14. वे मन से मेरी दोहाई नहीं देते, परन्तु अपने बिछौने पर पड़े हुए हाय, हाय, करते हैं; वे अन्न और नये दाखमधु पाने के लिये भीड़ लगाते, और मुझ से बलवा करते हैं।
14. They do not cry out to me from their hearts but wail on their beds. They slash themselves, appealing to their gods for grain and new wine, but they turn away from me.