48. और यदि वे अपने उन शत्रुओं के देश में जो उन्हें बन्धुआ करके ले गए हों, अपने सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण से तेरी ओर फिरें और अपने इस देश की ओर जो तू ने उनके पुरूखाओं को दिया था, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम का बनाया है, तुझ से प्रार्थना करें,
48. yea, they have turned back unto Thee, with all their heart, and with all their soul, in the land of their enemies who have taken them captive, and have prayed unto Thee the way of their land, which Thou gavest to their fathers, the city which Thou hast chosen, and the house which I have builded for Thy name: