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Cross Reference Bible
1. उसके रोष की छड़ी से दु:ख भोगनेवाला पुरूष मैं ही हूं;
1. I am the man that has seen affliction by the rod of his wrath.
2. वह मुझे ले जाकर उजियाले में नहीं, अन्धियारे ही में चलाता है;
2. He has led me and caused me to walk in darkness, and not in light.
3. उसका हाथ दिन भर मेरे ही विरूद्ध उठता रहता है।
3. Surely against me he turns his hand again and again all the day.
4. उस ने मेरा मांस और चमड़ा गला दिया है, और मेरी हडि्डयों को तोड़ दिया है;
4. My flesh and my skin has he made old; he has broken my bones.
5. उस ने मुझे रोकने के लिये किला बनाया, और मुझ को कठिन दु:ख और श्रम से घेरा है;
5. He has built against me, and compassed me with gall and travail.
6. उस ने मुझे बहुत दिन के मरे हुए लोगों के समान अन्धेरे स्थानों में बसा दिया है।
6. He has made me to dwell in dark places, as those that have been long dead.
7. मेरे चारों ओर उस ने बाड़ा बान्धा है कि मैं निकल नहीं सकता; उस ने मुझे भारी सांकल से जकड़ा है;
7. He has walled me about, that I can't go forth; he has made my chain heavy.
8. मैं चिल्ला चिल्लाके दोहाई देता हूँ, तौभी वह मेरी प्रार्थता नहीं सुनता;
8. Yes, when I cry, and call for help, he shuts out my prayer.
9. मेरे माग को उस ने गढ़े हुए पत्थरों से रोक रखा है, मेरी डगरों को उस ने टेढ़ी कर दिया है।
9. He has walled up my ways with hewn stone; he has made my paths crooked.
10. वह मेरे लिये घात में बैठे हुए रीछ और घात लगाए हुए सिंह के समान है;
10. He is to me as a bear lying in wait, as a lion in secret places.
11. उस ने मुझे मेरे माग से भुला दिया, और मुझे फाड़ डाला; उस ने मुझ को उजाड़ दिया है।
11. He has turned aside my ways, and pulled me in pieces; he has made me desolate.
12. उस ने धनुष चढ़ाकर मुझे अपने तीर का निशाना बनाया है।
12. He has bent his bow, and set me as a mark for the arrow.
13. उस ने अपनी तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है;
13. He has caused the shafts of his quiver to enter into my reins.
14. सब लोग मुझ पर हंसते हैं और दिन भर मुझ पर ढालकर गाीत गाते हैं,
14. I am become a derision to all my people, and their song all the day.
15. उस ने मुझे कठिन दु:ख से भर दिया, और नागदौना पिलाकर तृप्त किया है।प्रेरितों के काम 8:23
15. He has filled me with bitterness, he has sated me with wormwood.
16. उस ने मेरे दांतों को कंकरी से तोड़ डाला, और मुझे राख से ढांप दिया है;
16. He has also broken my teeth with gravel stones; he has covered me with ashes.
17. और मुझ को मन से उतारकर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ;
17. You have removed my soul far off from shalom; I forgot prosperity.
18. इसलिऐ मैं ने कहा, मेरा बल नाश हुआ, और मेरी आश जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है।
18. I said, My strength is perished, and my expectation from the LORD.
19. मेरा दु:ख और मारा मारा फिरना, मेरा नागदौने और- और विष का पीना स्मरण कर !
19. Remember my affliction and my misery, the wormwood and the gall.
20. मैं उन्हीं पर सोचता रहता हूँ, इस से मेरा प्राण ढला जाता है।
20. My soul still remembers them, and is bowed down within me.
21. परन्तु मैं यह स्मरण करता हूँ, इसीलिये मुझे आशा हैे
21. This I recall to my mind; therefore have I hope.
22. हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरूणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है।
22. It is of the LORD's loving kindnesses that we are not consumed, because his compassion doesn't fail.
23. प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है।
23. They are new every morning; great is your faithfulness.
24. मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा।
24. The LORD is my portion, says my soul; therefore will I hope in him.
25. जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है।
25. The LORD is good to those who wait for him, to the soul that seeks him.
26. यहोवा से उठ्ठार पाने की आशा रखकर चुपचाप रहना भला है।
26. It is good that a man should hope and quietly wait for the salvation of the LORD.
27. पुरूष के लिये जवानी में जूआ उठाना भला है।
27. It is good for a man that he bear the yoke in his youth.
28. वह यह जानकर अकेला चुपचाप रहे, कि परमेश्वर ही ने उस पर यह बोझ डाला है;
28. Let him sit alone and keep silence, because he has laid it on him.
29. वह अपना मुंह धूल में रखे, कया जाने इस में कुछ आशा हो;
29. Let him put his mouth in the dust, if so be there may be hope.
30. वह अपना गाल अपने मारनेवाले की ओर फेरे, और नामधराई सहता रहे।
30. Let him give his cheek to him who strikes him; let him be filled full with reproach.
31. क्योंकि प्रभु मन से सर्वदा उतारे नहीं रहता,
31. For the Lord will not cast off forever.
32. चाहे वह दु:ख भी दे, तौभी अपनी करूणा की बहुतायत के कारण वह दया भी करता है;
32. For though he cause grief, yet will he have compassion according to the multitude of his loving kindnesses.
33. क्योंकि वह मनुष्यों को अपने मन से न तो दबाता है और न दु:ख देता है।
33. For he does not afflict willingly, nor grieve the children of men.
34. पृथ्वी भर के बंधुओं को पांव के तले दलित करना,
34. To crush under foot all the prisoners of the eretz,
35. किसी पुरूष का हक़ परमप्रधान के साम्हने मारना,
35. To turn aside the right of a man before the face of Ha`Elyon,
36. और किसी मनुष्य का मुक़ मा बिगाड़ना, इन तीन कामों को यहोवा देख नहीं सकता।
36. To subvert a man in his cause, the Lord doesn't approve.
37. यदि यहोवा ने आज्ञा न दी हो, तब कौन है कि वचन कहे और वह पूरा हो जाए?
