26. और अब, हे मेरे प्रभु, यहोवा के जीवन की शपथ और तेरे जीवन की शपथ, कि यहोवा ने जो तुझे खून से और अपने हाथ के द्वारा अपना पलटा लेने से रोक रखा है, इसलिये अब तेरे शत्रु और मेरे प्रभु की हाति के चाहनेवाले नाबाल ही के समान ठहरें।
26. Now therefore, my lord, as the LORD liveth, and as thy soul liveth, seeing the LORD hath withholden thee from bloodguiltiness, and from avenging thyself with thine own hand, now therefore let thine enemies, and them that seek evil to my lord, be as Nabal.