2 Kings - 2 राजाओं 10 | View All

1. अहाब के तो सत्तर बेटे, पोते, शोमरोन में रहते थे। सो येहू ने शोमरोन में उन पुरनियों के पास, और जो यिज्रैल के हाकिम थे, और जो अहाब के लड़केवालों के पालनेवाले थे, उनके पास पत्रा लिखकर भेजे,

1. শমরিয়ায় আহাবের সত্তর জন পুত্র ছিল। যেহূ শমরিয়ায় যিষ্রিয়েলের অধ্যক্ষদের অর্থাৎ প্রাচীনদের কাছে ও আহাবের [সন্তানদিগের] অভিভাবকদের কাছে কয়েকখানি পত্র লিখিয়া পাঠাইলেন।

2. कि तुम्हारे स्वामी के बेटे, पोते तो तुम्हारे पास रहते हैं, और तुम्हारे रथ, और धेड़े भी हैं, और तुम्हारे एक गढ़वाला नगर, और हथियार भी हैं; तो इस पत्रा के हाथ लगते ही,

2. তিনি লিখিলেন, তোমাদের প্রভুর পুত্রগণ তোমাদের কাছে আছে, এবং কতকগুলি রথ, অশ্ব ও সুদৃঢ় এক নগর এবং অস্ত্রশস্ত্রও তোমাদের কাছে আছে।

3. अपने स्वामी के बेटों में से जो सब से अच्छा और योग्य हो, उसको छांटकर, उसके पिता की गद्दी पर बैठाओ, और अपने स्वामी के घराने के लिये लड़ो।

3. অতএব তোমাদের নিকটে এই পত্র উপস্থিত হইবামাত্র তোমাদের প্রভুর পুত্রদের মধ্যে কোন্‌ ব্যক্তি সৎ ও উপযুক্ত, তাহা নিশ্চয় করিয়া তাহার পিতার সিংহাসনে তাহাকে বসাও, এবং আপন প্রভুর কুলের নিমিত্ত যুদ্ধ কর।

4. परंतु वे निपट डर गए, और कहने लगे, उसके साम्हने दो राजा भी ठहर न सके, फिर हम कहां ठहर सकेंगे?

4. কিন্তু তাহারা যার পর নাই ভীত হইয়া কহিল, দেখ, যাঁহার সম্মুখে দুই জন রাজা দাঁড়াইতে পারিলেন না, তাঁহার সম্মুখে আমরা কি প্রকারে দাঁড়াইব?

5. तब जो राज घराने के काम पर था, और जो नगर के ऊपर था, उन्हों ने और पुरनियों और लड़केबालों के पालनेवालों ने येहू के पास यों कहला भेजा, कि हम तेरे दास हैं, जो कुछ तू हम से कहे, उसे हम करेंगे; हम किसी को राजा न बनाएंगे, जो तुझे भाए वहीं कर।

5. অতএব গৃহাধ্যক্ষ ও নগরাধ্যক্ষ এবং প্রাচীনবর্গ ও অভিভাবকেরা যেহূর নিকটে এই কথা বলিয়া পাঠাইল, আমরা আপনার দাস, আপনি আমাদিগকে যাহা যাহা বলিবেন, সে সমস্তই করিব, কাহাকেও রাজা করিব না; আপনার দৃষ্টিতে যাহা ভাল, আপনি তাহাই করুন।

6. तब उस ने दूसरा पत्रा लिखकर उनके पास भेजा, कि यदि तुम मेरी ओर के हो और मेरी मानो, तो अपने स्वामी के बेटों पोतों के सिर कटवाकर कल इसी समय तक मेरे पास यिज्रैल में हाजिर होना। राजपुत्रा तो जो सत्तर मतुष्य थे, वे उस नगर के रईसों के पास पलते थे।

6. পরে তিনি তাহাদের কাছে দ্বিতীয় বার এক পত্র লিখিলেন, যথা, তোমরা যদি আমার সপক্ষ হও, ও আমার রবে কর্ণপাত কর, তবে আপন প্রভুর পুত্রদিগের মুণ্ডগুলি লইয়া কল্য এমন সময়ে যিষ্রিয়েলে আমার নিকটে আসিও। সেই রাজকুমারেরা সত্তর জন, তাহারা আপনাদের প্রতিপালনকারী নগরবাসী বড় লোকদের সঙ্গে ছিল।

