Acts - प्रेरितों के काम 7 | View All

1. तब महायाजक ने कहा, क्या ये बातें यों ही है?

1. পরে মহাযাজক বলিলেন, এই সকল কথা কি সত্য? তিনি কহিলেন,

2. उस ने कहा; हे भाइयो, और पितरो सुनो, हमारा पिता इब्राहीम हारान में बसने से पहिले जब मिसुपुतामिया में था; तो तेजोमय परमेश्वर ने उसे दर्शन दिया।
भजन संहिता 29:3

2. হে ভ্রাতারা ও পিতারা, শুনুন। আমাদের পিতা অব্রাহাম হারণে বসতি করিবার পূর্ব্বে যে সময়ে মিসপতামিয়ায় ছিলেন, তৎকালে প্রতাপের ঈশ্বর তাঁহাকে দর্শন দিয়াছিলেন, আর বলিয়াছিলেন,

3. और उस से कहा कि तू अपने देश और अपने कुटुम्ब से निकलकर उस देश मे चला जा, जिसे मैं तुझे दिखाऊंगा।
उत्पत्ति 12:1, उत्पत्ति 48:4

3. “তুমি স্বদেশ হইতে ও আপন জ্ঞাতি কুটুম্বদের মধ্য হইতে বাহির হও, এবং আমি যে দেশ তোমাকে দেখাই, সেই দেশে চল।”

4. तब वह कसदियों के देश से निकलकर हारान में जा बसा; और उसके पिता की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने उसको वहां से इस देश में लाकर बसाया जिस में अब तुम बसते हो।
उत्पत्ति 12:5

4. তখন তিনি কল্‌দীয়দের দেশ হইতে বাহির হইয়া গিয়া হারণে বসতি করিলেন; আর তাঁহার পিতার মৃত্যু হইলে পর [ঈশ্বর] তাঁহাকে তথা হইতে এই দেশে আনিলেন, যে দেশে আপনারা এখন বাস করিতেছেন,

5. और उसको कुछ मीरास बरन पैर रखने भर की भी उस में जगह न दी, परन्तु प्रतिज्ञा की कि मैं यह देश, तेरे और तेरे बाद तेरे वंश के हाथ कर दूंगा; यद्यपि उस समय उसके कोई पुत्रा भी न था।
उत्पत्ति 13:15, उत्पत्ति 15:18, उत्पत्ति 16:1, उत्पत्ति 17:8, उत्पत्ति 48:4, उत्पत्ति 24:7, व्यवस्थाविवरण 2:5, व्यवस्थाविवरण 11:5, व्यवस्थाविवरण 32:49

5. কিন্তু এই দেশের মধ্যে তাঁহাকে অধিকার দিলেন না, এক পাদ পরিমিত ভূমিও না; আর অঙ্গীকার করিলেন, তিনি তাঁহাকে ও তাঁহার পরে তাঁহার বংশকে অধিকারার্থে তাহা দিবেন, যদিও তখন তাঁহার সন্তান হয় নাই।

6. और परमेश्वर ने यों कहा; कि तेरी सन्तान के लोग पराये देश में परदेशी होंगे, और वे उन्हें दास बनाएंगे, और चार सौ वर्ष तक दुख देंगे।
उत्पत्ति 15:13-14, निर्गमन 2:22

6. আর ঈশ্বর এইরূপ বলিলেন যে, “তাঁহার বংশ পরদেশে প্রবাসী থাকিবে, এবং লোকে তাহাদিগকে দাসত্ব করাইবে ও তাহাদের প্রতি চারি শত বৎসর পর্য্যন্ত দৌরাত্ম্য করিবে;

7. फिर परमेश्वर ने कहा; जिस जाति के वे दास होंगे, उस को मैं दण्ड दूंगा; और इस के बाद वे निकलकर इसी जगह मेरी सेवा करेंगे।
उत्पत्ति 15:14, निर्गमन 3:12

7. আর তাহারা যে জাতির দাস হইবে, আমিই তাহার বিচার করিব,” ঈশ্বর আরও কহিলেন, “তৎপরে তাহারা বাহির হইয়া আসিবে, এবং এই স্থানে আমার আরাধনা করিবে।”