37. Who is he who says, and it comes to pass, when the Lord doesn't command it?
38. विपत्ति और कल्याण, क्या दोनों परमप्रधान की आज्ञा से नहीं होते?
38. Doesn't evil and good come out of the mouth of Ha`Elyon?
39. सो जीवित मनुष्य क्यों कुड़कुड़ाए? और पुरूष अपने पाप के दण्ड को क्यों बुरा माने?
39. Why does a living man complain, a man for the punishment of his sins?
40. हम अपने चालचलन को ध्यान से परखें, और यहोवा की ओर फिरें !
40. Let us search and try our ways, and turn again to the LORD.
41. हम स्वर्गवासी परमेश्वर की ओर मन लगाएं और हाथ फैलाएं और कहेंे
41. Let us lift up our heart with our hands to God in the heavens.
42. हम ने तो अपराध और बलवा किया है, और तू ने क्ष्मा नहीं किया।
42. We have transgressed and have rebelled; you have not pardoned.
43. तेरा कोप हम पर है, तू हमारे पीछे पड़ा है, तू ने बिना तरस खाए घात किया है।
43. You have covered with anger and pursued us; you have killed, you have not pitied.
44. तू ने अपने को मेघ से घेर लिया है कि तुझ तक प्रार्थना न पहुंच सके।
44. You have covered yourself with a cloud, so that no prayer can pass through.
45. तू ने हम को जाति जाति के लोगों के बीच में कूड़ा- कर्कट सा ठहराया है।1 कुरिन्थियों 4:13
45. You have made us an off-scouring and refuse in the midst of the peoples.
46. हमारे सब शत्रुओं ने हम पर अपना अपना मुंह फैलाया है;
46. All our enemies have opened their mouth wide against us.
47. भय और गड़हा, उजाड़ और विनाश, हम पर आ पड़े हैं;
47. Fear and the pit are come on us, devastation and destruction.
48. मेरी आंखों से मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के कारण जल की धाराएं बह रही है।
48. My eye runs down with streams of water, for the destruction of the daughter of my people.
49. मेरी आंख से लगातार आंसू बहते रहेंगे,
49. My eye pours down, and doesn't cease, without any intermission,
50. जब तक यहोवा स्वर्ग से मेरी ओर न देखे;
50. Until the LORD look down, and see from heaven.
51. अपनी नगरी की सब स्त्रियों का हाल देखने पर मेरा दु:ख बढ़ता है।
51. My eye affects my soul, because of all the daughters of my city.
52. जो व्यर्थ मेरे शत्रु बने हैं, उन्हों ने निर्दयता से चिड़िया के समान मेरा आहेर किया है;यूहन्ना 15:25
52. They have chased me sore like a bird, those who are my enemies without cause.
53. उन्हों ने मुझे गड़हे में डालकर मेरे जीवन का अन्त करने के लिये मेरे ऊपर पत्थर लुढ़काए हैं;
53. They have cut off my life in the dungeon, and have cast a stone on me.
54. मेरे सिर पर से जल बह गया, मैं ने कहा, मैं अब नाश हो गया।
54. Waters flowed over my head; I said, I am cut off.
55. हे यहोवा, गहिरे गड़हे में से मैं ने तुझ से प्रार्थना की;
55. I called on your name, LORD, out of the lowest dungeon.
56. तू ने मेरी सुनी कि जो दोहाई देकर मैं चिल्लाता हूँ उस से कान न फेर ले !
56. You heard my voice; don't hide your ear at my breathing, at my cry.
57. जब मैं ने तुझे पुकारा, तब तू ने मुझ से कहा, मत डर !
57. You drew near in the day that I called on you; you said, Don't be afraid.
58. हे यहोवा, तू ने मेरा मुक़ मा लड़कर मेरा प्राण बचा लिया है।
58. Lord, you have pleaded the causes of my soul; you have redeemed my life.
59. हे यहोवा, जो अन्याय मुझ पर हुआ है उसे तू ने देखा है; तू मेरा न्याय चुका।
59. LORD, you have seen my wrong; judge you my cause.
60. जो बदला उन्हों ने मुझ से लिया, और जो कल्पनाएं मेरे विरूद्ध कीं, उन्हें भी तू ने देखा है।
60. You have seen all their vengeance and all their devices against me.
61. हे यहोवा, जो कल्पनाएं और निन्दा वे मेरे विरूद्ध करते हैं, वे भी तू ने सुनी हैं।
61. You have heard their reproach, LORD, and all their devices against me,
62. मेरे विरोधियों के वचन, और जो कुछ भी वे मेरे विरूद्ध लगातार सोचते हैं, उन्हें तू जानता है।
62. The lips of those that rose up against me, and their device against me all the day.
63. उनका उठना- बैठना ध्यान से देख; वे मुझ पर लगते हुए गीत गाते हैं।
63. See you their sitting down, and their rising up; I am their song.
64. हे यहोवा, तू उनके कामों के अनुसार उनको बदला देगा।
64. You will render to them a recompense, LORD, according to the work of their hands.
65. तू उनका मन सुन्न कर देगा; तेरा शाप उन पर होगा।
65. You will give them hardness of heart, your curse to them.
66. हे यहोवा, तू अपने कोप से उनको खदेड़- खदेड़कर धरती पर से नाश कर देगा।
66. You will pursue them in anger, and destroy them from under the heavens of the LORD.