7. यह पत्रा उनके हाथ लगते ही, उन्हों ने उन सत्तरों राजपुत्रों को पकड़कर मार डाला, और उनके सिर टोकरियों में रखकर यिज्रैल को उसके पास भेज दिए।

7. আর পত্রখানি তাহাদের নিকটে উপস্থিত হইলে তাহারা সেই সত্তর জন রাজকুমারকে লইয়া বধ করিল, এবং কতকগুলি ডালাতে করিয়া তাহাদের মুণ্ড যিষ্রিয়েলে তাঁহার নিকটে পাঠাইয়া দিল।

8. और एक दूत ने उसके पास जाकर बता दिया, कि राजकुमारों के सिर आगए हैं। तब उस ने कहा, उन्हें फाटक में दो ढेर करके बिहान तक रखो।

8. পরে এক জন দূত আসিয়া তাঁহাকে সংবাদ দিয়া কহিল, রাজকুমারদের মুণ্ড সকল আনা হইয়াছে। তিনি কহিলেন, দ্বারপ্রবেশের স্থানে দুই রাশি করিয়া সেগুলি প্রাতঃকাল পর্য্যন্ত রাখ।

9. बिहान को उस ने बाहर जा खड़े होकर सब लोगों से कहा, तुम तो निदष हो, मैं ने अपने स्वामी से राजद्रोह की गोष्ठी करके उसे घात किया, परन्तु इन सभों को किस ने मार डाला?

9. পরে প্রাতঃকালে তিনি বাহিরে গিয়া দাঁড়াইলেন, ও সমস্ত লোককে কহিলেন, তোমরা ত ধার্ম্মিক; দেখ, আমি আপন প্রভুর বিরুদ্ধে চক্রান্ত করিয়া তাহাকে মারিয়া ফেলিয়াছি; কিন্তু এই সকলকে কে বধ করিল?

10. अब जान लो कि जो वचन यहोवा ने अपने दास एलिरयाह के द्वारा कहा था, उसे उस ने पूरा किया है; जो वचन यहोवा ने अहाब के घराने के विषय कहा, उस में से एक भी बात बिना पूरी हुए न रहेगी।

10. এখন তোমরা জানিও, সদাপ্রভু আহাব-কুলের বিপরীতে যাহা বলিয়াছেন, সদাপ্রভুর সেই বাক্যের মধ্যে কিছুই ভূমিতে পতিত হইবার নয়; কারণ সদাপ্রভু আপন দাস এলিয়ের দ্বারা যাহা বলিয়াছেন, তাহা করিলেন।

11. तब अहाब के घराने के जितने लोग यिज्रैल में रह गए, उन सभों को और उसके जितने प्रधान पुरूष और मित्रा और याजक थे, उन सभों को येहू ने मार डाला, यहां तक कि उस ने किसी को जीवित न छोड़ा।

11. পরে যিষ্রিয়েলে আহাব-কুলের যত লোক অবশিষ্ট ছিল, যেহূ তাহাদিগকে, তাঁহার সমস্ত মহৎ লোককে, তাঁহার বন্ধুবান্ধবদিগকে ও তাঁহার যাজকদিগকে বধ করিলেন, তাঁহার সম্বন্ধীয় কাহাকেও অবশিষ্ট রাখিলেন না।

12. तब वह वहां से चलकर शोमरोन को गया। और मार्ग में चरवाहों के ऊन कतरने के स्थान पर पहुंचा ही था,

12. পরে তিনি উঠিয়া প্রস্থান করিলেন, শমরিয়ায় গেলেন। পথিমধ্যে মেষ-পালকদের মেষ-লোমচ্ছেদন গৃহে উপস্থিত হইলে,

13. कि यहूदा के राजा अहरयाह के भई येहू से मिले और जब उस ने पूछा, तुम कौन हो? तब उन्हों ने उत्तर दिया, हम अहज्याह के भाई हैं, और राजमुत्रों और राजमाता के बेटों का कुशलक्षेम पूछने को जाते हैं।

13. যিহূদা-রাজ অহসিয়ের ভ্রাতাদের সহিত যেহূর সাক্ষাৎ হইল; তিনি জিজ্ঞাসা করিলেন, তোমরা কে? তাহারা কহিল, আমরা অহসিয়ের ভ্রাতা; রাজার ও মহিষীর সন্তানদিগকে মঙ্গলবাদ করিতে যাইতেছি।

14. तब उस ने कहा, इन्हें जीवित पकड़ो। सो उन्हों ने उनको जो बयालीस पुरूष थे, जीवित पकड़ा, और ऊन कतरते के स्थान की बाबली पर मार डाला, उस ने उन में से किसी को न छोड़ा।

