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1. तब महायाजक ने कहा, क्या ये बातें यों ही है?
1. And the high priest said, Are these things so?
2. उस ने कहा; हे भाइयो, और पितरो सुनो, हमारा पिता इब्राहीम हारान में बसने से पहिले जब मिसुपुतामिया में था; तो तेजोमय परमेश्वर ने उसे दर्शन दिया।भजन संहिता 29:3
2. And he said, Brethren and fathers, hearken: The God of glory appeared unto our father Abraham, when he was in Mesopotamia, before he dwelt in Haran,
3. और उस से कहा कि तू अपने देश और अपने कुटुम्ब से निकलकर उस देश मे चला जा, जिसे मैं तुझे दिखाऊंगा।उत्पत्ति 12:1, उत्पत्ति 48:4
3. and said unto him, Get thee out of thy land, and from thy kindred, and come into the land which I shall show thee.
4. तब वह कसदियों के देश से निकलकर हारान में जा बसा; और उसके पिता की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने उसको वहां से इस देश में लाकर बसाया जिस में अब तुम बसते हो।उत्पत्ति 12:5
4. Then came he out of the land of the Chaldaeans, and dwelt in Haran: and from thence, when his father was dead, [God] removed him into this land, wherein ye now dwell:
5. और उसको कुछ मीरास बरन पैर रखने भर की भी उस में जगह न दी, परन्तु प्रतिज्ञा की कि मैं यह देश, तेरे और तेरे बाद तेरे वंश के हाथ कर दूंगा; यद्यपि उस समय उसके कोई पुत्रा भी न था।उत्पत्ति 13:15, उत्पत्ति 15:18, उत्पत्ति 16:1, उत्पत्ति 17:8, उत्पत्ति 48:4, उत्पत्ति 24:7, व्यवस्थाविवरण 2:5, व्यवस्थाविवरण 11:5, व्यवस्थाविवरण 32:49
5. and he gave him none inheritance in it, no, not so much as to set his foot on: and he promised that he would give it to him in possession, and to his seed after him, when [as yet] he had no child.
6. और परमेश्वर ने यों कहा; कि तेरी सन्तान के लोग पराये देश में परदेशी होंगे, और वे उन्हें दास बनाएंगे, और चार सौ वर्ष तक दुख देंगे।उत्पत्ति 15:13-14, निर्गमन 2:22
6. And God spake on this wise, that his seed should sojourn in a strange land, and that they should bring them into bondage, and treat them ill, four hundred years.
7. फिर परमेश्वर ने कहा; जिस जाति के वे दास होंगे, उस को मैं दण्ड दूंगा; और इस के बाद वे निकलकर इसी जगह मेरी सेवा करेंगे।उत्पत्ति 15:14, निर्गमन 3:12
7. And the nation to which they shall be in bondage will I judge, said God: and after that shall they come forth, and serve me in this place.
8. और उस ने उस से खतने की वाचा बान्धी; और इसी दशा में इसहाक उस से उत्पन्न हुआ; और आठवें दिन उसका खतना किया गया; और इसहाक से याकूब और याकूब से बारह कुलपति उत्पन्न हुए।उत्पत्ति 17:10-11, उत्पत्ति 21:4
8. And he gave him the covenant of circumcision: and so [Abraham] begat Isaac, and circumcised him the eighth day; and Isaac [begat] Jacob, and Jacob the twelve patriarchs.
9. और कुलपतियों ने यूसुफ से डाह करके उसे मिसर देश जानेवालों के हाथ बेचा; परन्तु परमेश्वर उसके साथ था।उत्पत्ति 37:11, उत्पत्ति 37:28, उत्पत्ति 39:2-3, उत्पत्ति 39:21, उत्पत्ति 45:4
9. And the patriarchs, moved with jealousy against Joseph, sold him into Egypt: and God was with him,
10. और उसे उसके सब क्लेशों से छुड़ाकर मिसर के राजा फिरौन के आगे अनुग्रह और बुद्धि दी, और उस ने उसे मिसर पर और अपने सारे घर पर हाकिम ठहराया।उत्पत्ति 41:40, उत्पत्ति 41:43, उत्पत्ति 41:46, भजन संहिता 105:21
10. and delivered him out of all his afflictions, and gave him favor and wisdom before Pharaoh king of Egypt; and he made him governor over Egypt and all his house.
