3. जब उस ने वे ग्यारह सौ टुकड़े चान्दी अपनी माता को फेर दिए; तब माता ने कहा, मैं अपनी ओर से अपने बेटे के लिये यह रूपया यहोवा को निश्चय अर्पण करती हूं ताकि उस से एक मूरत खोदकर, और दूसरी ढालकर बनाई जाए, सो अब मैं उसे तुझ को फेर देती हूं।
3. And he giveth back the eleven hundred silverlings to his mother, and his mother saith, 'I had certainly sanctified the silver to Jehovah, from my hand, for my son, to make a graven image, and a molten image; and now, I give it back to thee.'