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1. तुम्हारा परमेश्वर यह कहता है, मेरी प्रजा को शान्ति दो, शान्ति!लूका 2:25
1. তোমরা সান্ত্বনা কর, আমার প্রজাদিগকে সান্ত্বনা কর, তোমাদের ঈশ্বর ইহা বলেন।
2. यरूशलेम से शान्ति की बातें कहो; और उस से पुकारकर कहो कि तेरी कठिन सेवा पूरी हुई है, तेरे अधर्म का दण्ड अंगीकार किया गया है : यहोवा के हाथ से तू अपने सब पापों का दूना दण्ड पा चुका है।।प्रकाशितवाक्य 1:5
2. যিরূশালেমকে চিত্ততোষক কথা বল; আর তাহার নিকটে ইহা প্রচার কর যে, তাহার সৈন্যবৃত্তি সমাপ্ত হইয়াছে, তাহার অপরাধের ক্ষমা হইয়াছে; তাহার যত পাপ, তাহার দ্বিগুণ [ফল] সে সদাপ্রভুর হস্ত হইতে পাইয়াছে।
3. किसी की पुकार सुनाई देती है, जंगल में यहोवा का मार्ग सुधारो, हमारे परमेश्वर के लिये अराबा में एक राजमार्ग चौरस करो।मत्ती 3:3, मरकुस 1:3, लूका 1:76, यूहन्ना 1:23, लूका 3:4-6
3. এক জনের রব, সে ঘোষণা করিতেছে, ‘তোমরা প্রান্তরে সদাপ্রভুর পথ প্রস্তুত কর, মরুভূমিতে আমাদের ঈশ্বরের জন্য রাজপথ সরল কর।
4. हर एक तराई भर दी जाए और हर एक पहाड़ और पहाड़ी गिरा दी जाए; जो टेढ़ा है वह सीधा और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस किया जाए।
4. প্রত্যেক উপত্যকা উচ্চীকৃত হইবে, প্রত্যেক পর্ব্বত ও উপপর্ব্বত নিম্ন করা যাইবে; বক্র স্থান সরল হইবে, উচ্চনীচ ভূমি সমস্থলী হইবে;
5. तब यहोवा का तेज प्रगट होगा और सब प्राणी उसको एक संग देखेंगे; क्योंकि यहोवा ने आप ही ऐसा कहा है।।लूका 2:30-31, प्रेरितों के काम 28:28
5. আর সদাপ্রভুর প্রতাপ প্রকাশ পাইবে, আর সমস্ত মর্ত্ত্য একসঙ্গে তাহা দেখিবে, কারণ সদাপ্রভুর মুখ ইহা বলিয়াছে।’
6. बोलनेवाले का वचन सुनाई दिया, प्रचार कर! मैं ने कहा, मैं क्या प्रचार करूं? सब प्राणी घास हैं, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है।याकूब 1:10-11, 1 पतरस 1:24-25
6. এক জনের রব, সে বলিতেছে, ‘ঘোষণা কর,’ এক জন কহিল, ‘কি ঘোষণা করিব?’ ‘মর্ত্ত্যমাত্র তৃণস্বরূপ, তাহার সমস্ত কান্তি ক্ষেত্রস্থ পুষ্পের তুল্য।
7. जब यहोवा की सांस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; नि:सन्देह प्रजा घास है।याकूब 1:10-11
7. তৃণ শুষ্ক হইয়া যায়, পুষ্প ম্লান হইয়া পড়ে, কারণ তাহার উপরে সদাপ্রভুর নিঃশ্বাস বহে; সত্যই লোকেরা তৃণস্বরূপ।
8. घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा।।
8. তৃণ শুষ্ক হইয়া যায়, পুষ্প ম্লান হইয়া পড়ে, কিন্তু আমাদের ঈশ্বরের বাক্য চিরকাল থাকিবে।’
9. हे सिरयोन को शुभ समचार सुनानेवाली, ऊंचे पहाड़ पर चढ़ जा; हे यरूशलेम को शुभ समाचार सुनानेवाली, बहुत ऊंचे शब्द से सुना, ऊंचे शब्द से सुना, मत डर; यहूदा के नगरों से कह, अपने परमेश्वर को देखो!यूहन्ना 12:15
9. হে সিয়োনের কাছে সুসমাচার-প্রচারকারিণি! উচ্চ পর্ব্বতে আরোহণ কর; হে যিরূশালেমের কাছে সুসমাচার-প্রচারকারিণি! সবলে উচ্চৈঃস্বর কর, উচ্চৈঃস্বর কর, ভয় করিও না; যিহূদার নগর সকলকে বল, দেখ, তোমাদের ঈশ্বর!
10. देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ दिखाता हुआ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा; देखा, जो मजदूरी देने की है वह उसके पास है और जो बदला देने का है वह उसके हाथ में है।प्रकाशितवाक्य 22:7-12
10. দেখ, প্রভু সদাপ্রভু সপরাক্রমে আসিতেছেন, তাঁহার বাহু তাঁহার জন্য কর্ত্তৃত্ব করে; দেখ, তাঁহার সঙ্গে তাঁহার [দাতব্য] বেতন আছে, তাঁহার অগ্রে তাঁহার [দাতব্য] পুরস্কার আছে।
11. वह चरवाहे की नाईं अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अंकवार में लिए रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे धीरे ले चलेगा।।यूहन्ना 10:11
11. তিনি মেষপালকের ন্যায় আপন পাল চরাইবেন, তিনি শাবকদিগকে বাহুতে সংগ্রহ করিবেন, এবং কোলে করিয়া বহন করিবেন; দুগ্ধবতী সকলকে তিনি ধীরে ধীরে চালাইবেন।
12. किस ने महासागर को चुल्लू से मापा और किस के बित्ते से आकाश का नाप हुआ, किस ने पृथ्वी की मिट्टी को नपवे में भरा और पहाड़ों को तराजू में और पहाड़ियों को कांटे में तौला है?
12. কে আপন করতলে জলরাশি মাপিয়াছে, বিঘত দিয়া আকাশমণ্ডল পরিমাণ করিয়াছে, পৃথিবীর ধূলা পালিতে ভরিয়াছে, পাল্লাতে পর্ব্বতগণকে, ও নিক্তিতে উপপর্ব্বতগণকে তৌল করিয়াছে?
13. किस ने यहोवा की आत्मा को मार्ग बताया वा उसका मन्त्री होकर उसको ज्ञान सिखाया है?1 कुरिन्थियों 2:16, रोमियों 11:34-35
13. কে সদাপ্রভুর আত্মার পরিমাণ করিয়াছে? কিম্বা তাঁহার মন্ত্রী হইয়া তাঁহাকে শিক্ষা দিয়াছে?
14. उस ने किस से सम्मति ली और किस ने उसे समझाकर न्याय का पथ बता दिया और ज्ञान सिखाकर बुद्धि का मार्ग जता दिया है?रोमियों 11:34-35
14. তিনি কাহার কাছে মন্ত্রণা গ্রহণ করিয়াছেন? কে তাঁহাকে বুদ্ধি দিয়াছে, ও বিচারপথ দেখাইয়াছে, তাঁহাকে জ্ঞান শিক্ষা দিয়াছে, ও বিবেচনার মার্গ জানাইয়াছে?
15. देखो, जातियां तो डोल की एक बून्द वा पलड़ों पर की धूलि के तुल्य ठहरीं; देखो, वह द्वीपों को धूलि के किनकों सरीखे उठाता है।
15. দেখ, জাতিগণ কলসের একটী জলবিন্দুর তুল্য, আর পাল্লাতে লগ্ন ধূলিকণার ন্যায় গণ্য; দেখ, তিনি দ্বীপ সকলকে একটী পরমাণুর ন্যায় তুলেন।
16. लबानोन की ईधन के लिये थोड़ा होगा और उस में के जीव- जन्तु होमबलि के लिये बस न होंगे।
16. আর জ্বাল দিবার নিমিত্তে লিবানোনে, হোমবলির নিমিত্ত তাহার জন্তু সকলে কুলায় না।
17. सारी जातियां उसके साम्हने कुछ नहीं हैं, वे उसकी दृष्टि में लेश और शून्य से भी घट ठहरीं हैं।।
17. তাঁহার সম্মুখে সমস্ত জাতি অবস্তুবৎ, তিনি তাহাদিগকে অসার ও শূন্য জ্ঞান করেন।
18. तुम ईश्वर को किस के समान बताओगे और उसकी उपमा किस से दोगे?प्रेरितों के काम 17:29
18. তবে তোমরা কাহার সহিত ঈশ্বরের তুলনা দিবে? তাঁহার সদৃশ বলিয়া কি প্রকার মূর্ত্তি উপস্থিত করিবে?