11. तब मिसर और कनान के सारे देश में अकाल पडा; जिस से भारी क्लेश हुआ, और हमारे बापदादों को अन्न नहीं मिलता था।उत्पत्ति 41:54-55, उत्पत्ति 42:5
11. Now there came a famine over all Egypt and Canaan, and great affliction: and our fathers found no sustenance.
12. परन्तु याकूब ने यह सुनकर, कि मिसर में अनाज है, हमारे बापदादों को पहिली बार भेजा।उत्पत्ति 42:2
12. But when Jacob heard that there was grain in Egypt, he sent forth our fathers the first time.
13. और दूसरी बार यूसुफ अपने भाइयों पर प्रगट को गया, और यूसुुफ की जाति फिरौन को मालूम हो गई।उत्पत्ति 45:1, उत्पत्ति 45:3, उत्पत्ति 45:16
13. And at the second time Joseph was made known to his brethren; and Joseph's race became manifest unto Pharaoh.
14. तब यूसुफ ने अपने पिता याकूब और अपने सारे कुटुम्ब को, जो पछत्तर व्यक्ति थे, बुला भेजा।उत्पत्ति 45:9-11, उत्पत्ति 45:18-19, निर्गमन 1:5, व्यवस्थाविवरण 10:22
14. And Joseph sent, and called to him Jacob his father, and all his kindred, threescore and fifteen souls.
15. तब याकूब मिसर में गया; और वहां वह और हमारे बापदादे मर गए।उत्पत्ति 45:5-6, उत्पत्ति 49:33, निर्गमन 1:6
15. And Jacob went down into Egypt; and he died, himself and our fathers;
16. और वे शिकिम में पहुंचाए जाकर उस कब्र में रखे गए, जिसे इब्राहीम न चान्दी देकर शिकिम में हमोर की सन्तान से मोल लिया था।उत्पत्ति 23:16-17, उत्पत्ति 33:19, उत्पत्ति 49:29-30, उत्पत्ति 50:13, यहोशू 24:32
16. and they were carried over unto Shechem, and laid in the tomb that Abraham bought for a price in silver of the sons of Hamor in Shechem.
17. परन्तु जब उस प्रतिज्ञा के पूरे होने का समय निकट आया, तो परमेश्वर ने इब्राहीम से की थी, तो मिसर में वे लोग बढ़ गए; और बहुत हो गए।निर्गमन 1:7-8
17. But as the time of the promise drew nigh which God vouchsafed unto Abraham, the people grew and multiplied in Egypt,
18. जब तक कि मिसर में दूसरा राजा न हुआ जो यूसुफ को नहीं जानता था।निर्गमन 1:7-8
18. till there arose another king over Egypt, who knew not Joseph.
19. उस ने हमारी जाति से चतुराई करके हमारे बापदादों के साथ यहां तक कुव्योहार किया, कि उन्हें अपने बालकों को फेंक देना पड़ा कि वे जीवित न रहें।निर्गमन 1:9-10, निर्गमन 1:18, निर्गमन 1:22
19. The same dealt craftily with our race, and ill-treated our fathers, that they should cast out their babes to the end they might not live.
20. उस समय मूसा उत्पन्न हुआ जो बहुत ही सुन्दर था; और वह तीन महीने तक अपने पिता के घर में पाला गया।निर्गमन 2:2
20. At which season Moses was born, and was exceeding fair; and he was nourished three months in his father's house.
21. परन्तु जब फेंक दिया गया तो फिरौन की बेटी ने उसे उठा लिया, और अपना पुत्रा करके पाला।निर्गमन 2:5, निर्गमन 2:10
21. and when he was cast out, Pharaoh's daughter took him up, and nourished him for her own son.
22. और मूसा को मिसरियों की सारी विद्या पढ़ाई गई, और वह बातों और कामों में सामर्थी था।
22. And Moses was instructed in all the wisdom of the Egyptians; and he was mighty in his words and works.
23. जब वह चालीस वर्ष का हुआ, तो उसके मन में आया कि मैं अपने इस्त्राएली भाइयों से भेंट करूं।निर्गमन 2:11
23. But when he was well-nigh forty years old, it came into his heart to visit his brethren the children of Israel.
24. और उस ने एक व्यक्ति पर अन्याय होने देखकर, उसे बचाया, और मिसरी को मारकर सताए हुए का पलटा लिया।निर्गमन 2:12
24. And seeing one [of them] suffer wrong, he defended him, and avenged him that was oppressed, smiting the Egyptian:
25. उस ने सोचा, कि मेरे भाई समझेंगे कि परमेश्वर मेरे हाथों से उन का उद्धार करेगा, परन्तु उन्हों ने न समझा।
25. and he supposed that his brethren understood that God by his hand was giving them deliverance; but they understood not.
