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1. वह इस भीड़ को देखकर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए।
1. Seeing the multitudes, he went up onto the mountain. When he had sat down, his talmidim came to him.
2. और वह अपना मुंह खोलकर उन्हें यह उपदेश देने लगा,
2. He opened his mouth and taught them, saying,
3. धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।यशायाह 61:1
3. 'Blessed are the poor in spirit, For theirs is the Kingdom of Heaven.
4. धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।यशायाह 61:2
4. Blessed are those who mourn, For they shall be comforted.
5. धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।भजन संहिता 37:11
5. Blessed are the gentle, For they shall inherit the eretz.
6. धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
6. Blessed are those who hunger and thirst after righteousness, For they shall be filled.
7. धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
7. Blessed are the merciful, For they shall obtain mercy.
8. धन्य हैं वे, जो मेल करवानेवाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्रा कहलाएंगे।भजन संहिता 24:2
8. Blessed are the pure in heart, For they shall see God.
9. धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
9. Blessed are the peacemakers, For they shall be called children of God.
10. धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
10. Blessed are those who have been persecuted for righteousness' sake, For theirs is the Kingdom of Heaven.
11. आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्हों ने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।।
11. 'Blessed are you when people reproach you, persecute you, and say all kinds of evil against you falsely, for my sake.
12. तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा?2 इतिहास 36:16
12. Rejoice, and be exceedingly glad, for great is your reward in heaven. For that is how they persecuted the prophets who were before you.
13. तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंआ जाए।
13. 'You are the salt of the eretz, but if the salt has lost its flavor, with what will it be salted? It is then good for nothing, but to be cast out and trodden under the feet of men.
14. तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता।
14. You are the light of the world. A city located on a hill can't be hidden.
15. और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है।
15. Neither do you light a lamp, and put it under a measuring basket, but on a stand; and it shines to all who are in the house.
16. उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।।
16. Even so, let your light shine before men; that they may see your good works, and glorify your Father who is in heaven.
17. यह न समझो, कि मैं व्यवस्था या भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों को लोप करने आया हूं।यशायाह 42:21
17. 'Don't think that I came to destroy the law or the prophets. I didn't come to destroy, but to fulfill.
18. लोप करने नहीं, परन्तु पूरा करने आया हूं, क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूं, कि जब तक आकाश और पृथ्वी टल न जाएं, तब तक व्यवस्था से एक मात्रा या बिन्दु भी बिना पूरा हुए नहीं टलेगा।यशायाह 42:21
18. For most assuredly, I tell you, until heaven and eretz pass away, not even one smallest letter or one tiny pen stroke shall in any way pass away from the law, until all things are accomplished.
19. इसलिये जो कोई इन छोटी से छोटी आज्ञाओं में से किसी एक को तोड़े, और वैसा ही लोगों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में सब से छोटा कहलाएगा; परन्तु जो कोई उन का पालन करेगा और उन्हें सिखाएगा, वही स्वर्ग के राज्य में महान कहलाएगा।
19. Whoever, therefore, shall break one of these least mitzvot, and teach others to do so, shall be called least in the Kingdom of Heaven; but whoever shall do and teach them shall be called great in the Kingdom of Heaven.
20. क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि यदि तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फरीसियों की धार्मिकता से बढ़कर न हो, तो तुम स्वर्ग के राज्य में कभी प्रवेश करने न पाओगे।।
20. For I tell you that unless your righteousness exceeds that of the Sofrim and Perushim, there is no way you will enter into the Kingdom of Heaven.
21. तुम सुन चुके हो, कि पूर्वकाल के लोगों से कहा गया था कि हत्या न करना, और जो कोई हत्या करेगा वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा।निर्गमन 20:13, निर्गमन 21:12, लैव्यव्यवस्था 24:17, व्यवस्थाविवरण 5:17
21. 'You have heard that it was said to the ancient ones, 'You shall not murder;' and 'Whoever shall murder shall be in danger of the judgment.'
22. परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा: और जो कोई अपने भाई को निकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे 'अरे मूर्ख' वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा।
22. But I tell you, that everyone who is angry with his brother without a cause shall be in danger of the judgment; and whoever shall say to his brother, 'Reyka!' shall be in danger of the council; and whoever shall say, 'Shoteh!' shall be in danger of the fire of Gehinnom.
23. इसलिये यदि तू अपनी भेंट वेदी पर लाए, और वहां तू स्मरण करे, कि मेरे भाई के मन में मेरी ओर से कुछ विरोध है, तो अपनी भेंट वहीं वेदी के साम्हने छोड़ दे।
23. If therefore you are offering your gift at the altar, and there remember that your brother has anything against you,
24. और जाकर पहिले अपने भाई से मेल मिलाप कर; तब आकर अपनी भेंट चढ़ा।
24. leave your gift there before the altar, and go your way. First be reconciled to your brother, and then come and offer your gift.
25. जब तक तू अपने मु ई के साथ मार्ग में हैं, उस से झटपट मेल मिलाप कर ले कहीं ऐसा न हो कि मु ई तुझे हाकिम को सौंपे, और हाकिम तुझे सिपाही को सौंप दे और तू बन्दीगृह में डाल दिया जाए।
25. Agree with your adversary quickly, while you are with him in the way; lest perhaps the prosecutor deliver you to the judge, and the judge deliver you to the officer, and you be cast into prison.
