Acts - प्रेरितों के काम 7 | View All

1. तब महायाजक ने कहा, क्या ये बातें यों ही है?

1. Then the high priest said, 'Are these things so?'

2. उस ने कहा; हे भाइयो, और पितरो सुनो, हमारा पिता इब्राहीम हारान में बसने से पहिले जब मिसुपुतामिया में था; तो तेजोमय परमेश्वर ने उसे दर्शन दिया।
भजन संहिता 29:3

2. And he said, 'Brethren and fathers, listen: The God of glory appeared to our father Abraham when he was in Mesopotamia, before he dwelt in Haran,

3. और उस से कहा कि तू अपने देश और अपने कुटुम्ब से निकलकर उस देश मे चला जा, जिसे मैं तुझे दिखाऊंगा।
उत्पत्ति 12:1, उत्पत्ति 48:4

3. and said to him, 'Get out of your country and from your relatives, and come to a land that I will show you.'

4. तब वह कसदियों के देश से निकलकर हारान में जा बसा; और उसके पिता की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने उसको वहां से इस देश में लाकर बसाया जिस में अब तुम बसते हो।
उत्पत्ति 12:5

4. 'Then he came out of the land of the Chaldeans and dwelt in Haran. And from there, when his father was dead, He moved him to this land in which you now dwell.

5. और उसको कुछ मीरास बरन पैर रखने भर की भी उस में जगह न दी, परन्तु प्रतिज्ञा की कि मैं यह देश, तेरे और तेरे बाद तेरे वंश के हाथ कर दूंगा; यद्यपि उस समय उसके कोई पुत्रा भी न था।
उत्पत्ति 13:15, उत्पत्ति 15:18, उत्पत्ति 16:1, उत्पत्ति 17:8, उत्पत्ति 48:4, उत्पत्ति 24:7, व्यवस्थाविवरण 2:5, व्यवस्थाविवरण 11:5, व्यवस्थाविवरण 32:49

5. 'And [God] gave him no inheritance in it, not even [enough] to set his foot on. But even when [Abraham] had no child, He promised to give it to him for a possession, and to his descendants after him.

6. और परमेश्वर ने यों कहा; कि तेरी सन्तान के लोग पराये देश में परदेशी होंगे, और वे उन्हें दास बनाएंगे, और चार सौ वर्ष तक दुख देंगे।
उत्पत्ति 15:13-14, निर्गमन 2:22

6. 'But God spoke in this way: that his descendants would dwell in a foreign land, and that they would bring them into bondage and oppress [them] four hundred years.

7. फिर परमेश्वर ने कहा; जिस जाति के वे दास होंगे, उस को मैं दण्ड दूंगा; और इस के बाद वे निकलकर इसी जगह मेरी सेवा करेंगे।
उत्पत्ति 15:14, निर्गमन 3:12

7. 'And the nation to whom they will be in bondage I will judge,' said God, 'and after that they shall come out and serve Me in this place.'

8. और उस ने उस से खतने की वाचा बान्धी; और इसी दशा में इसहाक उस से उत्पन्न हुआ; और आठवें दिन उसका खतना किया गया; और इसहाक से याकूब और याकूब से बारह कुलपति उत्पन्न हुए।
उत्पत्ति 17:10-11, उत्पत्ति 21:4

8. 'Then He gave him the covenant of circumcision; and so [Abraham] begot Isaac and circumcised him on the eighth day; and Isaac [begot] Jacob, and Jacob [begot] the twelve patriarchs.

9. और कुलपतियों ने यूसुफ से डाह करके उसे मिसर देश जानेवालों के हाथ बेचा; परन्तु परमेश्वर उसके साथ था।
उत्पत्ति 37:11, उत्पत्ति 37:28, उत्पत्ति 39:2-3, उत्पत्ति 39:21, उत्पत्ति 45:4

9. ' And the patriarchs, becoming envious, sold Joseph into Egypt. But God was with him

10. और उसे उसके सब क्लेशों से छुड़ाकर मिसर के राजा फिरौन के आगे अनुग्रह और बुद्धि दी, और उस ने उसे मिसर पर और अपने सारे घर पर हाकिम ठहराया।
उत्पत्ति 41:40, उत्पत्ति 41:43, उत्पत्ति 41:46, भजन संहिता 105:21

10. and delivered him out of all his troubles, and gave him favor and wisdom in the presence of Pharaoh, king of Egypt; and he made him governor over Egypt and all his house.

