17. तब उस ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ने यह देखा? क्या यहूदा के घराने के लिये घृणित कामों का करना जो वे यहां करते हैं छोटी बात है? उन्होंने अपने देश को उपद्रव से भर दिया, और फिर यहां आकर मुझे रिस दिलाते हैं। वरन वे डाली को अपनी नाक के आगे लिए रहते हैं।
17. Then [the Spirit] said to me, Have you seen this, O son of man? Is it too slight a thing to the house of Judah to commit the abominations which they commit here, that they must fill the land with violence and turn back afresh to provoke Me to anger? And behold, they put the branch to their nose [actually, before their mouths, in superstitious worship]!