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1. यह मलिकिसिदक शालेम का राजा, और परमप्रधान परमेश्वर का याजक, सर्वदा याजक बना रहता है; जब इब्राहीम राजाओं को मारकर लौटा जाता था, तो इसी ने उस से भेंट करके उसे आशीष दी।उत्पत्ति 14:17-20
1. For this Malki-Tzedek, king of Shalem, Kohen of El `Elyon, who met Avraham returning from the slaughter of the kings and blessed him,
2. इसी को इब्राहीम ने सब वस्तुओं का दसवां अंश भी दिया: यह पहिले अपने नाम के अर्थ के अनुसार, धर्म का राजा है।
2. to whom also Avraham divided a tenth part of all (being first, by interpretation, king of righteousness, and then also king of Shalem, which is king of shalom;
3. जिस का न पिता, न माता, न वंशावली है, जिस के न दिनों का आदि है और न जीवन का अनत है; परन्तु परमेश्वर के पुत्रा के स्वरूप ठहरा।।
3. without father, without mother, without genealogy, having neither beginning of days nor end of life, but made like the Son of God), remains a Kohen continually.
4. अब इस पर ध्यान करो कि यह कैसा महान था जिस को कुलपति इब्राहीम ने अच्छे से अच्छे माल की लूट का दसवां अंश दिया।उत्पत्ति 14:19-20
4. Now consider how great this man was, to whom even Avraham, the patriarch, gave a tenth out of the best spoils.
5. लेवी की संतान में से जो याजक का पद पाते हैं, उन्हें आज्ञा मिली है, कि लोगों, अर्थात् अपने भाइयों से चाहे, वे इब्राहीम ही की देह से क्यों न जन्में हां, व्यवस्था के अनुसार दसवां अंश लें।गिनती 18:21
5. They indeed of the sons of Levi who receive the Kohen's office have a mitzvah to take tithes of the people according to the law, that is, of their brothers, though these have come out of the loins of Avraham,
6. पर इस ने, जो उन की वंशावली में का भी न था इब्राहीम से दसवां अंश लिया और जिसे प्रतिज्ञाएं मिली थी उसे आशीष दी।उत्पत्ति 14:19-20
6. but he whose genealogy is not counted from them has taken tithes of Avraham, and has blessed him who has the promises.
7. और उस में संदेह नहीं, कि छोटा बड़े से आशीष पाता है।
7. But without any dispute the less is blessed by the better.
8. और यहां तो मरनहार मनुष्य दसवां अंश लेते हैं पर वहां वही लेता है, जिस की गवाही दी जाती है, कि वह जीवित है।
8. Here people who die receive tithes, but there one receives tithes of whom it is testified that he lives.
9. तो हम यह भी कह सकते हैं, कि लेवी ने भी, जो दसवां अंश लेता है, इब्राहीम के द्वारा दसवां अंश दिया।
9. So to say, through Avraham even Levi, who receives tithes, has paid tithes,
10. क्योंकि जिस समय मलिकिसिदक ने उसके पिता से भेंट की, उस समय यह अपने पिता की देह में था।।उत्पत्ति 14:19-20
10. for he was yet in the loins of his father when Malki-Tzedek met him.
11. तक यदि लेवीय याजक पद के द्वारा सिद्धि हो सकती है (जिस के सहारे से लोगों को व्यवस्था मिली थी) तो फिर क्या आवश्यकता थी, कि दूसरा याजक मलिकिसिदक की रीति पर खड़ा हो, और हारून की रीति का न कहलाए?भजन संहिता 110:4
11. Now if there was perfection through the Levitical priesthood (for under it the people have received the law), what further need was there for another Kohen to arise after the order of Malki-Tzedek, and not be called after the order of Aharon?
12. क्योंकि जब याजक का पद बदला जाता है? तो व्यवस्था का भी बदलना अवश्य है।
12. For the priesthood being changed, there is of necessity a change made also in the law.
13. क्योंकि जिस के विषय में ये बातें कही जाती हैं कि वह दूसरे गोत्रा का है, जिस में से किसी ने वेदी की सेवा नहीं की।
13. For he of whom these things are said belongs to another tribe, from which no one has officiated at the altar.
14. तो प्रगट है, कि हमारा प्रभु यहूदा के गोत्रा में से उदय हुआ है और इस गोत्रा के विषय में मूसा ने याजक पद की कुछ चर्चा नहीं की।उत्पत्ति 49:10, 1 इतिहास 5:2, यशायाह 11:1
14. For it is evident that our Lord has sprung out of Yehudah, about which tribe Moshe spoke nothing concerning priesthood.