11. तब मिसर और कनान के सारे देश में अकाल पडा; जिस से भारी क्लेश हुआ, और हमारे बापदादों को अन्न नहीं मिलता था।
उत्पत्ति 41:54-55, उत्पत्ति 42:5

11. 'Now a famine and great trouble came over all the land of Egypt and Canaan, and our fathers found no sustenance.

12. परन्तु याकूब ने यह सुनकर, कि मिसर में अनाज है, हमारे बापदादों को पहिली बार भेजा।
उत्पत्ति 42:2

12. 'But when Jacob heard that there was grain in Egypt, he sent out our fathers first.

13. और दूसरी बार यूसुफ अपने भाइयों पर प्रगट को गया, और यूसुुफ की जाति फिरौन को मालूम हो गई।
उत्पत्ति 45:1, उत्पत्ति 45:3, उत्पत्ति 45:16

13. 'And the second [time] Joseph was made known to his brothers, and Joseph's family became known to the Pharaoh.

14. तब यूसुफ ने अपने पिता याकूब और अपने सारे कुटुम्ब को, जो पछत्तर व्यक्ति थे, बुला भेजा।
उत्पत्ति 45:9-11, उत्पत्ति 45:18-19, निर्गमन 1:5, व्यवस्थाविवरण 10:22

14. 'Then Joseph sent and called his father Jacob and all his relatives to [him,] seventy-five people.

15. तब याकूब मिसर में गया; और वहां वह और हमारे बापदादे मर गए।
उत्पत्ति 45:5-6, उत्पत्ति 49:33, निर्गमन 1:6

15. 'So Jacob went down to Egypt; and he died, he and our fathers.

16. और वे शिकिम में पहुंचाए जाकर उस कब्र में रखे गए, जिसे इब्राहीम न चान्दी देकर शिकिम में हमोर की सन्तान से मोल लिया था।
उत्पत्ति 23:16-17, उत्पत्ति 33:19, उत्पत्ति 49:29-30, उत्पत्ति 50:13, यहोशू 24:32

16. 'And they were carried back to Shechem and laid in the tomb that Abraham bought for a sum of money from the sons of Hamor, [the father] of Shechem.

17. परन्तु जब उस प्रतिज्ञा के पूरे होने का समय निकट आया, तो परमेश्वर ने इब्राहीम से की थी, तो मिसर में वे लोग बढ़ गए; और बहुत हो गए।
निर्गमन 1:7-8

17. ' But when the time of the promise drew near which God had sworn to Abraham, the people grew and multiplied in Egypt

18. जब तक कि मिसर में दूसरा राजा न हुआ जो यूसुफ को नहीं जानता था।
निर्गमन 1:7-8

18. 'till another king arose who did not know Joseph.

19. उस ने हमारी जाति से चतुराई करके हमारे बापदादों के साथ यहां तक कुव्योहार किया, कि उन्हें अपने बालकों को फेंक देना पड़ा कि वे जीवित न रहें।
निर्गमन 1:9-10, निर्गमन 1:18, निर्गमन 1:22

19. 'This man dealt treacherously with our people, and oppressed our forefathers, making them expose their babies, so that they might not live.

20. उस समय मूसा उत्पन्न हुआ जो बहुत ही सुन्दर था; और वह तीन महीने तक अपने पिता के घर में पाला गया।
निर्गमन 2:2

20. 'At this time Moses was born, and was well pleasing to God; and he was brought up in his father's house for three months.

21. परन्तु जब फेंक दिया गया तो फिरौन की बेटी ने उसे उठा लिया, और अपना पुत्रा करके पाला।
निर्गमन 2:5, निर्गमन 2:10

21. 'But when he was set out, Pharaoh's daughter took him away and brought him up as her own son.

22. और मूसा को मिसरियों की सारी विद्या पढ़ाई गई, और वह बातों और कामों में सामर्थी था।

22. 'And Moses was learned in all the wisdom of the Egyptians, and was mighty in words and deeds.

23. जब वह चालीस वर्ष का हुआ, तो उसके मन में आया कि मैं अपने इस्त्राएली भाइयों से भेंट करूं।
निर्गमन 2:11

23. 'Now when he was forty years old, it came into his heart to visit his brethren, the children of Israel.

24. और उस ने एक व्यक्ति पर अन्याय होने देखकर, उसे बचाया, और मिसरी को मारकर सताए हुए का पलटा लिया।
निर्गमन 2:12

24. 'And seeing one of [them] suffer wrong, he defended and avenged him who was oppressed, and struck down the Egyptian.

