1 Kings - 1 राजाओं 8 | View All

1. तब सुलैमान ने इस्राएली पुरनियों को और गोत्रों के सब मुख्य पुरूष जो इस्राएलियों के पूर्वजों के घरानों के प्रधान थे,उनको भी यरूशलेम में अपने पास इस मनसा से इकट्ठा किया, कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर अर्थात् सियोन से ऊपर ले आएं।
प्रकाशितवाक्य 11:19

1. Then Solomon gathered the elders of Israel, & al the heads of the tribes, and them that were captaynes amog the fathers of the children of Israel, vnto him in Hierusalem, that they might bring vp the arke of the appoyntment of the Lorde out of the citie of Dauid, which is Sion.

2. सो सब इस्राएली पुरूष एतानीम नाम सातवें महीने कें पर्व के समय राजा सुलैमान के पास इकट्ठे हुए।

2. And all the men of Israel assembled vnto king Solomon to the feast that falleth in the moneth Ethanim, which is the seuenth moneth.

3. जब सब इस्राएली पुरनिये आए, तब याजकों ने सन्दूक को उठा लिया।

3. And al the elders of Israel were come, and the priestes tooke vp the arke.

4. और यहोवा का सन्दूक, और मिलाप का तम्बू, और जितने पवित्रा पात्रा उस तम्बू में थे, उन सभों याजक और लेबीय लोग ऊपर ले गए।

4. And they bare the arke of the Lorde, the tabernacle of the congregation, and all the holy vessels that were in the tabernacle: those dyd the priestes and the leuites beare.

5. और राजा सुलैमान और समस्त इस्राएली मंडली, जो उसके पास इट्ठी हुई थी, वे रूब सन्दूक के साम्हने इतनी भेड़ और बैल बलि कर रहे थे, जिनकी गिनती किसी रीति से नहीं हो सकती थी।

5. And king Solomon and all the congregation of Israel that were assembled vnto him and went with him before the arke, did offer sheepe and oxen, that could not be tolde nor numbred for multitude.

6. तब याजकों ने यहोवा की वाचा का सन्दूक उसके स्थान को अर्थात् भवन के दर्शन- स्थान में, जो परमपवित्रा स्थान है, पहुंचाकर करूबों के पंखों के तले रख दिया।
प्रकाशितवाक्य 11:19

6. And so the priestes brought the arke of the appoyntment of the Lord vnto his place euen into the quier of the temple and place most holy, vnder the winges of the Cherubs:

7. करूब तो सन्दूक के स्थान के ऊपर पंख ऐसे फैलाए हुए थे, कि वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढांके थे।

7. For the Cherubs stretched out their winges ouer the place of the arke, and couered both it and also the staues therof a hie vpon it.

8. डंडे तो ऐसे लम्बे थे, कि उनके सिरे उस पवित्रा स्थान से जो दर्शन- स्थान के साम्हने था दिखाई पड़ते थे परन्तु बाहर से वे दिखाई नहीं पड़ते थे। वे आज के दिन तक यहीं वतमपान हैं।

8. And they drew out the staues, that the endes of them might appeare out of the holy place within the quier, but they were not seene without, and there they haue ben vnto this day.

9. सन्दूक में कुछ नहीं था, उन दो पटरियों को छोड़ जो मूसा ने होरेब में उसके भीतर उस समय रखीं, जब यहोवा ने इस्राएलियों के मिस्र से निकलने पर उनके साथ वाचा बान्धी थी।

9. And there was nothing in the arke saue the two tables of stone, which Moyses put there at Horeb, in ye which [tables] the Lorde made an appoyntment with the children of Israel when he brought them out of the lande of Egypt.

10. जब याजक पवित्रास्थान से निकले, तब यहोवा के भवन में बादल भर आया।
प्रकाशितवाक्य 15:8

10. And it fortuned that when the priestes were come out of the holy place, the cloude filled the house of the Lorde,

11. और बादल के कारण याजक सेवा टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज यहोवा के भवन में भर गया था।
प्रकाशितवाक्य 15:8

11. That the priestes could not stand and minister because of the cloude: for the glory of the Lorde had filled the house of the Lorde.