14. তিনি কহিলেন, উহাদিগকে জীবন্ত ধর। তাহাতে লোকেরা তাহাদিগকে জীবন্ত ধরিয়া মেষ-লোমচ্ছেদন-গৃহের কূপের নিকটে বধ করিল, বিয়াল্লিশ জনের মধ্যে এক জনকেও অবশিষ্ট রাখিল না।

15. जब वह वहां से चला, तब रेकाब का पुत्रा यहोनादाब साम्हने से आता हुआ उसको मिला। उसका कशल उस ने पूछकर कहा, मेरा मन तो तेरी ओर निष्कपट है सो क्या तेरा मन भी वैसा ही है? यहोनादाब ने कहा, हां, ऐसा ही है। फिर उस ने कहा, ऐसा हो, तो अपना हाथ मुझे दे। उस ने अपना हाथ उसे दिया, और वह यह कहकर उसे अपने पास रथ पर चढ़ाने लगा,

15. যেহূ তথা হইতে প্রস্থান করিলে রেখবের পুত্র যিহোনাদবের সহিত তাঁহার দেখা হইল; তিনি তাঁহারই কাছে আসিতেছিলেন। যেহূ তাঁহাকে মঙ্গলবাদ করিয়া কহিলেন, তোমার প্রতি আমার মন যেমন, তেমনি কি তোমার মন সরল? যিহোনাদব কহিলেন, সরল। যদি তাহা হয়, তবে আমাকে হস্ত দেও। পরে তিনি তাঁহাকে হস্ত দিলে যেহূ তাঁহাকে আপনার কাছে রথে চড়াইলেন।

16. कि मेरे संग चल। और देख, कि मुझे यहोवा के निमित्त कैसी जलन रहती है। तब वह उसके रथ पर चढ़ा दिया गया।

16. আর তিনি কহিলেন, আমার সঙ্গে চল, সদাপ্রভুর নিমিত্ত আমার যে উদ্যোগ, তাহা দেখ; এইরূপে তাঁহাকে তাঁহার রথে চড়াইয়া লওয়া হইল।

17. शोमरोन को पहुंचकर उस ने यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उस ने एलिरयाह से कहा था, अहाब के जितने शोमरोन में बचे रहे, उन सभों को मार के विनाश किया।

17. পরে শমরিয়ায় উপস্থিত হইলে যেহূ শমরিয়ায় অবশিষ্ট আহাবের সমস্ত লোককে বধ করিলেন, যে পর্য্যন্ত না আহাব-কুলকে একেবারে বিনষ্ট করিলেন; সদাপ্রভু এলিয়কে যে কথা বলিয়াছিলেন, তদনুসারেই করিলেন।

18. तब येहू ने सब लोगों को इकट्ठा करके कहा, अहाब ने तो बाल की थोड़ी ही उपासना की थी, अब येहू उसकी अपासना बढ़के करेगा।

18. পরে যেহূ সমস্ত লোককে একত্র করিয়া তাহাদিগকে কহিলেন, আহাব বালের অল্পই সেবা করিতেন, কিন্তু যেহূ তাঁহার অধিক সেবা করিবে।

19. इसलिये अब बाल के सब नबियों, सब उपासकों और सब याजकों को मेरे पास बुला लाओ, उन में से कोई भी न रह जाए; क्योंकि बाल के लिये मेरा एक बड़ा यज्ञ होनेवाला है; जो कोई न आए वह जीवित न बचेगा। येहू ने यह काम कमट करके बाल के सब उपासकों को नाश करने के लिये किया।

19. অতএব এখন তোমরা বালের সমস্ত ভাববাদীকে, তাঁহার সমস্ত পূজককে ও সমস্ত যাজককে আমার কাছে ডাকিয়া আন, কেহই অনুপস্থিত না হউক; কেননা, বালের উদ্দেশে আমাকে মহাযজ্ঞ করিতে হইবে; যে কেহ অনুপস্থিত হইবে, সে বাঁচিবে না। কিন্তু যেহূ বালের পূজকদিগকে বিনষ্ট করিবার আশয়ে এই ছল করিয়াছিলেন।

20. तब येहू ने कहा, बाल की एक पवित्रा महासभा का प्रचार करो। और लोगों ने प्रचार किया।

