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Cross Reference Bible
1. हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूं।
1. How I love you, LORD! You are my defender.
2. यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ानेवाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है।लूका 1:69
2. The LORD is my protector; he is my strong fortress. My God is my protection, and with him I am safe. He protects me like a shield; he defends me and keeps me safe.
3. मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा।।
3. I call to the LORD, and he saves me from my enemies. Praise the LORD!
4. मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया;प्रेरितों के काम 2:24
4. The danger of death was all around me; the waves of destruction rolled over me.
5. पाताल की रस्सियां मेरे चारो ओर थीं, और मृत्यु के फन्दे मुझ पर आए थे।
5. The danger of death was around me, and the grave set its trap for me.
6. अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्वर को दोहाई दी। और उस ने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी।।याकूब 5:4
6. In my trouble I called to the LORD; I called to my God for help. In his temple he heard my voice; he listened to my cry for help.
7. तब पृथ्वी हिल गई, और कांप उठी और पहाड़ों की नेवे कंपित होकर हिल गई क्योंकि वह अति क्रोधित हुआ था।
7. Then the earth trembled and shook; the foundations of the mountains rocked and quivered, because God was angry.
8. उसके नथनों से धुआं निकला, और उसके मुंह से आग निकलकर भस्म करने लगी; जिस से कोएले दहक उठे।
8. Smoke poured out of his nostrils, a consuming flame and burning coals from his mouth.
9. और वह स्वर्ग को नीचे झुकाकर उतर आया; और उसके पांवों तले घोर अन्धकार था।
9. He tore the sky open and came down with a dark cloud under his feet.
10. और वह करूब पर सवार होकर उड़ा, वरन पवन के पंखों पर सवारी करके वेग से उड़ा।
10. He flew swiftly on his winged creature; he traveled on the wings of the wind.
11. उस ने अन्धियारे को अपने छिपने का स्थान और अपने चारों ओर मेघों के अन्धकार और आकाश की काली घटाओं का मण्डप बनाया।
11. He covered himself with darkness; thick clouds, full of water, surrounded him.
12. उसकी उपस्थिति की झलक से उसकी काली घटाएं फट गई; ओले और अंगारे।
12. Hailstones and flashes of fire came from the lightning before him and broke through the dark clouds.
13. तब यहोवा आकाश में गरजा, और परमप्रधान ने अपनी वाणी सुनाई, ओले ओर अंगारे।।
13. Then the LORD thundered from the sky; and the voice of the Most High was heard.
14. उस ने अपने तीर चला चलाकर उनको तितर बितर किया; वरन बिजलियां गिरा गिराकर उनको परास्त किया।
14. He shot his arrows and scattered his enemies; with flashes of lightning he sent them running.
15. तब जल के नाले देख पड़े, और जगत की नेवें प्रगट हुई, यह तो यहोवा तेरी डांट से, और तेरे नथनों की सांस की झोंक से हुआ।।
15. The floor of the ocean was laid bare, and the foundations of the earth were uncovered, when you rebuked your enemies, LORD, and roared at them in anger.
16. उस ने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थांम लिया, और गहिरे जल में से खींच लिया।
16. The LORD reached down from above and took hold of me; he pulled me out of the deep waters.
17. उस ने मेरे बलवन्त शत्रु से, और उन से जो मुझ से घृणा करते थे मुझे छुडाया; क्योंकि वे अधिक सामर्थी थे।
17. He rescued me from my powerful enemies and from all those who hate me--- they were too strong for me.
18. मेरी विपत्ति के दिन वे मुझ पर आ पडे। परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था।
18. When I was in trouble, they attacked me, but the LORD protected me.
19. और उस ने मुझे निकालकर चौड़े स्थान में पहुंचाया, उस ने मुझ को छुड़ाया, क्योंकि वह मुझ से प्रसन्न था।
19. He helped me out of danger; he saved me because he was pleased with me.
20. यहोवा ने मुझ से मेरे धर्म के अनुसार व्यवहार किया; और मेरे हाथों की शुद्धता के अनुसार उस ने मुझे बदला दिया।
20. The LORD rewards me because I do what is right; he blesses me because I am innocent.
21. क्योंकि मैं यहोवा के मार्गों पर चलता रहा, और दुष्टता के कारण अपने परमेश्वर से दूर न हुआ।
21. I have obeyed the law of the LORD; I have not turned away from my God.
22. क्योंकि उसके सारे निर्णय मेरे सम्मुख बने रहे और मैं ने उसकी विधियों को न त्यागा।
22. I have observed all his laws; I have not disobeyed his commands.
23. और मैं उसके सम्मुख सिद्ध बना रहा, और अधर्म से अपने को बचाए रहा।
23. He knows that I am faultless, that I have kept myself from doing wrong.
24. यहोवा ने मुझे मेरे धर्म के अनुसार बदला दिया, और मेरे हाथों की उस शुद्धता के अनुसार जिसे वह देखता था।।
24. And so he rewards me because I do what is right, because he knows that I am innocent.
25. दयावन्त के साथ तू अपने को दयावन्त दिखाता; और खरे पुरूष के साथ तू अपने को खरा दिखाता है।