26. दूसरे दिन जब वे आपस में लड़ रहे थे, तो वह वहां आ निकला; और यह कहके उन्हें मेल करने के लिये समझाया, कि हे पुरूषो, तुम तो भाई भाई हो, एक दूसरे पर क्यों अन्याय करते हो?
26. And the day following he appeared unto them as they strove, and would have set them at one again, saying, Sirs, ye are brethren; why do ye wrong one to another?
27. परन्तु जो अपने पड़ोसी पर अन्याय कर रहा था, उस ने उसे यह कहकर हटा दिया, कि तुझे किस ने हम पर हाकिम और न्यायी ठहराया है?निर्गमन 2:13-14
27. But he that did his neighbor wrong thrust him away, saying, Who made thee a ruler and a judge over us?
28. क्या जिस रीति से तू ने कल मिसरी को मार डाला मुझे भी मार डालना चाहता है?निर्गमन 2:13-14
28. Wouldest thou kill me, as thou killedst the Egyptian yesterday?
29. यह बात सुनकर, मूसा भागा; और मिद्यान देश में परदेशी होकर रहने लगा: और वहां उसके दो पुत्रा उत्पन्न हुए।निर्गमन 2:15-22, निर्गमन 18:3-4
29. And Moses fled at this saying, and became a sojourner in the land of Midian, where he begat two sons.
30. जब पूरे चालीस वर्ष बीत गए, तो एक स्वर्ग दूत ने सीनै पहाड़ के जंगल में उसे जलती हुई झाड़ी की ज्वाला में दर्शन दिया।निर्गमन 3:1, निर्गमन 3:2-3
30. And when forty years were fulfilled, an angel appeared to him in the wilderness of Mount Sinai, in a flame of fire in a bush.
31. मूसा ने उस दर्शन को देखकर अचम्भा किया, और जब देखने के लिये पास गया, तो प्रभु का यह शब्द हुआ।निर्गमन 3:2-3
31. And when Moses saw it, he wondered at the sight: and as he drew near to behold, there came a voice of the Lord,
32. कि मैं तेरे बापदादों, इब्राहीम, इसहाक और याकूब का परमेश्वर हूं: तब तो मूसा कांप उठा, यहां तक कि उसे देखने का हियाव न रहा।
32. I am the God of thy fathers, the God of Abraham, and of Isaac, and of Jacob. And Moses trembled, and durst not behold.
33. तब प्रभु ने उस से कहा; अपने पावों से जूती उतार ले, क्योंकि जिस जगह तू खड़ा है, वह पवित्रा भूमि है।निर्गमन 3:5
33. And the Lord said unto him, Loose the shoes from thy feet: for the place whereon thou standest is holy ground.
34. मैं ने सचमुच अपने लोगों की दुर्दशा को जो मिसर में है, देखी है; और उन की आह और उन का रोना सुन लिया है; इसलिये उन्हें छुड़ाने के लिये उतरा हूं। अब आ, मैं तुझे मिसर में भेंजूंगा।निर्गमन 2:24, निर्गमन 3:7-10
34. I have surely seen the affliction of my people that is in Egypt, and have heard their groaning, and I am come down to deliver them: and now come, I will send thee into Egypt.
35. जिस मूसा को उन्हों ने यह कहकर नकारा था कि तुझे किस ने हम पर हाकिम और न्यायी ठहराया है; उसी को परमेश्वर ने हाकिम और छुड़ानेवाला ठहराकर, उस स्वर्ग दूत के द्वारा जिस ने उसे झाड़ी में दर्शन दिया था, भेजा।निर्गमन 2:14, निर्गमन 3:2
35. This Moses whom they refused, saying, Who made thee a ruler and a judge? him hath God sent [to be] both a ruler and a deliverer with the hand of the angel that appeared to him in the bush.
36. यही व्यक्ति मिसर और लाल समुद्र और जंगल में चालीस वर्ष तक अद्भुत काम और चिन्ह दिखा दिखाकर उन्हें निकाल लाया।निर्गमन 7:3, निर्गमन 14:21, गिनती 14:33
36. This man led them forth, having wrought wonders and signs in Egypt, and in the Red Sea, and in the wilderness forty years.