8. और उस ने उस से खतने की वाचा बान्धी; और इसी दशा में इसहाक उस से उत्पन्न हुआ; और आठवें दिन उसका खतना किया गया; और इसहाक से याकूब और याकूब से बारह कुलपति उत्पन्न हुए।
उत्पत्ति 17:10-11, उत्पत्ति 21:4

8. আর তিনি তাঁহাকে ত্বক্‌ছেদের নিয়ম দিলেন; আর এইরূপে অব্রাহাম ইস্‌হাককে জন্ম দিলেন, এবং অষ্টম দিবসে তাঁহার ত্বক্‌ছেদ করিলেন; পরে ইস্‌হাক যাকোবের, এবং যাকোব সেই বারো জন পিতৃকুলপতির জন্ম দিলেন।

9. और कुलपतियों ने यूसुफ से डाह करके उसे मिसर देश जानेवालों के हाथ बेचा; परन्तु परमेश्वर उसके साथ था।
उत्पत्ति 37:11, उत्पत्ति 37:28, उत्पत्ति 39:2-3, उत्पत्ति 39:21, उत्पत्ति 45:4

9. আর পিতৃকুলপতিরা যোষেফের প্রতি ঈর্ষা করিয়া তাঁহাকে বিক্রয় করিলে তিনি মিসরে নীত হন।

10. और उसे उसके सब क्लेशों से छुड़ाकर मिसर के राजा फिरौन के आगे अनुग्रह और बुद्धि दी, और उस ने उसे मिसर पर और अपने सारे घर पर हाकिम ठहराया।
उत्पत्ति 41:40, उत्पत्ति 41:43, उत्पत्ति 41:46, भजन संहिता 105:21

10. কিন্তু ঈশ্বর তাঁহার সঙ্গে সঙ্গে ছিলেন, এবং তাঁহার সমস্ত ক্লেশ হইতে তাঁহাকে উদ্ধার করিলেন, আর মিসর-রাজ ফরৌণের সাক্ষাতে অনুগ্রহ ও বিজ্ঞতা প্রদান করিলেন; তাহাতে ফরৌণ তাঁহাকে মিসরের ও আপন সমস্ত গৃহের অধ্যক্ষ-পদে নিযুক্ত করিলেন।

11. तब मिसर और कनान के सारे देश में अकाल पडा; जिस से भारी क्लेश हुआ, और हमारे बापदादों को अन्न नहीं मिलता था।
उत्पत्ति 41:54-55, उत्पत्ति 42:5

11. পরে সমস্ত মিসরে ও কনানে দুর্ভিক্ষ হইল, বড়ই ক্লেশ ঘটিল, আর আমাদের পিতৃপুরুষদের ভক্ষ্যের অভাব হইল।

12. परन्तु याकूब ने यह सुनकर, कि मिसर में अनाज है, हमारे बापदादों को पहिली बार भेजा।
उत्पत्ति 42:2

12. কিন্তু মিসরে শস্য আছে শুনিয়া যাকোব আমাদের পিতৃপুরুষদিগকে প্রথম বার প্রেরণ করিলেন।

13. और दूसरी बार यूसुफ अपने भाइयों पर प्रगट को गया, और यूसुुफ की जाति फिरौन को मालूम हो गई।
उत्पत्ति 45:1, उत्पत्ति 45:3, उत्पत्ति 45:16

13. পরে দ্বিতীয় বারে যোষেফ আপন ভ্রাতাদের পরিচিত হইলেন, এবং যোষেফের জাতি ফরৌণের কাছে ব্যক্ত হইল।

14. तब यूसुफ ने अपने पिता याकूब और अपने सारे कुटुम्ब को, जो पछत्तर व्यक्ति थे, बुला भेजा।
उत्पत्ति 45:9-11, उत्पत्ति 45:18-19, निर्गमन 1:5, व्यवस्थाविवरण 10:22

14. পরে যোষেফ আপন পিতা যাকোবকে এবং আপনার সমস্ত জ্ঞাতিকে, পঁচাত্তর প্রাণীকে, আপনার নিকটে ডাকিয়া পাঠাইলেন।

