Hosea - होशे 7 | View All

1. जब मैं इस्राएल को चंगा करता हूं तब एप्रैम का अधर्म और शोमरोन की बुराइयां प्रगट हो जाती हैं; वे छल से काम करते हैं, चोर भीतर घुसता, और डाकुओं का दल बाहर छीन लेता है।

1. when I would heal Israel, the corruption of Ephraim is revealed, and the wicked deeds of Samaria; for they deal falsely, the thief breaks in, and the bandits raid outside.

2. तौभी वे नहीं सोचते कि यहोवा हमारी सारी बुराई को स्मरण रखता है। इसलिये अब वे अपने कामों के जाल में फसेंगे, क्योंकि उनके कार्य मेरी दृष्टि में बने हैं।

2. But they do not consider that I remember all their wickedness. Now their deeds surround them, they are before my face.

3. वे राजा को बुराई करने से, और हाकिमों को झूठ बोलने से आनन्दित करते हैं।

3. By their wickedness they make the king glad, and the officials by their treachery.

4. वे सब के सब व्यभिचारी हैं; वे उस तन्दूर के समान हैं जिसको पकानेवाला गर्म करता है, पर जब तक आटा गूंधा नहीं जाता और खमीर से फूल नहीं चुकता, तब तक वह आग को नहीं उसकाता।

4. They are all adulterers; they are like a heated oven, whose baker does not need to stir the fire, from the kneading of the dough until it is leavened.

5. हमारे राजा के जन्म दिन में हाकिम दाखमधु पीकर चूर हुए; उस ने ठट्ठा करनेवालों से अपना हाथ मिलाया।

5. On the day of our king the officials became sick with the heat of wine; he stretched out his hand with mockers.

6. जब तक वे घात लगाए रहते हैं, तब तक वे अपना मन तन्दूर की नाई तैयार किए रहते हैं; उनका पकानेवाला रात भर सोता रहता है; वह भोर को तन्दूर की धधकती लौ के समान लाल हो जाता है।

6. For they are kindled like an oven, their heart burns within them; all night their anger smolders; in the morning it blazes like a flaming fire.

7. वे सब के सब तन्दूर की नाई धधकते, और अपने न्यायियों को भस्म करते हैं। उनके सब राजा मारे गए हैं; और उन में से कोई मेरी दोहाई नहीं देता है।।

7. All of them are hot as an oven, and they devour their rulers. All their kings have fallen; none of them calls upon me.

8. एप्रैम देश देश के लोगों से मिलाजुला रहता है; एप्रैम ऐसी चपाती ठहरा है जो उलटी न गई हो।

8. Ephraim mixes himself with the peoples; Ephraim is a cake not turned.

9. परदेशियों ने उसका बल तोड़ डाला, परन्तु वह इसे नहीं जानता; उसके सिर में कहीं कहीं पके बाल हैं, परन्तु वह इसे भी नहीं जानता।

9. Foreigners devour his strength, but he does not know it; gray hairs are sprinkled upon him, but he does not know it.

10. इस्राएल का गर्व उसी के विरूद्व साक्षी देता है; इन सब बातों के रहते हुए भी वे अपने परमेश्वर यहोवा की ओर नहीं फिरे, और न उसको ढूंढ़ा है।।

10. Israel's pride testifies against him; yet they do not return to the LORD their God, or seek him, for all this.

11. एप्रैम एक भोली पण्डुकी के समान हो गया है जिस के कुछ बुद्धि नहीं; वे मिस्त्रियों की दोहाई देते, और अश्शूर को चले जाते हैं।

11. Ephraim has become like a dove, silly and without sense; they call upon Egypt, they go to Assyria.

12. जब वे जाएं, तब उनके ऊपर मैं अपना जाल फैलाऊंगा; मैं उन्हें ऐसा खींच लूंगा जैसे आकाश के पक्षी खींचे जाते हैं; मैं उनको ऐसी ताड़ना दूंगा, जैसी उनकी मण्डली सुन चुकी है।

12. As they go, I will cast my net over them; I will bring them down like birds of the air; I will discipline them according to the report made to their assembly.

13. उन पर हाय, क्योंकि वे मेरे पास से भटक गए! उनका सत्यानाश होए, क्योंकि उन्हों ने मुझ से बलवा किया है! मैं तो उन्हें छुडाता रहा, परन्तु वे मुझ से झूठ बोलते आए हैं।।

13. Woe to them, for they have strayed from me! Destruction to them, for they have rebelled against me! I would redeem them, but they speak lies against me.

14. वे मन से मेरी दोहाई नहीं देते, परन्तु अपने बिछौने पर पड़े हुए हाय, हाय, करते हैं; वे अन्न और नये दाखमधु पाने के लिये भीड़ लगाते, और मुझ से बलवा करते हैं।

14. They do not cry to me from the heart, but they wail upon their beds; they gash themselves for grain and wine; they rebel against me.

15. मैं उनको शिक्षा देता रहा और उनकी भुजाओं को बलवन्त करता आया हूं, तौभी वे मेरे विरूद्ध बुरी कल्पना करते हैं।

15. It was I who trained and strengthened their arms, yet they plot evil against me.

16. वे फिरते तो हैं, परन्तु परमप्रधान की ओर नहीं; वे धोखा देनेवाले धनुष के समान हैं; इसलिये उनके हाकिम अपनी क्रोधभरी बातों के कारण तलवार से मारे जाएंगे। मि देश में उनके ठट्ठों में उड़ाए जाने का यही कारण होगा।।

16. They turn to that which does not profit; they have become like a defective bow; their officials shall fall by the sword because of the rage of their tongue. So much for their babbling in the land of Egypt.



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