12. तब सुलैमान कहने लगा, यहोवा ने कहा था, कि मैं घोर अंधकार में वास किए रहूंगा।

12. Then spake Solomon: The Lorde saide that he would dwell in the darke cloude.

13. सचमुच मैं ने तेरे लिये एक वासस्थान, वरन ऐसा दृढ़ स्थान बनाया है, जिस में तू युगानुयुग बना रहे।
मत्ती 23:21

13. I haue built thee an house to dwell in, an habitation for thee to abyde in for euer.

14. और राजा ने इस्राएल की पूरी सभा की ओर मुंह फेरकर उसको आशीर्वाद दिया; और पूरी सभा खड़ी रही।

14. And the king turned his face, and blessed all the congregation of Israel: and all the congregation of Israel stoode still.

15. और उस ने कहा, धन्य है इस्राएल का परमेश्वर यहोवा ! जिस ने अपने मुंह से मेरे पिता दाऊद को यह वचन दिया था, और अपने हाथ से उसे पूरा किया है,

15. And he saide: Blessed be the Lorde God of Israel, which spake with his mouth vnto Dauid my father, & hath with his hand fulfilled it, saying:

16. कि जिस दिन से मैं अपनी प्रजा इस्राएल को मिस्र से निकाल लाया, तब से मैं ने किसी इस्राएली गोत्रा का कोई नगर नहीं चुना, जिस में मेरे नाम के निवास के लिये भवन बनाया जाए; परन्तु मैं ने दाऊद को चुन लिया, कि वह मेरी प्रजा इस्राएल का अधिकारी हो।

16. Sence the day that I brought my people Israel out of Egypt, I chose no citie of all the tribes of Israel to build an house, that my name might be therein: But I haue chosen Dauid to be ruler ouer my people of Israel.

17. मेरे पिता दाऊद की यह मनसा तो थी कि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनाए।
प्रेरितों के काम 7:45-46

17. And it was in the heart of Dauid my father to build an house for the name of the Lorde God of Israel:

18. परन्तु यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कहा, यह जो तेरी मनसा है, कि यहोवा के नाम का एक भवन बनाए, ऐसी मनसा करके तू ने भला तो किया;
प्रेरितों के काम 7:45-46

18. And the Lorde saide vnto Dauid my father: Whereas it was in thyne heart to build an house vnto my name, thou diddest well that thou wast so minded:

19. तौभी तू उस भवन को न बनाएगा; तेरा जो निज पुत्रा होगा, वही मेरे नाम का भवन बनाएगा।
प्रेरितों के काम 7:47

19. Neuerthelesse, thou shalt not build the house: but thy sonne that shall come out of thy loynes, he shall build the house vnto my name.

20. यह जो वचन यहोवा ने कहा था, उसे उस ने पूरा भी किया है, और मैं अपने पिता दाऊद के स्थान पर उठकर, यहोवा के वचन के अनुसार इस्राएल की गद्दी पर विराजमान हूँ, और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम से इस भवन को बनाया है।
प्रेरितों के काम 7:47

20. And the Lorde hath made good his word that he spake, and I am rysen vp in the roome of Dauid my father, and sit on the seate of Israel, as the Lorde promysed, and haue built an house for the name of the Lorde God of Israel:

21. और इस में मैं ने एक स्थान उस सन्दूक के लिये ठहराया है, जिस में यहोवा की वह वाचा है, जो उस ने हमारे पुरखाओं को मिस्र देश से निकालने के समय उन से बान्धी थी।

21. And I haue prepared therein a place for the arke, wherein is the couenaunt of the Lorde which he made with our fathers when he brought them out of the lande of Egypt.

22. तब सुलैमान इस्राएल की पूरी सभा के देखते यहोवा की वेदी के साम्हने खड़ा हुआ, और अपने हाथ स्वर्ग की ओर फैलाकर कहा, हे यहोवा !

22. Solomon stoode before the aulter of the Lorde in the sight of all the congregation of Israel, and stretched out his handes toward heauen, and sayde:

23. हे इस्राएल के परमेश्वर ! तेरे समान न तो ऊपर स्वर्ग में, और न नीचे पृथ्वी पर कोई ईश्वर है : तेरे जो दास अपने सम्पूर्ण मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलते हैं, उनके लिये तू अपनी वाचा मूरी करता, और करूणा करता रहता है।

23. Lord God of Israel, there is no God like thee in heauen aboue, or in the earth beneath, thou that kepest couenaunt & mercy for thy seruauntes that walke before thee with all their heart.

24. जो वचन तू ने मेरे पिता दाऊद को दिया था, उसका तू ने पालन किया है, जैसा तू ने अपने मुंह से कहा था, वैसा ही अपने हाथ से उसको पूरा किया है, जैसा आज है।

24. Thou that hast kept with thy seruaut Dauid my father that thou promisedst him: Thou spakest also with thy mouth and hast fulfilled it with thyne hand, as it is come to passe this day.