15. तब याकूब मिसर में गया; और वहां वह और हमारे बापदादे मर गए।
उत्पत्ति 45:5-6, उत्पत्ति 49:33, निर्गमन 1:6

15. তাহাতে যাকোব মিসরে গেলেন, পরে তাঁহার ও আমাদের পিতৃপুরুষদের মৃত্যু হইল।

16. और वे शिकिम में पहुंचाए जाकर उस कब्र में रखे गए, जिसे इब्राहीम न चान्दी देकर शिकिम में हमोर की सन्तान से मोल लिया था।
उत्पत्ति 23:16-17, उत्पत्ति 33:19, उत्पत्ति 49:29-30, उत्पत्ति 50:13, यहोशू 24:32

16. আর তাঁহারা শিখিমে নীত হইলেন, এবং যে কবর অব্রাহাম রৌপ্যমূল্য দিয়া শিখিমে হমোর-সন্তানদের নিকটে ক্রয় করিয়াছিলেন, তন্মধ্যে সমাহিত হইলেন।

17. परन्तु जब उस प्रतिज्ञा के पूरे होने का समय निकट आया, तो परमेश्वर ने इब्राहीम से की थी, तो मिसर में वे लोग बढ़ गए; और बहुत हो गए।
निर्गमन 1:7-8

17. পরে, ঈশ্বর অব্রাহামের নিকটে যে প্রতিজ্ঞা করিয়াছিলেন, সেই প্রতিজ্ঞা ফলিবার সময় সন্নিকট হইলে, লোকেরা মিসরে বৃদ্ধি পাইয়া বহুসংখ্যক হইয়া উঠিল।

18. जब तक कि मिसर में दूसरा राजा न हुआ जो यूसुफ को नहीं जानता था।
निर्गमन 1:7-8

18. অবশেষে মিসরের উপরে এমন আর এক জন রাজা উৎপন্ন হইলেন, যিনি যোষেফকে জানিতেন না।

19. उस ने हमारी जाति से चतुराई करके हमारे बापदादों के साथ यहां तक कुव्योहार किया, कि उन्हें अपने बालकों को फेंक देना पड़ा कि वे जीवित न रहें।
निर्गमन 1:9-10, निर्गमन 1:18, निर्गमन 1:22

19. তিনি আমাদের জাতির সহিত চাতুর্য্য ব্যবহার করিলেন; আমাদের পিতৃপুরুষদের প্রতি দৌরাত্ম্য করিলেন, উদ্দেশ্য এই যে, তাঁহাদের শিশু সকলকে বাহিরে ফেলিয়া দেওয়া হয়, যেন তাহারা জীবিত না থাকে।

20. उस समय मूसा उत्पन्न हुआ जो बहुत ही सुन्दर था; और वह तीन महीने तक अपने पिता के घर में पाला गया।
निर्गमन 2:2

20. সেই সময়ে মোশির জন্ম হয়। তিনি ঈশ্বরের দৃষ্টিতে সুন্দর ছিলেন, এবং তিনি মাস পর্য্যন্ত পিতার বাটীতে পালিত হইলেন।

21. परन्तु जब फेंक दिया गया तो फिरौन की बेटी ने उसे उठा लिया, और अपना पुत्रा करके पाला।
निर्गमन 2:5, निर्गमन 2:10

21. পরে তাঁহাকে বাহিরে ফেলিয়া দেওয়া হইলে ফরৌণের কন্যা তুলিয়া লন, ও আপনার পুত্র করিবার উদ্দেশ্যে প্রতিপালন করেন।

22. और मूसा को मिसरियों की सारी विद्या पढ़ाई गई, और वह बातों और कामों में सामर्थी था।

22. আর মোশি মিস্রীয়দের সমস্ত বিদ্যায় শিক্ষিত হইলেন, এবং তিনি বাক্যে ও কার্য্যে পরাক্রমী ছিলেন।

23. जब वह चालीस वर्ष का हुआ, तो उसके मन में आया कि मैं अपने इस्त्राएली भाइयों से भेंट करूं।
निर्गमन 2:11

23. পরে তাঁহার প্রায় সম্পূর্ণ চল্লিশ বৎসর বয়ঃক্রম হইলে নিজ ভ্রাতৃগণের, ইস্রায়েল-সন্তানগণের, তত্ত্বাবধান করিবার ইচ্ছা তাঁহার হৃদয়ে উঠিল।

24. और उस ने एक व्यक्ति पर अन्याय होने देखकर, उसे बचाया, और मिसरी को मारकर सताए हुए का पलटा लिया।
निर्गमन 2:12

24. তখন এক জনের প্রতি অন্যায় করা হইতেছে দেখিয়া তিনি তাহার পক্ষ হইলেন, সেই মিস্রীয় ব্যক্তিকে আঘাত করিয়া উপদ্রুতের পক্ষে অন্যায়ের প্রতিকার করিলেন।

25. उस ने सोचा, कि मेरे भाई समझेंगे कि परमेश्वर मेरे हाथों से उन का उद्धार करेगा, परन्तु उन्हों ने न समझा।

25. তিনি মনে করিতেছিলেন, তাঁহার ভ্রাতৃগণ বুঝিয়াছে যে, তাঁহার হস্ত দ্বারা ঈশ্বর তাহাদিগকে পরিত্রাণ দিতেছেন; কিন্তু তাহারা বুঝিল না।

26. दूसरे दिन जब वे आपस में लड़ रहे थे, तो वह वहां आ निकला; और यह कहके उन्हें मेल करने के लिये समझाया, कि हे पुरूषो, तुम तो भाई भाई हो, एक दूसरे पर क्यों अन्याय करते हो?

26. আর পর দিবস তাহারা যখন মারামারি করিতেছিল, তখন তিনি তাহাদের কাছে দেখা দিয়া মিলন করাইয়া দিবার চেষ্টা করিলেন, কহিলেন, ওহে, তোমরা পরস্পর ভ্রাতা, এক জন অন্যের প্রতি অন্যায় করিতেছ কেন?

27. परन्तु जो अपने पड़ोसी पर अन्याय कर रहा था, उस ने उसे यह कहकर हटा दिया, कि तुझे किस ने हम पर हाकिम और न्यायी ठहराया है?
निर्गमन 2:13-14

27. কিন্তু প্রতিবাসীর প্রতি অন্যায় করিতেছিল যে ব্যক্তি, সে তাঁহাকে ঠেলিয়া ফেলিয়া দিয়া কহিল, তোমাকে অধ্যক্ষ ও বিচারকর্ত্তা করিয়া আমাদের উপরে কে নিযুক্ত করিয়াছে?

28. क्या जिस रीति से तू ने कल मिसरी को मार डाला मुझे भी मार डालना चाहता है?
निर्गमन 2:13-14

28. কাল যেমন সেই মিস্রীয়কে বধ করিলে, তেমনি কি আমাকেও বধ করিতে চাহিতেছ?

29. यह बात सुनकर, मूसा भागा; और मिद्यान देश में परदेशी होकर रहने लगा: और वहां उसके दो पुत्रा उत्पन्न हुए।
निर्गमन 2:15-22, निर्गमन 18:3-4

29. এই কথায় মোশি পলায়ন করিলেন, আর মিদিয়ন দেশে প্রবাসী হইলেন; সেখানে তাঁহার দুই পুত্রের জন্ম হয়।

30. जब पूरे चालीस वर्ष बीत गए, तो एक स्वर्ग दूत ने सीनै पहाड़ के जंगल में उसे जलती हुई झाड़ी की ज्वाला में दर्शन दिया।
निर्गमन 3:1, निर्गमन 3:2-3

30. পরে চল্লিশ বৎসর পূর্ণ হইলে সীনয় পর্ব্বতের প্রান্তরে এক দূত একটা ঝোপে অগ্নিশিখায় তাঁহাকে দর্শন দিলেন।

31. मूसा ने उस दर्शन को देखकर अचम्भा किया, और जब देखने के लिये पास गया, तो प्रभु का यह शब्द हुआ।
निर्गमन 3:2-3