25. उस ने सोचा, कि मेरे भाई समझेंगे कि परमेश्वर मेरे हाथों से उन का उद्धार करेगा, परन्तु उन्हों ने न समझा।

25. 'For he supposed that his brethren would have understood that God would deliver them by his hand, but they did not understand.

26. दूसरे दिन जब वे आपस में लड़ रहे थे, तो वह वहां आ निकला; और यह कहके उन्हें मेल करने के लिये समझाया, कि हे पुरूषो, तुम तो भाई भाई हो, एक दूसरे पर क्यों अन्याय करते हो?

26. 'And the next day he appeared to two of them as they were fighting, and [tried to] reconcile them, saying, 'Men, you are brethren; why do you wrong one another?'

27. परन्तु जो अपने पड़ोसी पर अन्याय कर रहा था, उस ने उसे यह कहकर हटा दिया, कि तुझे किस ने हम पर हाकिम और न्यायी ठहराया है?
निर्गमन 2:13-14

27. 'But he who did his neighbor wrong pushed him away, saying, 'Who made you a ruler and a judge over us?

28. क्या जिस रीति से तू ने कल मिसरी को मार डाला मुझे भी मार डालना चाहता है?
निर्गमन 2:13-14

28. 'Do you want to kill me as you did the Egyptian yesterday?'

29. यह बात सुनकर, मूसा भागा; और मिद्यान देश में परदेशी होकर रहने लगा: और वहां उसके दो पुत्रा उत्पन्न हुए।
निर्गमन 2:15-22, निर्गमन 18:3-4

29. 'Then, at this saying, Moses fled and became a dweller in the land of Midian, where he had two sons.

30. जब पूरे चालीस वर्ष बीत गए, तो एक स्वर्ग दूत ने सीनै पहाड़ के जंगल में उसे जलती हुई झाड़ी की ज्वाला में दर्शन दिया।
निर्गमन 3:1, निर्गमन 3:2-3

30. 'And when forty years had passed, an Angel of the Lord appeared to him in a flame of fire in a bush, in the wilderness of Mount Sinai.

31. मूसा ने उस दर्शन को देखकर अचम्भा किया, और जब देखने के लिये पास गया, तो प्रभु का यह शब्द हुआ।
निर्गमन 3:2-3

31. 'When Moses saw [it,] he marveled at the sight; and as he drew near to observe, the voice of the Lord came to him,

32. कि मैं तेरे बापदादों, इब्राहीम, इसहाक और याकूब का परमेश्वर हूं: तब तो मूसा कांप उठा, यहां तक कि उसे देखने का हियाव न रहा।

32. '[saying,] 'I [am] the God of your fathers -- the God of Abraham, the God of Isaac, and the God of Jacob.' And Moses trembled and dared not look.

33. तब प्रभु ने उस से कहा; अपने पावों से जूती उतार ले, क्योंकि जिस जगह तू खड़ा है, वह पवित्रा भूमि है।
निर्गमन 3:5

33. 'Then the LORD said to him, 'Take your sandals off your feet, for the place where you stand is holy ground.

34. मैं ने सचमुच अपने लोगों की दुर्दशा को जो मिसर में है, देखी है; और उन की आह और उन का रोना सुन लिया है; इसलिये उन्हें छुड़ाने के लिये उतरा हूं। अब आ, मैं तुझे मिसर में भेंजूंगा।
निर्गमन 2:24, निर्गमन 3:7-10

34. 'I have surely seen the oppression of my people who are in Egypt; I have heard their groaning and have come down to deliver them. And now come, I will send you to Egypt.' '

35. जिस मूसा को उन्हों ने यह कहकर नकारा था कि तुझे किस ने हम पर हाकिम और न्यायी ठहराया है; उसी को परमेश्वर ने हाकिम और छुड़ानेवाला ठहराकर, उस स्वर्ग दूत के द्वारा जिस ने उसे झाड़ी में दर्शन दिया था, भेजा।
निर्गमन 2:14, निर्गमन 3:2

35. 'This Moses whom they rejected, saying, 'Who made you a ruler and a judge?' is the one God sent [to be] a ruler and a deliverer by the hand of the Angel who appeared to him in the bush.

36. यही व्यक्ति मिसर और लाल समुद्र और जंगल में चालीस वर्ष तक अद्भुत काम और चिन्ह दिखा दिखाकर उन्हें निकाल लाया।
निर्गमन 7:3, निर्गमन 14:21, गिनती 14:33

36. 'He brought them out, after he had shown wonders and signs in the land of Egypt, and in the Red Sea, and in the wilderness forty years.

37. यह वही मूसा है, जिस ने इस्त्राएलियों से कहा; कि परमेश्वर तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिये मुझ सा एक भविष्यद्वक्ता उठाएगा।
व्यवस्थाविवरण 18:15-18

37. ' This is that Moses who said to the children of Israel, 'The LORD your God will raise up for you a Prophet like me from your brethren. Him you shall hear.'

38. यह वही है, जिस ने जंगल में कलीसिया के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उस से बातें की, और हमारे बापदादों के साथ था: उसी को जीवित वचन मिले, कि हम तक पहुंचाए।
निर्गमन 19:1-6, निर्गमन 20:1-17, निर्गमन 23:20-21, व्यवस्थाविवरण 5:4-22, व्यवस्थाविवरण 9:10-11

38. 'This is he who was in the congregation in the wilderness with the Angel who spoke to him on Mount Sinai, and [with] our fathers, the one who received the living oracles to give to us,

39. परन्तु हमारे बापदादों ने उस की मानना न चाहा; बरन उसे हटाकर अपने मन मिसर की ओर फेरे।
गिनती 14:3-4, निर्गमन 19:1-6, निर्गमन 20:1-17, निर्गमन 23:20-21

39. 'whom our fathers would not obey, but rejected. And in their hearts they turned back to Egypt,

40. और हारून से कहा; हमारे लिये ऐसा देवता बना, जो हमारे आगे आगे चलें; क्योंकि यह मूसा जा हमें मिसर देश से निकाल लाया, हम नहीं जानते उसे क्या हुआ?
निर्गमन 32:1, निर्गमन 32:23

40. 'saying to Aaron, 'Make us gods to go before us; [as for] this Moses who brought us out of the land of Egypt, we do not know what has become of him.'

41. उन दिनों में उन्हों ने एक बछड़ा बनाकर, उस की मूरत के आगे बलि चढ़ाया; और अपने हाथों के कामों में मगन होने लगे।
निर्गमन 32:4-6

41. 'And they made a calf in those days, offered sacrifices to the idol, and rejoiced in the works of their own hands.

42. सो परमेश्वर ने मुंह मोड़कर उन्हें छोड़ दिया, कि आकशगण पूजें; जैसा भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में लिखा है; कि हे इस्त्राएल के घराने, क्या तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि मुझ ही को चढ़ाते रहे?
यिर्मयाह 7:18, यिर्मयाह 8:2, यिर्मयाह 19:13, आमोस 5:25-26

42. 'Then God turned and gave them up to worship the host of heaven, as it is written in the book of the Prophets: 'Did you offer Me slaughtered animals and sacrifices [during] forty years in the wilderness, O house of Israel?

43. और तुम मोलेक के तम्बू और रिफान देवता के तारे को लिए फिरते थे; अर्थात् उन आकारों को जिन्हें तुम ने दण्डवत करने के लिये बनाया था: सो मैं तुम्हें बाबुर के परे ले जाकर बसाऊंगा।
आमोस 5:25-26

43. You also took up the tabernacle of Moloch, And the star of your god Remphan, Images which you made to worship; And I will carry you away beyond Babylon.'

44. साक्षी का तम्बू जंगल में हमारे बापदादों के बीच में था; जैसा उस ने ठहराया, जिस ने मूसा से कहा; कि जो आकर तू ने देखा है, उसके अनुसार इसे बना।
निर्गमन 25:1-40, निर्गमन 25:40, निर्गमन 27:21, गिनती 1:50

44. ' Our fathers had the tabernacle of witness in the wilderness, as He appointed, instructing Moses to make it according to the pattern that he had seen,

45. उसी तम्बू को हमारे बापदादे पूर्वकाल से पाकर यहोशू के साथ यहां ले आए; जिस समय कि उन्हों ने उन अन्यजातियों का अधिकार पाया, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे बापदादों के साम्हने से निकाल दिया; और वह दाऊद के समय तक रहा।
उत्पत्ति 48:4, उत्पत्ति 24:7, व्यवस्थाविवरण 2:5, व्यवस्थाविवरण 11:5, यहोशू 3:14-17, यहोशू 18:1, यहोशू 23:9, यहोशू 24:18, 2 शमूएल 7:2-16, 1 राजाओं 8:17-18, 1 इतिहास 17:1-14, 2 इतिहास 6:7-8, भजन संहिता 132:5

