़ता है।
51. My eye pains my soul because of all the daughters of my city.
52. जो व्यर्थ मेरे शत्रु बने हैं, उन्हों ने निर्दयता से चिड़िया के समान मेरा आहेर किया है;यूहन्ना 15:25
52. My enemies have hunted me down like a bird, without cause.
53. उन्हों ने मुझे गड़हे में डालकर मेरे जीवन का अन्त करने के लिये मेरे ऊपर पत्थर लुढ़काए हैं;
53. They have cut off my life in the pit, and cast a stone upon me.
54. मेरे सिर पर से जल बह गया, मैं ने कहा, मैं अब नाश हो गया।
54. Waters flowed over my head; then I said, I am cut off.
55. हे यहोवा, गहिरे गड़हे में से मैं ने तुझ से प्रार्थना की;
55. I called on Your name, O Jehovah, out of the lowest pit.
56. तू ने मेरी सुनी कि जो दोहाई देकर मैं चिल्लाता हूँ उस से कान न फेर ले !
56. You have heard my voice; do not hide Your ear from my relief, from my cry for help.
57. जब मैं ने तुझे पुकारा, तब तू ने मुझ से कहा, मत डर !
57. You drew near in the day that I called on You; You said, Fear not.
58. हे यहोवा, तू ने मेरा मुक़ मा लड़कर मेरा प्राण बचा लिया है।
58. O Lord, You have pleaded the case for my soul; You have redeemed my life.
59. हे यहोवा, जो अन्याय मुझ पर हुआ है उसे तू ने देखा है; तू मेरा न्याय चुका।
59. O Jehovah, You have seen how I am wronged; judge my case.
60. जो बदला उन्हों ने मुझ से लिया, और जो कल्पनाएं मेरे विरूद्ध कीं, उन्हें भी तू ने देखा है।
60. You have seen all their vengeance, all their plots against me.
61. हे यहोवा, जो कल्पनाएं और निन्दा वे मेरे विरूद्ध करते हैं, वे भी तू ने सुनी हैं।
61. You have heard their reproach, O Jehovah, all their plots against me;
62. मेरे विरोधियों के वचन, और जो कुछ भी वे मेरे विरूद्ध लगातार सोचते हैं, उन्हें तू जानता है।
62. the lips of those who rose up against me, and their scheming against me all the day.
63. उनका उठना- बैठना ध्यान से देख; वे मुझ पर लगते हुए गीत गाते हैं।
63. Behold their sitting down and their rising up; I am their taunting song.
64. हे यहोवा, तू उनके कामों के अनुसार उनको बदला देगा।
64. Return upon them a recompense, O Jehovah, according to the work of their hands.
65. तू उनका मन सुन्न कर देगा; तेरा शाप उन पर होगा।
65. Give them hardness of heart; Your curse be upon them.
66. हे यहोवा, तू अपने कोप से उनको खदेड़- खदेड़कर धरती पर से नाश कर देगा।
66. Pursue and destroy them in anger from under the heavens of Jehovah.