31. মোশি দেখিয়া সেই দৃশ্যে আশ্চর্য্য জ্ঞান করিলেন, আর ভাল করিয়া দেখিবার নিমিত্ত নিকটে যাইতেছেন, এমন সময়ে প্রভুর এই বাণী হইল,

32. कि मैं तेरे बापदादों, इब्राहीम, इसहाक और याकूब का परमेश्वर हूं: तब तो मूसा कांप उठा, यहां तक कि उसे देखने का हियाव न रहा।

32. “আমি তোমার পিতৃপুরুষদের ঈশ্বর, অব্রাহামের, ইস্‌হাকের ও যাকোবের ঈশ্বর।” তখন মোশি ত্রাসযুক্ত হওয়াতে ভাল করিয়া দেখিতে সাহস করিলেন না।

33. तब प्रभु ने उस से कहा; अपने पावों से जूती उतार ले, क्योंकि जिस जगह तू खड़ा है, वह पवित्रा भूमि है।
निर्गमन 3:5

33. পরে প্রভু তাঁহাকে কহিলেন, “তোমার পা হইতে জুতা খুলিয়া ফেল; কেননা যে স্থানে তুমি দাঁড়াইয়া আছ, উহা পবিত্র ভূমি।

34. मैं ने सचमुच अपने लोगों की दुर्दशा को जो मिसर में है, देखी है; और उन की आह और उन का रोना सुन लिया है; इसलिये उन्हें छुड़ाने के लिये उतरा हूं। अब आ, मैं तुझे मिसर में भेंजूंगा।
निर्गमन 2:24, निर्गमन 3:7-10

34. আমি মিসরে স্থিত আমার প্রজাদের দুঃখ বিলক্ষণ দেখিয়াছি, তাহাদের আর্ত্তস্বর শুনিয়াছি, আর তাহাদিগকে উদ্ধার করিতে নামিয়া আসিয়াছি, এখন আইস, আমি তোমাকে মিসরে প্রেরণ করি।”

35. जिस मूसा को उन्हों ने यह कहकर नकारा था कि तुझे किस ने हम पर हाकिम और न्यायी ठहराया है; उसी को परमेश्वर ने हाकिम और छुड़ानेवाला ठहराकर, उस स्वर्ग दूत के द्वारा जिस ने उसे झाड़ी में दर्शन दिया था, भेजा।
निर्गमन 2:14, निर्गमन 3:2

35. এই যে মোশিকে তাহারা অস্বীকার করিয়াছিল, বলিয়াছিল, ‘তোমাকে অধ্যক্ষ ও বিচারকর্ত্তা করিয়া কে নিযুক্ত করিয়াছে?’ তাঁহাকেই ঈশ্বর, যে দূত ঝোপে তাঁহাকে দর্শন দিয়াছিলেন, সেই দূতের হস্তসহ অধ্যক্ষ ও মুক্তিদাতা করিয়া প্রেরণ করিলেন।

36. यही व्यक्ति मिसर और लाल समुद्र और जंगल में चालीस वर्ष तक अद्भुत काम और चिन्ह दिखा दिखाकर उन्हें निकाल लाया।
निर्गमन 7:3, निर्गमन 14:21, गिनती 14:33

36. তিনিই মিসরে, লোহিত সমুদ্রে ও প্রান্তরে চল্লিশ বৎসর কাল নানাবিধ অদ্ভুত লক্ষণ ও চিহ্ন-কার্য্য সাধন করিয়া তাহাদিগকে বাহির করিয়া আনিলেন।

37. यह वही मूसा है, जिस ने इस्त्राएलियों से कहा; कि परमेश्वर तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिये मुझ सा एक भविष्यद्वक्ता उठाएगा।
व्यवस्थाविवरण 18:15-18

37. ইনি সেই মোশি, যিনি ইস্রায়েল-সন্তানগণকে এই কথা বলিয়াছিলেন, “ঈশ্বর তোমাদের জন্য তোমাদের ভ্রাতৃগণের মধ্য হইতে আমার সদৃশ এক জন ভাববাদীকে উৎপন্ন করিবেন।”

38. यह वही है, जिस ने जंगल में कलीसिया के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उस से बातें की, और हमारे बापदादों के साथ था: उसी को जीवित वचन मिले, कि हम तक पहुंचाए।
निर्गमन 19:1-6, निर्गमन 20:1-17, निर्गमन 23:20-21, व्यवस्थाविवरण 5:4-22, व्यवस्थाविवरण 9:10-11

38. তিনিই প্রান্তরে মণ্ডলীতে ছিলেন; যে দূত সীনয় পর্ব্বতে তাঁহার কাছে কথা বলিয়াছিলেন, তিনিই তাঁহার এবং আমাদের পিতৃপুরুষদের সহিত ছিলেন। তিনি আমাদিগকে দিবার নিমিত্ত জীবনময় বচন-কলাপ পাইয়াছিলেন।

39. परन्तु हमारे बापदादों ने उस की मानना न चाहा; बरन उसे हटाकर अपने मन मिसर की ओर फेरे।
गिनती 14:3-4, निर्गमन 19:1-6, निर्गमन 20:1-17, निर्गमन 23:20-21

39. আমাদের পিতৃপুরুষেরা তাঁহার আজ্ঞাবহ হইতে চাহিলেন না, বরং তাঁহাকে ঠেলিয়া ফেলিলেন, আর মনে মনে পুনরায় মিসরের দিকে ফিরিলেন,

40. और हारून से कहा; हमारे लिये ऐसा देवता बना, जो हमारे आगे आगे चलें; क्योंकि यह मूसा जा हमें मिसर देश से निकाल लाया, हम नहीं जानते उसे क्या हुआ?
निर्गमन 32:1, निर्गमन 32:23

40. হারোণকে কহিলেন, “আমাদের নিমিত্ত দেবতা নির্ম্মাণ কর, তাঁহারাই আমাদের অগ্রে অগ্রে যাইবেন, কেননা এই যে মোশি মিসর দেশ হইতে আমাদিগকে বাহির করিয়া আনিলেন, তাঁহার কি হইল, আমরা জানি না।”

41. उन दिनों में उन्हों ने एक बछड़ा बनाकर, उस की मूरत के आगे बलि चढ़ाया; और अपने हाथों के कामों में मगन होने लगे।
निर्गमन 32:4-6

41. আর সেই সময়ে তাঁহারা একটা গোবৎস নির্ম্মাণ করিলেন, এবং সেই মূর্ত্তির উদ্দেশে বলি উৎসর্গ করিলেন, ও আপনাদের হস্তকৃত বস্তুতে আমোদ করিতে লাগিলেন।

42. सो परमेश्वर ने मुंह मोड़कर उन्हें छोड़ दिया, कि आकशगण पूजें; जैसा भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में लिखा है; कि हे इस्त्राएल के घराने, क्या तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि मुझ ही को चढ़ाते रहे?
यिर्मयाह 7:18, यिर्मयाह 8:2, यिर्मयाह 19:13, आमोस 5:25-26

42. কিন্তু ঈশ্বর বিমুখ হইলেন, তাঁহাদিগকে আকাশের বাহিনী পূজা করিবার জন্য সমর্পণ করিলেন; যেমন ভাববাদীগণের গ্রন্থে লেখা আছে, “হে ইস্রায়েল-কুল, প্রান্তরে চল্লিশ বৎসর কাল তোমরা কি আমার উদ্দেশে পশুবলি ও উপহার উৎসর্গ করিয়াছিলে?

43. और तुम मोलेक के तम्बू और रिफान देवता के तारे को लिए फिरते थे; अर्थात् उन आकारों को जिन्हें तुम ने दण्डवत करने के लिये बनाया था: सो मैं तुम्हें बाबुर के परे ले जाकर बसाऊंगा।
आमोस 5:25-26

43. তোমরা বরং মোলকের তাম্বু ও রিফন্‌ দেবতার তারা তুলিয়া বহন করিয়াছিলে, সেই মূর্ত্তিদ্বয়, যাহা তোমরা পূজা করিবার জন্য গড়িয়াছিলে; আর আমি তোমাদিগকে বাবিলের ওদিকে নির্ব্বাসিত করিব।”

44. साक्षी का तम्बू जंगल में हमारे बापदादों के बीच में था; जैसा उस ने ठहराया, जिस ने मूसा से कहा; कि जो आकर तू ने देखा है, उसके अनुसार इसे बना।
निर्गमन 25:1-40, निर्गमन 25:40, निर्गमन 27:21, गिनती 1:50

44. যেমন তিনি আদেশ করিয়াছিলেন, তদনুযায়ী সাক্ষ্যের তাম্বু প্রান্তরে আমাদের পিতৃপুরুষদের কাছে ছিল। তিনি মোশিকে বলিয়াছিলেন, তুমি যেরূপ আদর্শ দেখিলে, সেই অনুসারে উহা নির্ম্মাণ কর।

45. उसी तम्बू को हमारे बापदादे पूर्वकाल से पाकर यहोशू के साथ यहां ले आए; जिस समय कि उन्हों ने उन अन्यजातियों का अधिकार पाया, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे बापदादों के साम्हने से निकाल दिया; और वह दाऊद के समय तक रहा।
उत्पत्ति 48:4, उत्पत्ति 24:7, व्यवस्थाविवरण 2:5, व्यवस्थाविवरण 11:5, यहोशू 3:14-17, यहोशू 18:1, यहोशू 23:9, यहोशू 24:18, 2 शमूएल 7:2-16, 1 राजाओं 8:17-18, 1 इतिहास 17:1-14, 2 इतिहास 6:7-8, भजन संहिता 132:5

45. আর আমাদের পিতৃপুরুষেরা তাঁহাদের সময়ে উহা প্রাপ্ত হইয়া যিহোশূয়ের সহিত আনিলেন, যখন সেই জাতিগণের অধিকারে প্রবেশ করিলেন, যাহাদিগকে ঈশ্বর আমাদের পিতৃপুরুষদের সম্মুখ হইতে তাড়াইয়া দিলেন। সেই তাম্বু দায়ূদের সময় পর্য্যন্ত রহিল।

46. उस पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया, सो उस ने बिनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्था ठहराऊं।
उत्पत्ति 48:4, उत्पत्ति 24:7, व्यवस्थाविवरण 2:5, व्यवस्थाविवरण 11:5, यहोशू 3:14-17, यहोशू 18:1, यहोशू 23:9, यहोशू 24:18, 2 शमूएल 7:2-16, 1 राजाओं 8:17-18, 1 इतिहास 17:1-14, 2 इतिहास 6:7-8, भजन संहिता 132:5

46. ইনি ঈশ্বরের দৃষ্টিতে অনুগ্রহ প্রাপ্ত হইলেন, এবং যাকোবের ঈশ্বরের নিমিত্ত এক আবাস প্রস্তুত করিবার অনুমতি যাচ্ঞা করিলেন;

47. কিন্তু শলোমন তাঁহার জন্য এক গৃহ নির্ম্মাণ করিলেন।

48. परन्तु परम प्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, जैसा कि भविष्यद्वक्ता ने कहा।

48. তথাপি যিনি পরাৎপর, তিনি হস্তনির্ম্মিত গৃহে বাস করেন না; যেমন ভাববাদী বলেন,

49. कि प्रभु कहता है, स्वर्ग मेरा सिहांसन और पृथ्वी मेरे पांवों तले की पीढ़ी है, मेरे लिये तुम किस प्रकार का घर बनाओगे? और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?
यशायाह 66:1-2

49. “স্বর্গ আমার সিংহাসন, পৃথিবী আমার পাদপীঠ; প্রভু কহেন, তোমরা আমার জন্য কিরূপ গৃহ নির্ম্মাণ করিবে?

50. क्या ये सब वस्तुएं मेरे हाथ की बनाई नहीं? हे हठीले, और मन और कान के खतनारहित लोगो, तुम सदा पवित्रा आत्मा का साम्हना करते हो।
यशायाह 66:1-2

50. অথবা আমার বিশ্রাম-স্থান কোথায়? আমারই হস্ত কি এই সকল নির্ম্মাণ করে নাই?”

51. जैसा तुम्हारे बापदादे करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो।
निर्गमन 32:9, निर्गमन 33:3-5, लैव्यव्यवस्था 26:41, गिनती 27:14, यशायाह 63:10, यिर्मयाह 6:10, यिर्मयाह 9:26

51. হে শক্তগ্রীবেরা এবং হৃদয়ে ও কর্ণে অচ্ছিন্নত্বকেরা, তোমরা সর্ব্বদা পবিত্র আত্মার প্রতিরোধ করিয়া থাক; তোমাদের পিতৃপুরুষেরা যেমন, তোমরাও তেমনি।

53. तुम ने स्वर्गदूतों के द्वारा ठहराई हुई व्यवस्था तो पाई, परन्तु उसका पालन नहीं किया।।

53. তোমরাই দূতগণের দ্বারা আদিষ্ট ব্যবস্থা পাইয়াছিলে, কিন্তু পালন কর নাই।

54. ये बातें सुनकर वे जल गए और उस पर दांत पीसने लगे।
अय्यूब 16:9, भजन संहिता 35:16, भजन संहिता 37:12, भजन संहिता 112:10

54. এই কথা শুনিয়া তাহারা মর্ম্মাহত হইল, তাঁহার প্রতি দন্তঘর্ষণ করিতে লাগিল।

55. परन्तु उस ने पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण होकर स्वर्ग की ओर देखा और परमेश्वर की महिमा को और यीशु को परमेश्वर की दहिनी ओर खड़ा देखकर।

55. কিন্তু তিনি পবিত্র আত্মায় পরিপূর্ণ হইয়া স্বর্গের প্রতি একদৃষ্টে চাহিয়া দেখিলেন যে, ঈশ্বরের প্রতাপ রহিয়াছে, এবং যীশু ঈশ্বরের দক্ষিণে দাঁড়াইয়া আছেন,

56. कहा; देखों, मैं स्वर्ग को खुला हुआ, और मनुष्य के पुत्रा को परमेश्वर के दहिनी ओर खड़ा हुआ देखता हूं।

56. আর তিনি বলিলেন, দেখ, আমি দেখিতেছি, স্বর্গ খোলা রহিয়াছে, এবং মনুষ্যপুত্র ঈশ্বরের দক্ষিণে দাঁড়াইয়া আছেন।

57. तब उन्हों ने बड़े शब्द से चिल्लाकर कान बन्द कर लिए, और एक चित्त होकर उस पर झपटे।

57. কিন্তু তাহারা উচ্চৈঃস্বরে চেঁচাইয়া উঠিল, আপন আপন কর্ণ রুদ্ধ করিল, এবং একযোগে তাঁহার উপরে গিয়া পড়িল;

58. और उसे नगर के बाहर निकालकर पत्थरवाह करने लगे, और गवाहों ने अपने कपड़े उतार रखे।

58. আর তাঁহাকে নগর হইতে বাহির করিয়া পাথর মারিতে লাগিল; এবং সাক্ষীগণ আপন আপন বস্ত্র খুলিয়া শৌল নামে এক যুবকের পায়ের কাছে রাখিল।

59. और वे स्तिुफनुस को पत्थरवाह करते रहे, और वह यह कहकर प्रार्थना करता रहा; कि हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर।
भजन संहिता 31:5

59. এদিকে তাহারা স্তিফানকে পাথর মারিতেছিল, আর তিনি ডাকিয়া প্রার্থনা করিলেন, হে প্রভু যীশু, আমার আত্মাকে গ্রহণ কর।

60. फिर घुटने टेककर ऊंचे शब्द से पुकारा, हे प्रभु, यह पाप उन पर मत लगा, और यह कहकर सो गया: और शाऊल उसके बध मे सहमत था।।

60. পরে তিনি হাঁটু পাতিয়া উচ্চৈঃস্বরে কহিলেন, প্রভু, ইহাদের বিপক্ষে এই পাপ ধরিও না। ইহা বলিয়া তিনি নিদ্রাগত হইলেন। আর শৌল তাঁহার হত্যার অনুমোদন করিতে ছিলেন।



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