2 Chronicles - 2 इतिहास 23 | View All

1. सातवें वर्ष में यहोयादा ने हियाब बान्धकर यरोहाम के पुत्रा अजर्याह, यहोहानान के पुत्रा इश्वाएल, ओबेद के पुत्रा अजर्याह, अदायाह के पुत्रा मासेयाह और जिक्री के पुत्रा बलीशपात, इन शतपतियों से वाचा बान्धी।

1. And in the seventh year Jehoiada strengthened himself, and took the captains of the hundreds, Azariah the son of Jeroham, and Ishmael the son of Jehohanan, and Azariah the son of Obed, and Maaseiah the son of Adaiah, and Elishaphat the son of Zichri, into covenant with him.

2. तब वे यहूदा में घूमकर यहूदा के सब नगरों में से लेवियों को और इस्राएल के पितरों के घरानों के मुख्य मुख्य पुरूषों को इकट्ठा करके यरूशलेम को ले आए।

2. And they went about in Judah and gathered together the Levites out of all the cities of Judah, and the chief fathers of Israel; and they came to Jerusalem.

3. और उस सारी मएडली ने परमेश्वर के भवन में राजा के साथ वाचा बान्धी, और यहोयादा ने उन से कहा, सुनो, यह राजकुमार राज्य करेगा जैसे कि यहोवा ने दाऊद के वंश के विषय कहा है।

3. And all the congregation made a covenant with the king in the house of God. And he said to them, Behold, the king's son shall reign, as Jehovah has said of the sons of David.

4. तो तुम एक काम करो, अर्थात् तुम याजकों और लेवियों की एक तिहाई लोग जो विश्रामदिन को आनेवाले हो, वे द्वारपाली करें,

4. This is the thing which ye shall do: a third part of you that come in on the sabbath, of the priests and of the Levites, shall be keepers of the doors;

5. और एक तिहाई लोग राजभवन में रहें और एक तिहाई लोग नेव के फाटक के पास रहें; और सब लोग यहोवा के भवन के आंगनों में रहें।

5. and a third part shall be at the king's house; and a third part at the gate of the foundation; and all the people shall be in the courts of the house of Jehovah.

6. परन्तु याजकों और सेवा टहल करनेवाले लेवियों को छोड़ और कोई यहोवा के भवन के भीतर न आने पाए; वे तो भीतर आएं, क्योंकि वे पवित्रा हैं परन्तु सब लोग यहोवा के भवन की चौकसी करें।

6. But let none come into the house of Jehovah except the priests and those of the Levites that do the service; they shall go in, for they are holy; but all the people shall keep the watch of Jehovah.

7. और लेवीय लोग अपने अपने हाथ में हथियार लिये हुए राजा के चारों ओर रहें और जो कोई भवन के भीतर घुसे, वह मार डाला जाए। और तुम राजा के आते जाते उसके साथ रहना।

7. And the Levites shall encompass the king round about, every man with his weapons in his hand; and he that comes into the house shall be put to death; and ye shall be with the king when he comes in and when he goes out.

8. यहोयादा याजक की इन सब आज्ञाओं के अनुसार लेवियों और सब यहूदियों ने किया। उन्हों ने विश्रामदिन को आनेवाले और विश्रामदिन को जानेवाले दोनों दलों के, अपने अपने जनों को अपने साथ कर लिया, क्योंकि यहोयादा याजक ने किसी दल के लेवियों को विदा न किया थ।

8. And the Levites and all Judah did according to all that Jehoiada the priest commanded; and they took every man his men, those that were to come in on the sabbath, with them that were to go forth on the sabbath; for Jehoiada the priest did not liberate the divisions.

9. तब यहोयादा याजक ने शतपतियों को राजा दाऊद के बर्छे और भाले और ढालें जो परमेश्वर के भवन में थीं, दे दीं।

9. And Jehoiada the priest gave to the captains of the hundreds king David's spears and shields and targets, which were in the house of God.

10. फिर उस ने उन सब लोगों को अपने अपने हाथ में हथियार लिये हुए भवन के दक्खिनी कोने से लेकर, उत्तरी कोने तक वेदी और भवन के पास राजा के चारों ओर उसकी आड़ करके खड़ा कर दिया।

10. And he set all the people, every man with his javelin in his hand, from the right side of the house to the left side of the house, toward the altar and the house, by the king round about.

11. तब उन्हों ने राजकुमार को बाहर ला, उसके सिर पर मुकुट रखा और साक्षीपत्रा देकर उसे राजा बनाया; और यहोयादा और उसके पुत्रों ने उसका अभिषेक किया, और लोग बोल उठे, राजा जीवित रहे।

11. And they brought forth the king's son, and put the crown upon him, and [gave him] the testimony, and made him king. And Jehoiada and his sons anointed him, and said, Long live the king!

12. जब अतल्याह को उन लोगों का हल्ला, जो दौड़ते और राजा को सराहते थे सुन पड़ा, तब वह लोगों के पास यहोवा के भवन में गई।

12. And Athaliah heard the noise of the people running and praising the king, and she came to the people into the house of Jehovah.

13. और उस ने क्या देखा, कि राजा द्वार के निकट खम्भे के पास खड़ा है और राजा के पास प्रधान और तुरही बजानेवाले खड़े हैं, और सब लोग आनन्द कर रहे हैं और तुरहियां बजा रहे हैं और गाने बजानेवाले बाजे बजाते और स्तुति करते हैं। तब अतल्याह अपने वस्त्रा फाड़कर पुकारने लगी, राजद्रोह, राजद्रोह !

13. And she looked, and behold, the king stood on his dais at the entrance, and the princes and the trumpets were by the king; and all the people of the land rejoiced, and blew with trumpets; and the singers [were there] with the instruments of music, and such as taught to sing praise. And Athaliah rent her garments, and said, Conspiracy! Conspiracy!

14. तब यहोयादा याजक ने दल के अधिकारी शतपतियों को बाहर लाकर उन से कहा, कि उसे अपनी पांतियों के बीच से निकाल ले जाओ; और जो कोई उसके पीछे चले, वह तलवार से मार डाला जाए। याजक ने कहा, कि उसे यहोवा के भवन में न मार डालो।

14. And Jehoiada the priest brought out the captains of the hundreds that were set over the host, and said to them, Lead her forth without the ranks; and whosoever follows her, let him be slain with the sword; for the priest said, Ye shall not put her to death in the house of Jehovah.

15. तब उन्हों ने दोनों ओर से उसको जगह दी, और वह राजभवन के घोड़ाफाटक के द्वार तक गई, और वहां उन्हों ने उसको मार डाला।

15. And they made way for her, and she went through the entrance of the horse-gate into the king's house, and they put her to death there.

16. तब यहोयादा ने अपने और सारी प्रजा के और राजा के बीच यहोवा की प्रजा होने की वाचा बन्धवाई।

16. And Jehoiada made a covenant between himself and all the people and the king, that they should be the people of Jehovah.

17. तब सब लोगों ने बाल के भवन को जाकर ढा दिया; और उसकी वेदियों और मूरतों को टुकड़े टुकड़े किया, और मत्तान नाम बाल के याजक को वेदियों के साम्हने ही घात किया।

17. And all the people went into the house of Baal, and broke it down; and they broke his altars and his images in pieces, and slew Mattan the priest of Baal before the altars.

18. तब यहोयादा ने यहोवा के भवन की सेवा के लिये उन लेवीय याजकों को ठहरा दिया, जिन्हें दाऊद ने यहोवा के भवन पर दल दल करके इसलिये ठहराया था, कि जैसे मूसा की रयवस्था में लिखा है, वैसे ही वे यहोवा को होमबलि चढ़ाया करें, और दाऊद की चलाई हुई विधि के अनुसार आनन्द करें और गाएं।

18. And Jehoiada appointed the offices of the house of Jehovah under the hand of the priests, the Levites, whom David had set by classes over the house of Jehovah to offer up Jehovah's burnt-offerings, as it is written in the law of Moses, -- with rejoicing and with singing according to the directions of David.

19. और उस ने यहोवा के भवन के फाटकों पर द्वारपालों को इसलिये खड़ा किया, कि जो किसी रीति से अशुठ्ठ हो, वह भीतर जाने न पाए।

19. And he set the doorkeepers at the gates of the house of Jehovah, that no one unclean in anything should enter in.

20. और वह शतपतियों और रईसों और प्रजा पर प्रभुता करनेवालों और देश के सब लोगों को साथ करके राजा को यहोवा के भवन से नीचे ले गया और ऊंचे फाटक से होकर राजभवन में आया, और राजा को राजगद्दी पर बैठाया।

20. And he took the captains of the hundreds, and the nobles, and the governors of the people, and all the people of the land, and brought down the king from the house of Jehovah; and they came through the upper gate into the king's house, and set the king upon the throne of the kingdom.

21. तब सब लोग आनन्दित हुए और नगर में शान्ति हुई। अतल्याह तो तलवार से मार ही डाली गई थी।

21. And all the people of the land rejoiced, and the city was quiet; and they had slain Athaliah with the sword.



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