37. यह वही मूसा है, जिस ने इस्त्राएलियों से कहा; कि परमेश्वर तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिये मुझ सा एक भविष्यद्वक्ता उठाएगा।व्यवस्थाविवरण 18:15-18
37. This is that Moses, who said unto the children of Israel, A prophet shall God raise up unto you from among your brethren, like unto me.
38. यह वही है, जिस ने जंगल में कलीसिया के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उस से बातें की, और हमारे बापदादों के साथ था: उसी को जीवित वचन मिले, कि हम तक पहुंचाए।निर्गमन 19:1-6, निर्गमन 20:1-17, निर्गमन 23:20-21, व्यवस्थाविवरण 5:4-22, व्यवस्थाविवरण 9:10-11
38. This is he that was in the church in the wilderness with the angel that spake to him in the Mount Sinai, and with our fathers: who received living oracles to give unto us:
39. परन्तु हमारे बापदादों ने उस की मानना न चाहा; बरन उसे हटाकर अपने मन मिसर की ओर फेरे।गिनती 14:3-4, निर्गमन 19:1-6, निर्गमन 20:1-17, निर्गमन 23:20-21
39. to whom our fathers would not be obedient, but thrust him from them, and turned back in their hearts unto Egypt,
40. और हारून से कहा; हमारे लिये ऐसा देवता बना, जो हमारे आगे आगे चलें; क्योंकि यह मूसा जा हमें मिसर देश से निकाल लाया, हम नहीं जानते उसे क्या हुआ?निर्गमन 32:1, निर्गमन 32:23
40. saying unto Aaron, Make us gods that shall go before us: for as for this Moses, who led us forth out of the land of Egypt, we know not what is become of him.
41. उन दिनों में उन्हों ने एक बछड़ा बनाकर, उस की मूरत के आगे बलि चढ़ाया; और अपने हाथों के कामों में मगन होने लगे।निर्गमन 32:4-6
41. And they made a calf in those days, and brought a sacrifice unto the idol, and rejoiced in the works of their hands.
42. सो परमेश्वर ने मुंह मोड़कर उन्हें छोड़ दिया, कि आकशगण पूजें; जैसा भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में लिखा है; कि हे इस्त्राएल के घराने, क्या तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि मुझ ही को चढ़ाते रहे?यिर्मयाह 7:18, यिर्मयाह 8:2, यिर्मयाह 19:13, आमोस 5:25-26
42. But God turned, and gave them up to serve the host of heaven; as it is written in the book of the prophets, Did ye offer unto me slain beasts and sacrifices Forty years in the wilderness, O house of Israel?
43. और तुम मोलेक के तम्बू और रिफान देवता के तारे को लिए फिरते थे; अर्थात् उन आकारों को जिन्हें तुम ने दण्डवत करने के लिये बनाया था: सो मैं तुम्हें बाबुर के परे ले जाकर बसाऊंगा।आमोस 5:25-26
43. And ye took up the tabernacle of Moloch, And the star of the god Rephan, The figures which ye made to worship them: And I will carry you away beyond Babylon.
44. साक्षी का तम्बू जंगल में हमारे बापदादों के बीच में था; जैसा उस ने ठहराया, जिस ने मूसा से कहा; कि जो आकर तू ने देखा है, उसके अनुसार इसे बना।निर्गमन 25:1-40, निर्गमन 25:40, निर्गमन 27:21, गिनती 1:50
44. Our fathers had the tabernacle of the testimony in the wilderness, even as he appointed who spake unto Moses, that he should make it according to the figure that he had seen.
45. उसी तम्बू को हमारे बापदादे पूर्वकाल से पाकर यहोशू के साथ यहां ले आए; जिस समय कि उन्हों ने उन अन्यजातियों का अधिकार पाया, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे बापदादों के साम्हने से निकाल दिया; और वह दाऊद के समय तक रहा।उत्पत्ति 48:4, उत्पत्ति 24:7, व्यवस्थाविवरण 2:5, व्यवस्थाविवरण 11:5, यहोशू 3:14-17, यहोशू 18:1, यहोशू 23:9, यहोशू 24:18, 2 शमूएल 7:2-16, 1 राजाओं 8:17-18, 1 इतिहास 17:1-14, 2 इतिहास 6:7-8, भजन संहिता 132:5
45. Which also our fathers, in their turn, brought in with Joshua when they entered on the possession of the nations, that God thrust out before the face of our fathers, unto the days of David;
46. उस पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया, सो उस ने बिनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्था ठहराऊं।उत्पत्ति 48:4, उत्पत्ति 24:7, व्यवस्थाविवरण 2:5, व्यवस्थाविवरण 11:5, यहोशू 3:14-17, यहोशू 18:1, यहोशू 23:9, यहोशू 24:18, 2 शमूएल 7:2-16, 1 राजाओं 8:17-18, 1 इतिहास 17:1-14, 2 इतिहास 6:7-8, भजन संहिता 132:5
46. who found favor in the sight of God, and asked to find a habitation for the God of Jacob.
