36. तब अबीगैल नाबाल के पास लौट गई; और क्या देखती है, कि वह घर में राजा की सी जेवनार कर रहा है। और नाबाल का मन मगन है, और वह नशे में अति चूर हो गया है; इसलियेउस ने भोर के उजियालेहाने से पहिले उस से कुछ भी न कहा।
36. And Abigail came to Nabal. And, behold, he was at a feast in his house, like the feast of the king. And Nabal's heart felt good within him, and he was drunk to excess. And she did not tell him a word, more or less, until the light of the morning.