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1. सो यहूदी की क्या बड़ाई, या खतने का क्या लाभ?
1. So what advantage does the Jew have? Or what is the benefit of circumcision?
2. हर प्रकार से बहुत कुछ। पहिले तो यह कि परमशॆवर के वचन उन को सौंपे गए।व्यवस्थाविवरण 4:7-8, भजन संहिता 103:7, भजन संहिता 147:19-20
2. Considerable in every way. First, they were entrusted with the spoken words of God.
3. यदि कितने विश्वसघाती निकले भी तो क्या हुआ। क्या उनके विश्वासघाती होने से परमेश्वर की सच्चाई व्यर्थ ठहरेगी?
3. What then? If some did not believe, will their unbelief cancel God's faithfulness?
4. कदापि नहीं, बरन परमेश्वर सच्चा और हर एक मनुष्य झूठा ठहरे, जैसा लिखा है, कि जिस से तू अपनी बातों में धर्मी ठहरे और न्याय करते समय तू जय पाए।भजन संहिता 51:4, भजन संहिता 116:11
4. Absolutely not! God must be true, but everyone is a liar, as it is written: That You may be justified in Your words and triumph when You judge.
5. सो यदि हमारा अधर्म परमेश्वर की धार्मिकता ठहरा देता है, तो हम क्या कहें? क्या यह कि परमेश्वर जो क्रोध करता है अन्यायी है? (यह तो मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूं)।
5. But if our unrighteousness highlights God's righteousness, what are we to say? I use a human argument: Is God unrighteous to inflict wrath?
6. कदापि नहीं, नहीं तो परमेश्वर क्योंकर जगत का न्याय करेगा?
6. Absolutely not! Otherwise, how will God judge the world?
7. यदि मेरे झूठ के कारण परमेश्वर की सच्चाई उस को महिमा के लिये अधिक करके प्रगट हुई, तो फिर क्यों पापी की नाई मैं दण्ड के योग्य ठहराया जाता हूं?
7. But if by my lie God's truth is amplified to His glory, why am I also still judged as a sinner?
8. और हम क्यों बुराई न करें, कि भलाई निकले? जब हम पर यही दोष लगाया भी जाता है, और कितने कहते हैं? कि इन का यही कहना है: परन्तु ऐसों का दोषी ठहराना ठीक है।।
8. And why not say, just as some people slanderously claim we say, 'Let us do evil so that good may come'? Their condemnation is deserved!
9. तो फिर क्या हुआ? क्या हम उन से अच्छे हैं? कभी नही; क्योंकि हम यहूदियों और यूनानियों दोनों पर यह दोष लगा चुके हैं कि वे सब के सब पाप के वश में हैं।
9. What then? Are we any better? Not at all! For we have previously charged that both Jews and Gentiles are all under sin,
10. जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।भजन संहिता 14:1-3, भजन संहिता 53:1-3, सभोपदेशक 7:20
10. as it is written: There is no one righteous, not even one;
11. कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजनेवाला नहीं।
11. there is no one who understands, there is no one who seeks God.
12. सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करनेवाला नहीं, एक भी नहीं।
12. All have turned away, together they have become useless; there is no one who does good, there is not even one.
13. उन का गला खुली हुई कब्र है: उन्हीं ने अपनी जीभों से छल किया है: उन के होठों में सापों का विष है।भजन संहिता 5:9, भजन संहिता 140:3
13. Their throat is an open grave; they deceive with their tongues. Vipers' venom is under their lips.
14. और उन का मुंह श्राप और कड़वाहट से भरा है।भजन संहिता 10:7
14. Their mouth is full of cursing and bitterness.
15. उन के पांव लोहू बहाने को फुर्तीले हैं।नीतिवचन 1:16, यशायाह 59:7-8
15. Their feet are swift to shed blood;
16. उन के मार्गों में नाश और क्लेश है।
16. ruin and wretchedness are in their paths,
17. उन्हों ने कुशल का मार्ग नहीं जाना।नीतिवचन 1:16
17. and the path of peace they have not known.
18. उन की आंखों के साम्हने परमेश्वर का भय नहीं।भजन संहिता 36:1
18. There is no fear of God before their eyes.
19. हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे।
19. Now we know that whatever the law says speaks to those who are subject to the law, so that every mouth may be shut and the whole world may become subject to God's judgment.
20. क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है।भजन संहिता 143:2
20. For no flesh will be justified in His sight by the works of the law, for through the law [comes] the knowledge of sin.
21. पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की धार्मिकता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं।
21. But now, apart from the law, God's righteousness has been revealed-- attested by the Law and the Prophets
22. अर्थात् परमेश्वर की वह धार्मिकता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करनेवालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं।
22. -- that is, God's righteousness through faith in Jesus Christ, to all who believe, since there is no distinction.
23. इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित है।
23. For all have sinned and fall short of the glory of God.
24. परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं।
24. They are justified freely by His grace through the redemption that is in Christ Jesus.
25. उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धार्मिकता प्रगट करे।
25. God presented Him as a propitiation through faith in His blood, to demonstrate His righteousness, because in His restraint God passed over the sins previously committed.
26. बरन इसी समय उस की धार्मिकता प्रगट हो; कि जिस से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहरानेवाला हो।
26. He presented Him to demonstrate His righteousness at the present time, so that He would be righteous and declare righteous the one who has faith in Jesus.
27. तो घमण्ड करना कहां रहा? उस की तो जगह ही नहीं: कौन सी व्यवस्था के कारण से? क्या कर्मों की व्यवस्था से? नहीं, बरन विश्वास की व्यवस्था के कारण।
27. Where then is boasting? It is excluded. By what kind of law? By one of works? No, on the contrary, by a law of faith.
28. इसलिये हम इस परिणाम पर पहुंचते हैं, कि मनुष्य व्यवस्था के कामों के बिना विश्वास के द्वारा धर्मी ठहरता है।
28. For we conclude that a man is justified by faith apart from works of law.
29. क्या परमेश्वर केवल यहूदियों हीं का है? क्या अन्यजातियों का नहीं? हां, अन्यजातियों का भी है।
29. Or is God for Jews only? Is He not also for Gentiles? Yes, for Gentiles too,
30. क्योंकि एक ही परमेश्वर है, जो खतनावालों को विश्वास से और खतनारहितों को भी विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराएगा।व्यवस्थाविवरण 6:5
30. since there is one God who will justify the circumcised by faith and the uncircumcised through faith.
31. तो क्या हम व्यवस्था को विश्वास के द्वारा व्यर्थ ठहराते हैं? कदापि नहीं; बरन व्यवस्था को स्थिर करते हैं।।
31. Do we then cancel the law through faith? Absolutely not! On the contrary, we uphold the law.