28. परन्तु यदि उसके इतनी पूंजी न हो कि उसे फिर अपनी कर सके, तो उसकी बेची हुई भूमि जुबली के वर्ष तक मोल लेनेवालों के हाथ में रहे; और जुबली के वर्ष में छूट जाए तब वह मनुष्य अपनी निज भूमि का फिर अधिकारी हो जाए।।
28. But and if his hand can not get sufficient to restore it to him again, then that which is sold shall remain in the hand of him that hath bought it, until the horn year:(jubilee) and in the horn year(of Jubilee) it shall come out, and he shall return unto his possession again.