20. পরে যেহূ বলিলেন, বালের উদ্দেশে পর্ব্বসভা নিরূপণ কর। তাহারা পর্ব্ব ঘোষণা করিয়া দিল।

21. और येहू ने सारे इस्राएल में दूत भेजे; तब वाल के सब उपासक आए, यहां तक कि ऐसा कोई न रह गया जो न आया हो। और वे बाल के भवन में इतने आए, कि वह एक सिरे से दूसरे सिरे तक भर गया।

21. আর যেহূ ইস্রায়েলের সর্ব্বত্র লোক পাঠাইলে বালের যত পূজক ছিল, সকলে আসিল, কেহ অনুপস্থিত রহিল না। পরে তাহারা বালের গৃহে প্রবিষ্ট হইলে বালের গৃহ এক প্রান্ত হইতে অন্য প্রান্ত পর্য্যন্ত পরিপূর্ণ হইল।

22. तब उस ने उस मनुष्य से जो वस्त्रा के घर का अधिकारी था, कहा, बाल के सब उपासकों के लिये वस्त्रा निकाल ले आ; सो वह उनके लिये वस्त्रा निकाल ले आया।

22. তখন তিনি বস্ত্রাগারের অধ্যক্ষকে কহিলেন, বালের সমস্ত পূজকের জন্য বস্ত্র বাহির করিয়া আন। তাহাতে সে তাহাদের জন্য বস্ত্র বাহির করিয়া আনিল।

23. तब येहू रेकाब के पुत्रा यहोनादाब को संग लेकर बाल के भपन में गया, और बाल के उपासकों से कहा, ढूंढ़कर देखो, कि यहां तुम्हारे संग यहोवा का कोई उपासक तो नहीं है, केवल बाल ही के उपासक हैं।

23. পরে যেহূ ও রেখবের পুত্র যিহোনাদব বালের গৃহে গেলেন; তিনি বালের পূজকদিগকে কহিলেন, তদন্ত করিয়া দেখ, এখানে তোমাদের সঙ্গে বালের পূজক ব্যতিরেকে সদাপ্রভুর দাসদের মধ্যে কেহ যেন না থাকে।

24. तब वे मेलबलि और होमबलि चढ़ाने को भीतर गए। येहू ने तो अस्सी पुरूष बाहर ठहरा कर उन से कहा था, यदि उन मनुष्यों में से जिन्हें मैं तुम्हारे हाथ कर दूं, कोर्ठ भी बचने पाए, तो जो उसे जाने देगा उसका प्राण, उसके प्राण की सन्ती जाएगा।

24. আর উহারা বলিদান ও হোম করিতে ভিতরে গেল। এ দিকে যেহূ আশী জনকে বাহিরে রাখিয়া বলিয়াছিলেন, ঐ যে লোকদিগকে আমি তোমাদের হস্তগত করিলাম, উহাদের এক জনও যদি পলাইয়া বাঁচে, তবে [যে তাহাকে ছাড়িয়া দিবে] উহার প্রাণের জন্য তাহার প্রাণ যাইবে।

25. फिर जब होमबलि चढ़ चुका, तब संहू ने पहरूओं और सरदारों से कहा, भीतर जाकर उन्हें मार डालो; कोई निकलने न पाए। तब उन्हों ने उन्हें तलवार से मारा और पहरूए और सरदार उनको बाहर फेंककर बाल के भवन के नगर को गए।

25. পরে হোম কার্য্য সাঙ্গ হইলে যেহূ ধাবক সেনাদিগকে ও সেনানীগণকে বলিলেন, ভিতরে যাও, উহাদিগকে বধ কর, এক জনকেও বাহিরে আসিতে দিও না। তখন তাহারা খড়্‌গধারে তাহাদিগকে আঘাত করিল; পরে ধাবক সেনারা ও সেনানীগণ তাহাদিগকে বাহিরে ফেলিয়া দিল; পরে তাহারা বাল-মন্দিরের পুরীতে গেল;

26. और उन्हों ने बाल के भवन में की लाठें निकालकर फूंक दीं।

26. আর বালের মন্দির হইতে স্তম্ভ সকল বাহির করিয়া পোড়াইয়া ফেলিল।

27. और बाल की लाठ को उन्हों ने तोड़ डाला; और बाल के भवन को ढाकर पायखाना बना दिया; और वह आज तक ऐसा ही है।

27. তাহারা বালের স্তম্ভটী ভাঙ্গিয়া ফেলিল, এবং বালের গৃহ ভাঙ্গিয়া সেখানে এক পায়খানা প্রস্তুত করিল, তাহা অদ্যাপি আছে।