25. इसलिये अब हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ! इस वचन को भी पूरा कर, जो तू ने अपने दास मेरे पिता दाऊद को दिया था, कि तेरे कुल में, मेरे साम्हने इस्राएल की गद्दी पर विराजनेवाले सदैव बने रहेंगे : इतना हो कि जैसे तू स्वयं मुझे सम्मुख जानकर चलता रहा, वैसे ही तेरे वंश के लोग अपनी चालचलन में ऐसी ही वौकसी करें।

25. Therfore now Lorde God of Israel, keepe with thy seruaunt Dauid my father that thou promisedst him, saying, Thou shalt not be without a man in my sight to syt on the seate of Israel: so that thy childre take heede to their way, that they walke before me, as thou hast walked in my sight.

26. इसलिये अब हे इस्राएल के परमेश्वर अपना जो वचन तू ने अपने दास मेरे पिता दाऊद को दिया था उसे सच्चा सिठ्ठ कर।

26. And now O God of Israel, let thy word be verified which thou spakest vnto thy seruaunt Dauid my father.

27. क्या परमेश्वर सचमुच पृथ्वी पर वास करेगा, स्वर्ग में वरन सब से ऊंचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में क्योंकर समाएगा।
प्रेरितों के काम 17:24

27. Wyll God in deede dwell on the earth? Beholde, the heauens and heauens of all heauens are not able to contayne thee: and how should then this house do it that I haue builded?

28. तौभी हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! अपने दास की प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट की ओर कान लगाकर, मेरी चिल्लाहट और यह प्रार्थना सुन ! जो मैं आज तेरे साम्हने कर रहा हूँ्र;

28. Haue thou therefore respect vnto the prayer of thy seruaunt, and to his supplication O Lorde my God, to heare the crye and prayer which thy seruaunt prayeth before thee this day:

29. कि तेरी आंख इस भवन की ओर अर्थात् इसी स्थान की ओर जिसके विषय तू ने कहा है, कि मेरा नाम वहां रहेगा, रात दिन खुली रहें : और जो प्रार्थना तेरा दास इस स्थान की ओर करे, उसे तू सुन ले।

29. That thyne eyes may be open toward this house nyght and day, euen toward this place, of which thou haste said, My name shal be there: That thou mayst hearken vnto the prayer which thy seruaunt prayeth in this place,

30. और तू अपने दास, और अपनी प्रजा इस्राएल की प्रार्थना जिसको वे इस स्थान की ओर गिड़गिड़ा के करें उसे सुनना, वरद स्वर्ग। में से जो तेरा निवासस्थान है सुन लेना, और सुनकर क्षमा करना।

30. And regarde thou the supplication of thy seruaunt and of thy people Israel when they pray in this place: and heare thou in heauen thy dwelling place, and when thou hearest haue mercy.

31. जब कोई किसी दूसरे का अपराध करे, और उसको शपथ खिलाई जाए, और वह आकर इस भवन में तेरी वेदी के साम्हने शपथ खाए,

31. If any man trespasse against his neyghbour, & there go an oth betweene them, and the one compel the other, and come, swearing before thyne aulter in this house:

32. तब तू स्वर्ग में सुन कर, अर्थात् अपने दासों का न्याय करके दुष्ट को दुष्ट ठहरा और उसकी चाल उसी के सिर लौटा दे, और निदष को निदष ठहराकर, उसके धर्म के अनुसार उसको फल देना।

32. Then hearken thou in heauen, and do and iudge thy seruauntes, that thou condemne the vngodly, to bring his way vpon his head: and iustifie the righteous, to geue him according to his righteousnesse.

33. फिर जब नेरी प्रजा इस्राएल तेरे विरूद्ध पाप करने के कारण अपने शत्रुओं से हार जाए, और तेरी ओर फिरकर तेरा नाम ले और इस भवन में तुझ से गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करे,

33. When thy people Israel be put to the worse before the enemie, because they haue sinned against thee, & afterwarde turne againe to thee, and knowledge vnto thy name, and pray and make supplication vnto thee in this house:

34. तब तू स्वर्ग में से सुनकर अपनी प्रजा इस्राएल का पाप क्षमा करना : और उन्हें इस देश में लौटा ले आना, जो तू ने उनके पुरूखाओं को दिया था।

34. Then heare thou in heauen, to be mercifull vnto the sinne of thy people Israel, and bring them againe vnto the land which thou gauest vnto their fathers.

