43. तब तू अपने स्वग य निवासस्थान में से सुन, और जिस बात के लिये ऐसा परदेशी तुझे पुकारे, उसी के अनुसार व्यवहार करना जिस से पृथ्वी के सब देशों के लोग तेरा नाम जानकर तेरी प्रजा इस्राएल की नाई तेरा भय मानें, और निश्चय जानें, कि यह भवन जिसे मैं ने बनाया है, वह तेरा ही कहलाता है।
43. wilt, thou thyself, hear in the heavens, the settled place of thine abode, and act, according to all for which, the stranger, shall cry unto thee, to the end that all the peoples of the earth may truly know thy Name, so as to revere thee, like thy people Israel, and to know that, thine own Name, hath been given unto this house, which I have built?