11. तक यदि लेवीय याजक पद के द्वारा सिद्धि हो सकती है (जिस के सहारे से लोगों को व्यवस्था मिली थी) तो फिर क्या आवश्यकता थी, कि दूसरा याजक मलिकिसिदक की रीति पर खड़ा हो, और हारून की रीति का न कहलाए?
भजन संहिता 110:4
11. If, then, perfection came through the Levitical priesthood (for under it the people received the law), what further need was there for another priest to arise in the order of Melchizedek, and not to be described as being in the order of Aaron?