35. जब वे तेरे विरूद्ध पाप करें, और इस कारण आकाश बन्द हो जाए, कि वर्षा न होए, ऐसे समय यदि वे इस स्थान की ओर प्रार्थना करके तेरे नाम को मानें जब तू उन्हें दु:ख देता है, और अपने पाप से फिरें, तो तू स्वर्ग में से सुनकर क्षमा करना,
35. 'When you hold back the rain because your people have sinned against you, and then when they repent and face this Temple, humbly praying to you,