3. उस ने हाथ सा कुछ बढ़ाकर मेरे सिर के बाल पकड़े; तब आत्मा ने मुझे पृथ्वी और आकाश के बीच में उठाकर परमेश्वर के दिखाए हुए दर्शनों में यरूशलेम के मन्दिर के भीतर, आंगन के उस फाटक के पास पहुचा दिया जिसका मुंह उत्तर की ओर है; और जिस में उस जलन उपजानेवाली प्रतिमा का स्थान था जिसके कारण द्वेष उपजता है।
3. And he stretched out the likenesse of an hande, and toke me by an heery locke of my head, and the spirite lift me vp betwixt earth and heauen, and brought me in a diuine vision to Hierusalem, into the entry of the inner gate that lyeth towarde the north, where remayned the image of emulation [and] of gayne.