35. जब वे तेरे विरूद्ध पाप करें, और इस कारण आकाश बन्द हो जाए, कि वर्षा न होए, ऐसे समय यदि वे इस स्थान की ओर प्रार्थना करके तेरे नाम को मानें जब तू उन्हें दु:ख देता है, और अपने पाप से फिरें, तो तू स्वर्ग में से सुनकर क्षमा करना,

35. If heauen be shut vp, and there be no rayne, because they haue sinned against thee: yet if they pray in this place, and knowledge vnto thy name, and turne from their sinne through thy scourging of them:

36. और अपने दासों, अपनी प्रजा इस्राएल के पाप को क्ष्मा करना; तू जो उनको वह भला मार्ग दिखाता है, जिस पर उन्हें चलना चाहिये, इसलिये अपने इस देश पर, जो तू ने अपनी प्रजा का भाग कर दिया है, पानी बरसा देना।

36. Then heare thou in heauen, and be mercyfull vnto the sinnes of thy seruauntes, and of thy people Israel, that thou shewe them a good way to walke in, and geue rayne vpon the lande that thou hast geuen to thy people to inherite.

37. जब इस देश में काल वा मरी वा झुलस हो वा गेरूई वा टिडि्डयां वा कीड़े लगें वा उनके शत्रु उनके देश के फाटकों में उन्हें घेर रखें, अथवा कोई विपत्ति वा रोग क्यों न हों,

37. If there be in the lande dearth, or pestilence, drouth, blasting, grashopper, or caterpiller: or if their enemie besiege the in the lande of their cities, or whatsoeuer plague or sickenesse chaunce,

38. तब यदि कोई मनुष्य वा तेरी प्रजा इस्राएल अपने अपने मन का दु:ख जान लें, और गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करके अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाएं;

38. Then what prayers and supplication soeuer be made of any man, of all thy people Israel, which shall knowledge euery man the plague of his owne heart, and stretch foorth his handes toward this house:

39. तो तू अपने स्वग य निवासस्थान में से सुनकर क्षमा करूना, और ऐसा करना, कि एक एक के मन को जानकर उसकी समस्त चाल के अनुसार उसको फल देना : तू ही तो सब आदमियों के मन के भेदों का जानने वाला है।

39. Heare thou then in heauen, euen in thy dwelling place, and be mercyfull, and do and geue euery man according to his wayes, euen as thou that onely knowest his heart (for thou onely knowest the heartes of all the children of men:)

40. तब वे जितने दिन इस देश में रहें, जो तू ने उनके पुरखाओं को दिया था, उतने दिन तक तेरा भय मानते रहें।

40. That they may feare thee as long as they lyue in the lande which thou gauest vnto our fathers.

41. फिर परदेशी भी जो तेरी प्रजा इस्राएल का न हो, जब वह तेरा नाम सुनकर, दूर देश से आए,

41. And likewyse if a straunger that is not of thy people Israel, come out of a farre countrey for thy names sake:

42. वह तो तेरे बड़े ताम और बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा का समाचार पाए; इसलिये जब ऐसा कोई आकर इस भवन की ओर प्रार्थना करें,

42. (For they shal heare of thy great name, and of thy mightie hand, & of thy stretched out arme) and shall come and pray in this house:

43. तब तू अपने स्वग य निवासस्थान में से सुन, और जिस बात के लिये ऐसा परदेशी तुझे पुकारे, उसी के अनुसार व्यवहार करना जिस से पृथ्वी के सब देशों के लोग तेरा नाम जानकर तेरी प्रजा इस्राएल की नाई तेरा भय मानें, और निश्चय जानें, कि यह भवन जिसे मैं ने बनाया है, वह तेरा ही कहलाता है।

43. [Therfore] heare thou in heauen thy dwelling place, & do all that the straunger calleth to thee for: that all nations of the earth may knowe thy name, and feare thee as do thy people Israel, and that they may knowe that thy name is called vpon in this house which I haue builded.

44. जब तेरी प्रजा के लोग जहां कहीं तू उन्हें भेजे, वहां अपने शत्रुओं से लड़ाई करने को निकल जाएं, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम पर बनाया है, यहोवा से प्रार्थना करें,

44. If thy people go out to battell against their enemie whythersoeuer thou shalt send them, and shal pray vnto the Lord [toward] the way of the citie which thou hast chosen, and [toward] the house that I haue built for thy name:

45. तब तू स्वर्ग में से उनकी प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट सुनकर उनका न्याय कर।

45. Heare thou in heauen their prayer and supplication, and iudge their cause.

46. निष्पाप तो कोई मनुष्य नहीं है : यदि ये भी तेरे विरूद्ध पाप करें, और तू उन पर कोप करके उन्हें श.ाुओं के हाथ कर दे, और वे उनको बन्धुआ करके अपने देश को चाहे वह दूर हो, चाहे निकट ले जवएं,

46. If they sinne against thee (for there is no man that sinneth not) & thou be angry with them, and delyuer them into the hand of their enemies, so that they cary them away prisoners, vnto the lande of their enemies whether farre or neare:

47. तो यदि वे बन्धुआई के देश में सोच विचार करें, और फिरकर अपने बन्धुआ करनेवालों के देश में तुझ से गिड़गिड़ाकर कहें कि हम ने पाप किया, और कुटिलता ओर दुष्टता की है;

47. Yet if they turne againe vnto their heartes in the lande of them that caryed them away captiues, & returne and pray vnto thee in the lande of their enemies, saying, we haue sinned, we haue done wickely, and haue committed vngodlynesse:

48. और यदि वे अपने उन शत्रुओं के देश में जो उन्हें बन्धुआ करके ले गए हों, अपने सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण से तेरी ओर फिरें और अपने इस देश की ओर जो तू ने उनके पुरूखाओं को दिया था, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम का बनाया है, तुझ से प्रार्थना करें,

48. And so turne agayne vnto thee with all their heart and all their soule in the lande of their enemies which led them away captiue, and pray vnto thee, [toward] the way of their land which thou gauest vnto their fathers, and [toward] the citie which thou hast chosen, and [toward] the house which I haue built for thy name:

49. तो तू अपने स्वग य निवासस्थान में से उनकी प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट सुनना; और उनका न्याय करना,

49. Then heare thou their prayer and supplication in heauen thy dwellyng place, and iudge their cause:

50. और जो पाप तेरी प्रजा के लोग तेरे विरूद्ध करेंगे, और जितने अपराध वे तेरे विरूद्ध करेंगे, सब को क्षमा करके, उनके बन्धुआ करनेवालों के मन में ऐसी दया उपजाना कि वे उन पर दया करें।

50. And be mercyfull vnto thy people that haue sinned against thee, and vnto all their iniquities wherby they haue done wickedly against thee, & get thou them the fauour of those whiche led them away captiue, that they may haue compassion on them.

51. क्योंकि वे तो तेरी प्रजा और तेरा निज भाग हैं जिन्हें तू लोहे के भट्ठे के मध्य में से अर्थात् मिस्र से निकाल लाया है।

51. For they be thy people, and thyne inheritaunce, whiche thou broughtest out of Egypt, euen from the middest of the fornace of iron.

52. इसलिये तेरी आंखें तेरे दाय की गिड़गिड़ाहट और तेरी प्रजा इस्राएल की गिड़गिड़ाहट की ओर ऐसी खुली रहें, कि जब जब वे तुझे पुकारें, तब तब तू उनकी सुन ले;

52. And let thyne eyes be open vnto the prayer of thy seruaunt, and vnto the prayer of thy people Israel, to hearken vnto them in all that they call for vnto thee.

53. क्योंकि हे प्रभु यहोवा अपने उस वचन के अनुसार, जो तू ने हमारे पुरखाओं को मिस्र से निकालने के समय अपने दास मूसा के द्वारा दिया था, तू ने इन लोगों को अपना निज भाग होने के लिये पृथ्वी की सब जातियों से अलग किया है।

53. For thou dyddest seperate them from among all the nations of the earth to be thyne owne inheritaunce, as thou saydest by the hande of Moyses thy seruaunt, when thou broughtest our fathers out of Egypt O Lorde God.

54. जब सुलैमान यहोवा से यह सब प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ कर चुका, तब वह जो घुटने टेके और आकाश की ओर हाथ फैलाए हुए था, सो यहोवा की वेदी के साम्हने से उठा,

54. And when Solomon had made an ende of praying all this prayer and supplication vnto the Lorde, he arose from before the aulter of the Lorde, & from kneling on his knees, & from stretching of his handes vp to heauen,

55. और खड़ा हो, समस्त इस्राएली सभा को ऊंचे स्वर से यह कहकर आशीर्वाद दिया, कि धन्य है यहोवा,

55. And stoode & blessed all the congregatio of Israel, with a loude voyce, saying:

56. जिस ने ठीक अपने कथन के अनुसार अपनी प्रजा इस्राएल को विश्राम दिया है, जितनी भलाई की बातें उसने अपने दास मूसा के द्वारा कही थीं,उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही।

56. Blessed be the Lorde that hath geuen rest vnto his people Israel, according to al that he promised: there hath not fayled one worde of all the good promise which he promised by the hand of Moyses his seruaunt.