28. यों येहू ने बाल को इस्राएल में से नाश करके दूर किया।

28. এইরূপে যেহূ ইস্রায়েলের মধ্য হইতে বালকে উচ্ছিন্ন করিলেন।

29. ैतौभी नबात के पुत्रा यारोबाम, जिस ने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार करने, अर्थात् बेतेल और दान में के सोने के बछड़ों की पूजा, उस से येहू अलग न हुआ।

29. তথাপি নবাটের পুত্র যে যারবিয়াম ইস্রায়েলকে পাপ করাইয়াছিলেন, তাঁহার পাপবস্তুর অর্থাৎ বৈথেলস্থ ও দানস্থ স্বর্ণময় দুই গোবৎসের অনুগমন হইতে যেহূ ফিরিলেন না।

30. और यहोवा ने येहू से कहा, इसलिये कि नू ने वह किया, जो मेरी दृष्टि में ठीक है, और अहाब के घराने से मेरी इच्छा के अनुसार बर्ताव किया है, तेरे परपोते के पुत्रा तक तेरी सन्तान इस्राएल की गद्दी पर बिराजती रहेगी।

30. আর সদাপ্রভু যেহূকে কহিলেন, আমার দৃষ্টিতে যাহা ন্যায্য, তাহা করিয়া তুমি ভাল কাজ করিয়াছ, এবং আমার মনে যাহা যাহা ছিল, আহাবকুলের প্রতি সমস্তই করিয়াছ, এই নিমিত্ত চতুর্থ পুরুষ পর্য্যন্ত তোমার বংশ ইস্রায়েলের সিংহাসনে বসিবে।

31. परन्तु येहू ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की रयवस्था पर पूर्ण मन से चलने की चौकसी न की, वरन यारोबाम जिस ने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार करने से वह अलग न हुआ।

31. তথাপি যেহূ সর্ব্বান্তঃকরণে ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর ব্যবস্থানুসারে চলিবার জন্য সতর্ক হইলেন না; যারবিয়াম যে সকল পাপ দ্বারা ইস্রায়েলকে পাপ করাইয়াছিলেন, তাঁহার সেই সকল পাপ হইতে তিনি ফিরিলেন না।

32. उन दिनों यहोवा इस्राएल को घटाने लगा, इसलिये हजाएल ने इस्राएल के उन सारे देशों में उनको मारा :

32. ঐ সময়ে সদাপ্রভু ইস্রায়েলকে খর্ব্ব করিতে লাগিলেন; বাস্তবিক, হসায়েল ইস্রায়েলের এই সমস্ত অঞ্চলে তাহাদিগকে আঘাত করিলেন;

33. यरदन से पूरब की ओर गिलाद का सारा देश, और गादी और रूबेनी और मनश्शेई का देश अर्थात् अरोएर से लेकर जो अन न की तराई के पास है, गिलाद और बाशान तक।

33. —যর্দ্দনের পূর্ব্বদিকে সমস্ত গিলিয়দ দেশ, অর্ণোন উপত্যকার নিকটস্থ অরোয়ের অবধি গাদীয়, রূবেণীয় ও মনঃশীয়দের দেশ, অর্থাৎ গিলিয়দ ও বাশন।

34. येहू के और सब काम और जो कुछ उस ने किया, और उसकी पूर्र्ण वीरता, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?

34. যেহূর অবশিষ্ট কর্ম্মের বৃত্তান্ত, সমস্ত কার্য্যের বিবরণ ও তাঁহার সমস্ত বিক্রমের কথা কি ইস্রায়েল-রাজগণের ইতিহাস-পুস্তকে লিখিত নাই?

35.

35. পরে যেহূ আপন পিতৃলোকদের সহিত নিদ্রাগত হইলেন, আর শমরিয়াতে তাঁহার কবর দেওয়া হইল; পরে তাঁহার পুত্র যিহোয়াহস তাঁহার পদে রাজা হইলেন।

36. निदान येहू अपने पुरखाओं के संग सो गया, और शोमरोन में उसको मिट्टी दी गई, और उसका पुत्रा यहोआहाज उसके स्थान पर राजा बन गया।

36. যেহূ আটাশ বৎসর কাল শমরিয়াতে ইস্রায়েলের উপরে রাজত্ব করিয়াছিলেন।



Shortcut Links
2 राजाओं - 2 Kings : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |