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World English Bible
Wycliffe Bible (1395)
Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूं।
1. To the Chief Musician. A Psalm of David, the servant of Jehovah, who spoke to Jehovah the words of this song in the day that Jehovah delivered him from the hand of all his enemies, and from the hand of Saul; and he said: I love You, O Jehovah, my strength.
2. यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ानेवाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है।लूका 1:69
2. Jehovah is my strength, and my fortress, and my deliverer; my God, my rock; I will trust in Him; He is my shield, and the horn of my salvation, my high tower.
3. मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा।।
3. I will call on Jehovah, who is worthy to be praised; so shall I be saved from my enemies.
4. मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया;प्रेरितों के काम 2:24
4. The sorrows of death hemmed me in, and the floods of ungodly men made me afraid.
5. पाताल की रस्सियां मेरे चारो ओर थीं, और मृत्यु के फन्दे मुझ पर आए थे।
5. The sorrows of hell surrounded me; the snares of death confronted me.
6. अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्वर को दोहाई दी। और उस ने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी।।याकूब 5:4
6. In my distress I called on Jehovah, and I cried to my God; He heard my voice out of His temple, and my cry came before Him, into His ears.
7. तब पृथ्वी हिल गई, और कांप उठी और पहाड़ों की नेवे कंपित होकर हिल गई क्योंकि वह अति क्रोधित हुआ था।
7. Then the earth shook and trembled; and the foundations of the hills moved and were shaken, because He was angry.
8. उसके नथनों से धुआं निकला, और उसके मुंह से आग निकलकर भस्म करने लगी; जिस से कोएले दहक उठे।
8. A smoke went up out of His nostrils, and fire devoured out of His mouth; coals were kindled by it.
9. और वह स्वर्ग को नीचे झुकाकर उतर आया; और उसके पांवों तले घोर अन्धकार था।
9. And He bowed the heavens and came down, and darkness was under His feet.
10. और वह करूब पर सवार होकर उड़ा, वरन पवन के पंखों पर सवारी करके वेग से उड़ा।
10. And He rode on a cherub, and flew; yea, He soared on the wings of the wind.
11. उस ने अन्धियारे को अपने छिपने का स्थान और अपने चारों ओर मेघों के अन्धकार और आकाश की काली घटाओं का मण्डप बनाया।
11. He made darkness His secret place, His pavilion around Him, darkness of waters, thick clouds of the skies.
12. उसकी उपस्थिति की झलक से उसकी काली घटाएं फट गई; ओले और अंगारे।
12. At the brightness before Him, His dark clouds passed through, hailstones and coals of fire passed.
13. तब यहोवा आकाश में गरजा, और परमप्रधान ने अपनी वाणी सुनाई, ओले ओर अंगारे।।
13. Jehovah also thundered in the heavens, and the Highest gave forth His voice; hailstones and coals of fire.
14. उस ने अपने तीर चला चलाकर उनको तितर बितर किया; वरन बिजलियां गिरा गिराकर उनको परास्त किया।
14. Yea, He sent out His arrows and scattered them; and He shot out lightnings and crushed them.
15. तब जल के नाले देख पड़े, और जगत की नेवें प्रगट हुई, यह तो यहोवा तेरी डांट से, और तेरे नथनों की सांस की झोंक से हुआ।।
15. Then the channels of waters were seen, and the foundations of the world were uncovered, at Your rebuke, O Jehovah, at the blast of the breath of Your nostrils.