57. हमारा परमेश्वर यहोवा जैसे हमारे पुरखाओं के संग रहता था, वैसे ही हमारे संग भी रहे, वह हम को त्याग न दे और न हम को छोड़ दे।

57. The Lorde our God be with vs, as he was with our fathers, and forsake vs not, neither leaue vs:

58. वह हमारे मन अपनी ओर ऐसा फिराए रखे, कि हम उसके सब माग पर चला करें, और उसकी आज्ञाएं और विधियां और नियम जिन्हें उसने हमारे पुरखाओं को दिया था, नित माना करें।

58. But that he may bowe our heartes vnto him, that we may walke in all his wayes, & kepe his commaundementes, his statutes, and his lawes whiche he commaunded our fathers.

59. और मेरी ये बातें जिनकी मैं ने यहोवा के साम्हने बिनती की है, वह दिन और रात हमारे परमेश्वर यहोवा के मन में बनी रहें, और जैसा दिन दिन प्रयोजन हो वैसा ही वह अपने दास का और अपनी प्रजा इस्राएल का भी न्याय किया करे,

59. And these my wordes whiche I haue prayed before the Lorde, be nye vnto the Lorde our God day and night, that he defende the cause of his seruaunt, and the cause of his people Israel, what thing soeuer chaunce at any time:

60. और इस से पृथ्वी की सब जातियां यह जान लें, कि यहोवा ही परमेश्वर है; और कोई दूसरा नहीं।

60. That al nations of ye earth may knowe that the Lord is God, and none but he.

61. तो तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज की नाई उसकी विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो।

61. Let your heart therfore be perfect with the Lord our God, that ye walke in his statutes, and kepe his commaundementes, as this day.

62. तब राजा समस्त इस्राएल समेत यहोवा के सम्मुख मेलबलि चढ़ाने लगा।

62. And the king and al Israel with him offered offeringes before the Lorde.

63. और जो पशु सुलैमान ने मेलबलि में यहोवा को चढ़ाए, सो बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भेड़ें थीं। इस रीति राजा ने सब इस्राएलियों समेत यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की।

63. And Solomon offered a sacrifice of peace offringes whiche he offered vnto the Lorde [to wit] twentie and two thousande oxen, and an hundred and twentie thousande sheepe: And so the king and all the children of Israel dedicated the house of the Lorde.

64. उस दिन राजा ने यहोवा के भवन के साम्हनेवाले आंगन के मध्य भी एक स्थान पवित्रा किया और होमबलि, और अन्नबलि और मेलबलियों की चरबी वहीं चढ़ाई; क्योंकि जो पीतल की वेदी यहोवा के साम्हने थी, वह उनके लिये छोटी थी।

64. The same day dyd the king halowe the middle of the court that was before the house of the Lord: for there he offered burnt offeringes, meate offeringes, and the fat of the peace offeringes: because the brasen aulter that was before the Lorde, was to litle to receaue the burnt offringes, meate offeringes, and the fat of the peace offeringes.

65. और सुलैमान ने और उसके संग समस्त इस्राएल की एक बड़ी सभा ने जो हमात की घाटी से लेकर मिस्र के नाले तक के सब देशों से इट्ठी हुई थी, दो सप्ताह तक अर्थात् चौदह दिन तक हमारे परमेश्वर यहोवा के साम्हने पर्व को माना। फिर आठवें दिन उस ने प्रजा के लोगों को विदा किया।

65. And Solomon helde that same time an hye feast, and all Israel with him, a verie great congregation, euen from the entring in of Hemath vnto the riuer of Egypt before the Lorde our God seuen dayes, and seuen dayes, euen foureteene dayes.

66. और वे राजा को धन्य, धन्य, कहकर उस सब भलाई के कारण जो यहोवा ने अपने दास दाऊद और अपनी प्रजा इस्राएल से की थी, आनन्दित और मगन होकर अपने अपने डेरे को चले गए।

66. And the eyght day he sent the people away, & they blessed the king, and went vnto their tentes, ioyous and with glad heart, because of all the goodnesse that the Lorde had done for Dauid his seruaunt, and for Israel his people.



Shortcut Links
1 राजाओं - 1 Kings : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |