21. (क्योंकि वे तो बिना शपथ याजक ठहराए गए पर यह शपथ के साथ उस की ओर से नियुक्त किया गया जिस ने उसके विषय में कहा, कि प्रभु ने शपथ खाई, और वह उस से फिर ने पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है)।
21. (for they are become priests without the swearing of an oath, but he with the swearing of an oath, by him who said, as to him, The Lord has sworn, and will not repent [of it], *Thou* [art] priest for ever [according to the order of Melchisedec];)