16. उस ने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थांम लिया, और गहिरे जल में से खींच लिया।
16. He sent from above, He took me, He drew me out of many waters.
17. उस ने मेरे बलवन्त शत्रु से, और उन से जो मुझ से घृणा करते थे मुझे छुडाया; क्योंकि वे अधिक सामर्थी थे।
17. He delivered me from my strong enemy, and from those who hated me; for they were too strong for me.
18. मेरी विपत्ति के दिन वे मुझ पर आ पडे। परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था।
18. They went before me in the day of my calamity; but Jehovah was my stay.
19. और उस ने मुझे निकालकर चौड़े स्थान में पहुंचाया, उस ने मुझ को छुड़ाया, क्योंकि वह मुझ से प्रसन्न था।
19. He brought me forth also into a large place; He delivered me because He delighted in me.
20. यहोवा ने मुझ से मेरे धर्म के अनुसार व्यवहार किया; और मेरे हाथों की शुद्धता के अनुसार उस ने मुझे बदला दिया।
20. Jehovah rewarded me according to my righteousness; according to the cleanness of my hands He has repaid me.
21. क्योंकि मैं यहोवा के मार्गों पर चलता रहा, और दुष्टता के कारण अपने परमेश्वर से दूर न हुआ।
21. For I have kept the ways of Jehovah, and have not wickedly departed from my God.
22. क्योंकि उसके सारे निर्णय मेरे सम्मुख बने रहे और मैं ने उसकी विधियों को न त्यागा।
22. For all His judgments were before me, and I did not put away His Precepts from me.
23. और मैं उसके सम्मुख सिद्ध बना रहा, और अधर्म से अपने को बचाए रहा।
23. I was also upright before Him, and I kept myself from my iniquity.
24. यहोवा ने मुझे मेरे धर्म के अनुसार बदला दिया, और मेरे हाथों की उस शुद्धता के अनुसार जिसे वह देखता था।।
24. And Jehovah has returned to me according to my righteousness, according to the cleanness of my hands in His eyes.
25. दयावन्त के साथ तू अपने को दयावन्त दिखाता; और खरे पुरूष के साथ तू अपने को खरा दिखाता है।
25. With the merciful, You will show Yourself merciful; with an upright man You will show Yourself upright;
26. शुद्ध के साथ तू अपने को शुद्ध दिखाता, और टेढ़े के साथ तू तिर्छा बनता है।
26. with the pure You will show Yourself pure; and with the crooked You will show Yourself perverse.
27. क्योंकि तू दी लोगों को तो बचाता है; परन्तु घमण्ड भरी आंखों को नीची करता है।
27. For You will save the afflicted people, but will bring down high looks.
28. हां, तू ही मेरे दीपक को जलाता है; मेरा परमेश्वर यहोवा मेरे अन्धियारे को उजियाला कर देता है।
28. For You will light my candle; Jehovah my God will make my darkness light.
29. क्योंकि तेरी सहायता से मैं सेना पर धावा करता हूं; और अपने परमेश्वर की सहायता से शहरपनाह को लांघ जाता हूं।
29. For by You I have run through a troop; and by my God I have leaped over a wall.
30. ईश्वर का मार्ग सच्चाई; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है।।
30. As for God, His way is perfect; the Word of Jehovah is tried; He is a shield to all those who trust in Him.
31. यहोवा को छोड़ क्या कोई ईश्वर है? हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोई चट्टान है?
31. For who is God besides Jehovah? Or, who is a Rock except our God?
32. यह वही ईश्वर है, जो सामर्थ से मेरा कटिबन्ध बान्धता है, और मेरे मार्ग को सिद्ध करता है।
32. It is God who girds me with strength and makes my way perfect.
33. वही मेरे पैरों को हरिणियों के पैरों के समान बनाता है, और मुझे मेरे ऊंचे स्थानों पर खड़ा करता है।
33. He makes my feet like hinds' feet, and sets me on my high places.
34. वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, इसलिये मेरी बाहों से पीतल का धनुष झुक जाता है।
34. He teaches my hands to war, so that a bow of bronze is bent by my arms.
35. तू ने मुझ को अपने बचाव की ढाल दी है, तू अपने दहिने हाथ से मुझे सम्भाले हुए है, और मेरी नम्रता ने महत्व दिया है।
35. You have also given me the shield of Your salvation; and Your right hand has held me up, and Your gentleness has made me great.
36. तू ने मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा कर दिया, और मेरे पैर नहीं फिसले।
36. You have given a wide place for my steps under me, so that my feet have not slipped.
37. मैं अपने शत्रुओं का पीछा करके उन्हें पकड़ लूंगा; और जब तब उनका अन्त न करूं तब तक न लौटूंगा।
37. I have pursued my enemies and overtaken them; nor did I turn again until they were destroyed.
38. मैं उन्हें ऐसा बेधूंगा कि वे उठ न सकेंगे; वे मेरे पांवों के नीचे गिर पड़ेंगे।
38. I have shattered them, and they cannot rise again; they have fallen under my feet.
39. क्योंकि तू ने युद्ध के लिये मेरी कमर में शक्ति का पटुका बान्धा है; और मेरे विरोधियों को मेरे सम्मुख नीचा कर दिया।
39. For You have girded me with strength for the battle; You have humbled under me those who rose up against me.
40. तू ने मेरे शत्रुओं की पीठ मेरी ओर फेर दी, ताकि मैं उनको काट डालूं जो मुझ से द्वेष रखते हैं।
40. You have also given me the neck of my enemies; so that I might destroy those who hate me.
41. उन्हों ने दोहाई तो दी परन्तु उन्हें कोई भी बचानेवाला न मिला, उन्हों ने यहोवा की भी दोहाई दी, परन्तु उस ने भी उनको उत्तर न दिया।
41. They cried, but there was none to save; even to Jehovah, but He did not answer them.
42. तब मैं ने उनको कूट कूटकर पवन से उड़ाई हुई धूलि के समान कर दिया; मैं ने उनको गली कूचों की कीचड़ के समान निकाल फेंका।।
42. Then I beat them small as the dust before the wind; I cast them out like the dirt in the streets.
43. तू ने मुझे प्रजा के झगड़ों से भी छुड़ाया; तू ने मुझे अन्यजातियों का प्रधान बनाया है; जिन लोगों को मैं जानता भी न था वे मेरे अधीन हो गये।
43. You have delivered Me from the strivings of the people; You have made Me the head of the nations; a people whom I have not known shall serve Me.
44. मेरा नाम सुनते ही वे मेरी आज्ञा का पालन करेंगे; परदेशी मेरे वश में हो जाएंगे।
44. As soon as they hear of Me, they shall obey Me; the sons of strangers shall bow down to Me.
45. परदेशी मुर्झा जाएंगे, और अपने किलों में से थरथराते हुए निकलेंगे।।
45. The sons of strangers shall fade away and be afraid out of their strongholds.
46. यहोवा परमेश्वर जीवित है; मेरी चट्टान धन्य है; और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ाई हो।
46. Jehovah lives; and blessed be my rock, and let the God of my salvation be praised.
47. धन्य है मेरा पलटा लेनेवाला ईश्वर! जिस ने देश देश के लोगों को मेरे वंश में कर दिया है;
47. It is God who avenges me, and humbles the people under me.
48. और मुझे मेरे शत्रुओं से छुड़ाया है; तू मुझ को मेरे विरोधियों से ऊंचा करता, और उपद्रवी पुरूष से बचाता है।।
48. He delivers me from my enemies; yea, You lift me up above those who rise up against me; You have delivered me from the violent man.
49. इस कारण मैं जाति जाति के साम्हने तेरा धन्यवाद करूंगा, और तेरे नाम का भजन गाऊंगा।रोमियों 15:9
49. Therefore I will give thanks to You, O Jehovah, among the nations, and sing praises to Your name,
50. वह अपने ठहराए हुए राजा का बड़ा उद्धार करता है, वह अपने अभिषिक्त दाऊद पर और उसके वंश पर युगानुयुग करूणा करता रहेगा।।
50. magnifying the salvations to His king, and working mercy to His anointed, to David, and to his seed forevermore.