47. परन्तु सुलैमान ने उसके लिये घर बनाया।1 राजाओं 6:1-2, 1 राजाओं 6:14, 1 राजाओं 8:19-20, 2 इतिहास 3:1, 2 इतिहास 5:1, 2 इतिहास 6:2, 2 इतिहास 6:10
47. But Solomon built him a house.
48. परन्तु परम प्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, जैसा कि भविष्यद्वक्ता ने कहा।
48. Howbeit the Most High dwelleth not in [houses] made with hands; as saith the prophet,
49. कि प्रभु कहता है, स्वर्ग मेरा सिहांसन और पृथ्वी मेरे पांवों तले की पीढ़ी है, मेरे लिये तुम किस प्रकार का घर बनाओगे? और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?यशायाह 66:1-2
49. The heaven is my throne, And the earth the footstool of my feet: What manner of house will ye build Me? saith the Lord: Or what is the place of My rest?
50. क्या ये सब वस्तुएं मेरे हाथ की बनाई नहीं? हे हठीले, और मन और कान के खतनारहित लोगो, तुम सदा पवित्रा आत्मा का साम्हना करते हो।यशायाह 66:1-2
50. Did not my hand make all these things?
51. जैसा तुम्हारे बापदादे करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो।निर्गमन 32:9, निर्गमन 33:3-5, लैव्यव्यवस्था 26:41, गिनती 27:14, यशायाह 63:10, यिर्मयाह 6:10, यिर्मयाह 9:26
51. Ye stiffnecked and uncircumcised in heart and ears, ye do always resist the Holy Spirit: as your fathers did, so do ye.
53. तुम ने स्वर्गदूतों के द्वारा ठहराई हुई व्यवस्था तो पाई, परन्तु उसका पालन नहीं किया।।
53. ye who received the law as it was ordained by angels, and kept it not.
54. ये बातें सुनकर वे जल गए और उस पर दांत पीसने लगे।अय्यूब 16:9, भजन संहिता 35:16, भजन संहिता 37:12, भजन संहिता 112:10
54. Now when they heard these things, they were cut to the heart, and they gnashed on him with their teeth.
55. परन्तु उस ने पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण होकर स्वर्ग की ओर देखा और परमेश्वर की महिमा को और यीशु को परमेश्वर की दहिनी ओर खड़ा देखकर।
55. But he, being full of the Holy Spirit, looked up stedfastly into heaven, and saw the glory of God, and Jesus standing on the right hand of God,
56. कहा; देखों, मैं स्वर्ग को खुला हुआ, और मनुष्य के पुत्रा को परमेश्वर के दहिनी ओर खड़ा हुआ देखता हूं।
56. and said, Behold, I see the heavens opened, and the Son of Man standing on the right hand of God.
57. तब उन्हों ने बड़े शब्द से चिल्लाकर कान बन्द कर लिए, और एक चित्त होकर उस पर झपटे।
57. But they cried out with a loud voice, and stopped their ears, and rushed upon him with one accord;
58. और उसे नगर के बाहर निकालकर पत्थरवाह करने लगे, और गवाहों ने अपने कपड़े उतार रखे।
58. and they cast him out of the city, and stoned him: and the witnesses laid down their garments at the feet of a young man named Saul.
59. और वे स्तिुफनुस को पत्थरवाह करते रहे, और वह यह कहकर प्रार्थना करता रहा; कि हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर।भजन संहिता 31:5
59. And they stoned Stephen, calling upon [the Lord], and saying, Lord Jesus, receive my spirit.
60. फिर घुटने टेककर ऊंचे शब्द से पुकारा, हे प्रभु, यह पाप उन पर मत लगा, और यह कहकर सो गया: और शाऊल उसके बध मे सहमत था।।
60. And he kneeled down, and cried with a loud voice, Lord, lay not this sin to their charge. And when he had said this, he fell asleep.