45. 'which our fathers, having received it in turn, also brought with Joshua into the land possessed by the Gentiles, whom God drove out before the face of our fathers until the days of David,

46. उस पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया, सो उस ने बिनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्था ठहराऊं।
उत्पत्ति 48:4, उत्पत्ति 24:7, व्यवस्थाविवरण 2:5, व्यवस्थाविवरण 11:5, यहोशू 3:14-17, यहोशू 18:1, यहोशू 23:9, यहोशू 24:18, 2 शमूएल 7:2-16, 1 राजाओं 8:17-18, 1 इतिहास 17:1-14, 2 इतिहास 6:7-8, भजन संहिता 132:5

46. 'who found favor before God and asked to find a dwelling for the God of Jacob.

47. 'But Solomon built Him a house.

48. परन्तु परम प्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, जैसा कि भविष्यद्वक्ता ने कहा।

48. 'However, the Most High does not dwell in temples made with hands, as the prophet says:

49. कि प्रभु कहता है, स्वर्ग मेरा सिहांसन और पृथ्वी मेरे पांवों तले की पीढ़ी है, मेरे लिये तुम किस प्रकार का घर बनाओगे? और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?
यशायाह 66:1-2

49. 'Heaven [is] My throne, And earth [is] My footstool. What house will you build for Me? says the LORD, Or what [is] the place of My rest?

50. क्या ये सब वस्तुएं मेरे हाथ की बनाई नहीं? हे हठीले, और मन और कान के खतनारहित लोगो, तुम सदा पवित्रा आत्मा का साम्हना करते हो।
यशायाह 66:1-2

50. Has My hand not made all these things?'

51. जैसा तुम्हारे बापदादे करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो।
निर्गमन 32:9, निर्गमन 33:3-5, लैव्यव्यवस्था 26:41, गिनती 27:14, यशायाह 63:10, यिर्मयाह 6:10, यिर्मयाह 9:26

51. ' [You] stiff-necked and uncircumcised in heart and ears! You always resist the Holy Spirit; as your fathers [did,] so [do] you.

53. तुम ने स्वर्गदूतों के द्वारा ठहराई हुई व्यवस्था तो पाई, परन्तु उसका पालन नहीं किया।।

53. who have received the law by the direction of angels and have not kept [it.']

54. ये बातें सुनकर वे जल गए और उस पर दांत पीसने लगे।
अय्यूब 16:9, भजन संहिता 35:16, भजन संहिता 37:12, भजन संहिता 112:10

54. When they heard these things they were cut to the heart, and they gnashed at him with [their] teeth.

55. परन्तु उस ने पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण होकर स्वर्ग की ओर देखा और परमेश्वर की महिमा को और यीशु को परमेश्वर की दहिनी ओर खड़ा देखकर।

55. But he, being full of the Holy Spirit, gazed into heaven and saw the glory of God, and Jesus standing at the right hand of God,

56. कहा; देखों, मैं स्वर्ग को खुला हुआ, और मनुष्य के पुत्रा को परमेश्वर के दहिनी ओर खड़ा हुआ देखता हूं।

56. and said, 'Look! I see the heavens opened and the Son of Man standing at the right hand of God!'

57. तब उन्हों ने बड़े शब्द से चिल्लाकर कान बन्द कर लिए, और एक चित्त होकर उस पर झपटे।

57. Then they cried out with a loud voice, stopped their ears, and ran at him with one accord;

58. और उसे नगर के बाहर निकालकर पत्थरवाह करने लगे, और गवाहों ने अपने कपड़े उतार रखे।

58. and they cast [him] out of the city and stoned [him.] And the witnesses laid down their clothes at the feet of a young man named Saul.

59. और वे स्तिुफनुस को पत्थरवाह करते रहे, और वह यह कहकर प्रार्थना करता रहा; कि हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर।
भजन संहिता 31:5

59. And they stoned Stephen as he was calling on [God] and saying, 'Lord Jesus, receive my spirit.'

60. फिर घुटने टेककर ऊंचे शब्द से पुकारा, हे प्रभु, यह पाप उन पर मत लगा, और यह कहकर सो गया: और शाऊल उसके बध मे सहमत था।।

60. Then he knelt down and cried out with a loud voice, 'Lord, do not charge them with this sin.' And when he had said this, he fell asleep.



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