25. O LORD, you are faithful to those who are faithful to you; completely good to those who are perfect.
26. शुद्ध के साथ तू अपने को शुद्ध दिखाता, और टेढ़े के साथ तू तिर्छा बनता है।
26. You are pure to those who are pure, but hostile to those who are wicked.
27. क्योंकि तू दी लोगों को तो बचाता है; परन्तु घमण्ड भरी आंखों को नीची करता है।
27. You save those who are humble, but you humble those who are proud.
28. हां, तू ही मेरे दीपक को जलाता है; मेरा परमेश्वर यहोवा मेरे अन्धियारे को उजियाला कर देता है।
28. O LORD, you give me light; you dispel my darkness.
29. क्योंकि तेरी सहायता से मैं सेना पर धावा करता हूं; और अपने परमेश्वर की सहायता से शहरपनाह को लांघ जाता हूं।
29. You give me strength to attack my enemies and power to overcome their defenses.
30. ईश्वर का मार्ग सच्चाई; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है।।
30. This God---how perfect are his deeds! How dependable his words! He is like a shield for all who seek his protection.
31. यहोवा को छोड़ क्या कोई ईश्वर है? हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोई चट्टान है?
31. The LORD alone is God; God alone is our defense.
32. यह वही ईश्वर है, जो सामर्थ से मेरा कटिबन्ध बान्धता है, और मेरे मार्ग को सिद्ध करता है।
32. He is the God who makes me strong, who makes my pathway safe.
33. वही मेरे पैरों को हरिणियों के पैरों के समान बनाता है, और मुझे मेरे ऊंचे स्थानों पर खड़ा करता है।
33. He makes me sure-footed as a deer; he keeps me safe on the mountains.
34. वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, इसलिये मेरी बाहों से पीतल का धनुष झुक जाता है।
34. He trains me for battle, so that I can use the strongest bow.
35. तू ने मुझ को अपने बचाव की ढाल दी है, तू अपने दहिने हाथ से मुझे सम्भाले हुए है, और मेरी नम्रता ने महत्व दिया है।
35. O LORD, you protect me and save me; your care has made me great, and your power has kept me safe.
36. तू ने मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा कर दिया, और मेरे पैर नहीं फिसले।
36. You have kept me from being captured, and I have never fallen.
37. मैं अपने शत्रुओं का पीछा करके उन्हें पकड़ लूंगा; और जब तब उनका अन्त न करूं तब तक न लौटूंगा।
37. I pursue my enemies and catch them; I do not stop until I destroy them.
38. मैं उन्हें ऐसा बेधूंगा कि वे उठ न सकेंगे; वे मेरे पांवों के नीचे गिर पड़ेंगे।
38. I strike them down, and they cannot rise; they lie defeated before me.
39. क्योंकि तू ने युद्ध के लिये मेरी कमर में शक्ति का पटुका बान्धा है; और मेरे विरोधियों को मेरे सम्मुख नीचा कर दिया।
39. You give me strength for the battle and victory over my enemies.
40. तू ने मेरे शत्रुओं की पीठ मेरी ओर फेर दी, ताकि मैं उनको काट डालूं जो मुझ से द्वेष रखते हैं।
40. You make my enemies run from me; I destroy those who hate me.
41. उन्हों ने दोहाई तो दी परन्तु उन्हें कोई भी बचानेवाला न मिला, उन्हों ने यहोवा की भी दोहाई दी, परन्तु उस ने भी उनको उत्तर न दिया।
41. They cry for help, but no one saves them; they call to the LORD, but he does not answer.
42. तब मैं ने उनको कूट कूटकर पवन से उड़ाई हुई धूलि के समान कर दिया; मैं ने उनको गली कूचों की कीचड़ के समान निकाल फेंका।।
42. I crush them, so that they become like dust which the wind blows away. I trample on them like mud in the streets.
43. तू ने मुझे प्रजा के झगड़ों से भी छुड़ाया; तू ने मुझे अन्यजातियों का प्रधान बनाया है; जिन लोगों को मैं जानता भी न था वे मेरे अधीन हो गये।
43. You saved me from a rebellious people and made me ruler over the nations; people I did not know have now become my subjects.
44. मेरा नाम सुनते ही वे मेरी आज्ञा का पालन करेंगे; परदेशी मेरे वश में हो जाएंगे।
44. Foreigners bow before me; when they hear me, they obey.
45. परदेशी मुर्झा जाएंगे, और अपने किलों में से थरथराते हुए निकलेंगे।।
45. They lose their courage and come trembling from their fortresses.
46. यहोवा परमेश्वर जीवित है; मेरी चट्टान धन्य है; और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ाई हो।
46. The LORD lives! Praise my defender! Proclaim the greatness of the God who saves me.
47. धन्य है मेरा पलटा लेनेवाला ईश्वर! जिस ने देश देश के लोगों को मेरे वंश में कर दिया है;
47. He gives me victory over my enemies; he subdues the nations under me
48. और मुझे मेरे शत्रुओं से छुड़ाया है; तू मुझ को मेरे विरोधियों से ऊंचा करता, और उपद्रवी पुरूष से बचाता है।।
48. and saves me from my foes. O LORD, you give me victory over my enemies and protect me from violent people.
49. इस कारण मैं जाति जाति के साम्हने तेरा धन्यवाद करूंगा, और तेरे नाम का भजन गाऊंगा।रोमियों 15:9
49. And so I praise you among the nations; I sing praises to you.
50. वह अपने ठहराए हुए राजा का बड़ा उद्धार करता है, वह अपने अभिषिक्त दाऊद पर और उसके वंश पर युगानुयुग करूणा करता रहेगा।।
50. God gives great victories to his king; he shows constant love to the one he has chosen, to David and his descendants forever.