15. ओर जब मलिकिसिदक के समान एक और ऐसा याजक उत्पन्न होनेवाला था।भजन संहिता 110:4
15. This is yet more abundantly evident, if after the likeness of Malki-Tzedek there arises another Kohen,
16. जो शारीरिक आज्ञा की व्यवस्था के अनुसार नहीं, पर अविनाशी जीवन की सामर्थ के अनुसार नियुक्त हो तो हमारा दावा और भी स्पष्टता से प्रगट हो गया।
16. who has been made, not after the law of a fleshly mitzvah, but after the power of an endless life:
17. क्योंकि उसके विषय में यह गवाही दी गई है, कि तू मलिकिसिदक की रीति पर युगानुयुग याजक है।भजन संहिता 110:4
17. for it is testified, 'You are a Kohen forever, According to the order of Malki-Tzedek.'
18. निदान, पहिली आज्ञा निर्बल; और निष्फल होने के कारण लोप हो गई।
18. For there is an annulling of a foregoing mitzvah because of its weakness and uselessness
19. (इसलिये कि व्यवस्था ने किसी बात की सिद्धि नहीं कि) और उसके स्थान पर एक ऐसी उत्तम आशा रखी गई है जिस के द्वारा हम परमेश्वर के समीप जा सकते हैं।
19. (for the law made nothing perfect), and a bringing in thereupon of a better hope, through which we draw near to God.
20. और इसलिये कि मसीह की नियुक्ति बिना शपथ नहीं हुई।
20. Inasmuch as he was not made Kohen without the taking of an oath
21. (क्योंकि वे तो बिना शपथ याजक ठहराए गए पर यह शपथ के साथ उस की ओर से नियुक्त किया गया जिस ने उसके विषय में कहा, कि प्रभु ने शपथ खाई, और वह उस से फिर ने पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है)।
21. (for they indeed have been made Kohanim without an oath), but he with an oath by him that says of him, 'The Lord swore and will not change his mind, 'You are a Kohen forever, According to the order of Malki-Tzedek''.
22. सो यीशु एक उत्तम वाचा का जामिन ठहरा।
22. By so much has Yeshua become the collateral of a better covenant.
23. वे तो बहुत से याजक बनते आए, इस का कारण यह था कि मृत्यु उन्हें रहने नहीं देती थी।
23. Many, indeed, have been made Kohanim, because they are hindered from continuing by death.
24. पर यह युगानुयुग रहता है; इस कारण उसका याजक पद अटल है।
24. But he, because he lives forever, has his priesthood unchangeable.
25. इसी लिये जो उसके द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं, वह उन का पूरा पूरा उद्धार कर सकता है, क्योंकि वह उन के लिये बिनती करने को सर्वदा जीवित है।।यशायाह 59:16
25. Therefore he is also able to save to the uttermost those who draw near to God through him, seeing he ever lives to make intercession for them.
26. सो ऐसा ही महायाजक हमारे योग्य था, जो पवित्रा, और निष्कपट और निर्मल, और पापियों से अलग, और स्वर्ग से भी ऊंचा किया हुआ हो।
26. For such a Kohen Gadol was fitting for us: holy, guiltless, undefiled, separated from sinners, and made higher than the heavens;
27. और उन महायाजकों की नाई उसे आवश्यक नहीं कि प्रति दिन पहिले अपने पापों और फिर लोगों के पापों के लिये बलिदान चढ़ाए; क्योंकि उस ने अपने आप को बलिदान चढ़ाकर उसे एक ही बार निपटा दिया।लैव्यव्यवस्था 16:6, लैव्यव्यवस्था 16:15
27. who doesn't need, like those Kohenim Gedolim, to daily offer up sacrifices, first for his own sins, and then for the sins of the people. For this he did once for all, when he offered up himself.
28. क्योंकि व्यवस्था तो निर्बल मनुष्यों को महायाजक नियुक्त करती है; परन्तु उस शपथ का वचन जो व्यवस्था के बाद खाई गई, उस पुत्रा को नियुक्त करता है जो युगानुयुग के लिये सिद्ध किया गया है।।भजन संहिता 2:7
28. For the law appoints men as Kohenim Gedolim who have weakness, but the word of the oath which came after the law appoints a Son forever who has been perfected.