26. मैं तुम से सच कहता हूं कि जब तक तू कौड़ी कौड़ी भर न दे तब तक वहां से छूटने न पाएगा।।
26. Most assuredly I tell you, you shall by no means get out of there, until you have paid the last peruta.
27. तुम सुन चुके हो कि कहा गया था, कि व्यभिचार न करना।निर्गमन 20:14, व्यवस्थाविवरण 5:18
27. 'You have heard that it was said, 'You shall not commit adultery;'
28. परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उस से व्यभिचार कर चुका।
28. but I tell you that everyone who gazes at a woman to lust after her has committed adultery with her already in his heart.
29. यदि तेरी दहिनी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर अपने पास से फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।
29. If your right eye causes you to stumble, pluck it out and throw it away from you. For it is more profitable for you that one of your members should perish, than for your whole body to be cast into Gehinnom.
30. और यदि तेरा दहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उस को काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।।
30. If your right hand causes you to stumble, cut it off, and throw it away from you: for it is profitable for you that one of your members should perish, and not your whole body be thrown into Gehinnom.
31. यह भी कहा गया था, कि जो कोई अपनी पत्नी को त्याग दे तो उसे त्यागपत्रा दे।व्यवस्थाविवरण 24:1-3
31. 'It was also said, 'Whoever shall put away his wife, let him give her a writing of divorce,'
32. परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं कि जो कोई अपनी पत्नी को व्यभिचार के सिवा किसी और कारण से छोड़ दे, तो वह उस से व्यभिचार करवाता है; और जो कोई उस त्यागी हुई से ब्याह करे, वह व्यभिचार करता है।।
32. but I tell you that whoever puts away his wife, except for the cause of sexual immorality, makes her an adulteress; and whoever marries her when she is put away commits adultery.
33. फिर तुम सुन चुके हो, कि पूर्वकाल के लोगों से कहा गया था कि झूठी शपथ न खाना, परन्तु प्रभु के लिये अपनी शपथ को पूरी करना।निर्गमन 20:7, लैव्यव्यवस्था 19:12, गिनती 30:2, व्यवस्थाविवरण 5:11, व्यवस्थाविवरण 23:21
33. 'Again you have heard that it was said to them of old time, 'You shall not make false vows, but shall perform to the Lord your vows,'
34. परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि कभी शपथ न खाना; न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है।यशायाह 66:1
34. but I tell you, don't swear at all: neither by heaven, for it is the throne of God;
35. न धरती की, क्योंकि वह उसके पांवों की चौकी है; न यरूशलेम की, क्योंकि वह महाराजा का नगर है।भजन संहिता 48:2, यशायाह 66:1
35. nor by the eretz, for it is the footstool of his feet; nor by Yerushalayim, for it is the city of the great King.
36. अपने सिर की भी शपथ न खाना क्योंकि तू एक बाल को भी न उजला, न काला कर सकता है।
36. Neither shall you swear by your head, for you can't make one hair white or black.
37. परन्तु तुम्हारी बात हां की हां, या नहीं की नहीं हो; क्योंकि जो कुछ इस से अधिक होता है वह बुराई से होता है।।
37. But let your 'Yes' be 'Yes' and your 'No' be 'no.' Whatever is more than these is of the evil one.
38. तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था, कि आंख के बदले आंख, और दांत के बदले दांत।निर्गमन 21:24, लैव्यव्यवस्था 24:20, व्यवस्थाविवरण 19:21
38. 'You have heard that it was said, 'An eye for an eye, and a tooth for a tooth.'
39. परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि बुरे का सामना न करता; परन्तु जो कोई तेरे दहिने गाल पर थप्पड़ मारे, उस की ओर दूसरा भी फेर दे।
39. But I tell you, don't resist him who is evil; but whoever strikes you on your right cheek, turn to him the other also.
40. और यदि कोई तुझ पर नालिश करके तेरा कुरता लेना चाहे, तो उसे दोहर भी ले लेने दे।
40. If anyone sues you to take away your coat, let him have your cloak also.
41. और जो कोई तुझे कोस भर बेगार में ले जाए तो उसके साथ दो कोस चला जा।
41. Whoever compels you to go one mile, go with him two.
42. जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तुझ से उधार लेना चाहे, उस से मुंह न मोड़।।
42. Give to him who asks you, and don't turn away him who desires to borrow from you.
43. तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था; कि अपने पड़ोसी से प्रेम रखना, और अपने बैरी से बैर।लैव्यव्यवस्था 19:18
43. 'You have heard that it was said, 'You shall love your neighbor, and hate your enemy.'
44. परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सतानेवालों के लिये प्रार्थना करो।निर्गमन 23:4-5, नीतिवचन 25:21-22
44. But I tell you, love your enemies, bless those who curse you, do good to those who hate you, and pray for those who mistreat you and persecute you,
45. जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनो पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है।
45. that you may be children of your Father who is in heaven. For he makes his sun to rise on the evil and the good, and sends rain on the just and the unjust.
46. क्योंकि यदि तुम अपने प्रेम रखनेवालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या लाभ होगा? क्या महसूल लेनेवाले भी ऐसा ही नहीं करते?
46. For if you love those who love you, what reward do you have? Don't even the tax collectors do the same?
47. और यदि तुम केवल अपने भाइयों की को नमस्कार करो, तो कौन सा बड़ा काम करते हो? क्या अन्यजाति भी ऐसा नहीं करते?
47. If you only greet your friends, what more do you do than others? Don't even the tax collectors do the same?
48. इसलिये चाहिये कि तुम सिद्ध बनो, जैसा तुम्हारा स्वर्गीय पिता सिद्ध है।।लैव्यव्यवस्था 19:2, व्यवस्थाविवरण 18:13
48. Therefore you shall be perfect, just as your Father in heaven is perfect.