19. मूरत! कारीगर ढालता है, सोनार उसको सोने से मढ़ता और उसके लिये चान्दी की सांकलें ढालकर बनाता है।
19. শিল্পকর প্রতিমা ছাঁচে ঢালে, স্বর্ণকার তাহা স্বর্ণপত্রে মোড়ে, ও তাহার নিমিত্ত রৌপ্যের শৃঙ্খল প্রস্তুত করে।
20. जो कंगाल इतना अर्पण नहीं कर सकता, वह ऐसा वृक्ष चुन लेता है जो न घुने; तब एक निपुण कारीगर ढूंढकर मूरत खुदवाता और उसे ऐसा स्थिर कराता है कि वह हिल न सके।।
20. যে ব্যক্তি এইরূপ উপহার দিতে পারে না, সে দুষ্পচ্য কোন কাষ্ঠ মনোনীত করে; আপনার জন্য এক জন বিজ্ঞ শিল্পকর খুঁজে, যেন সে এমন একটী প্রতিমা প্রস্তুত করে, যাহা টলিবে না।
21. क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? क्या तुम को आरम्भ ही से नहीं बताया गया? क्या तुम ने पृथ्वी की नेव पड़ने के समय ही से विचार नहीं किया?
21. তোমরা কি জ্ঞাত হও নাই? তোমরা কি শুন নাই? আদি অবধি কি তোমাদিগকে সংবাদ দেওয়া হয় নাই? পৃথিবীর পত্তনাবধি তোমরা কি বুঝ নাই?
22. यह वह है जो पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाशमण्डल पर विराजमान है; और पृथ्वी के रहनेवाले टिड्डी के तुल्य है; जो आकाश को मलमल की नाईं फैलाता और ऐसा तान देता है जैसा रहने के लिये तम्बू ताना जाता है;
22. তিনিই পৃথিবীর সীমাচক্রের উপরে উপবিষ্ট; তন্নিবাসিগণ ফড়িঙ্গস্বরূপ; তিনি চন্দ্রাতপের ন্যায় আকাশমণ্ডল বিস্তার করেন, বাসতাম্বুর ন্যায় তাহা টাঙ্গাইয়া দেন।
23. जो बड़े बड़े हाकिमों को तुच्छ कर देता है, और पृथ्वी के अधिकारियों को शून्य के समान कर देता है।।
23. তিনি ভূপতিদিগকে লুপ্ত করেন, পৃথিবীর বিচারকর্ত্তাদিগকে অসার বস্তুর তুল্য করেন।
24. वे रोपे ही जाते, वे बोए ही जाते, उनके ठूंठ भूमि में जड़ ही पकड़ पाते कि वह उन पर पवन बहाता और वे सूख जाते, और आंधी उन्हें भूसे की नाई उड़ा ले जाती है।।
24. তাহারা রোপিত হয় নাই, তাহারা উপ্ত হয় নাই, ভূমিতে তাহাদের কাণ্ড বদ্ধমূল হয় নাই, অমনি তিনি তাহাদের উপরে ফুৎকার দেন, তাহারা শুকাইয়া যায়, ঘূর্ণবায়ু তাহাদিগকে নাড়ার ন্যায় উড়াইয়া দেয়।
25. सो तुम मुझे किस के समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्रा का यही वचन है।
25. অতএব তোমরা কাহার সহিত আমার উপমা দিবে যে আমি তাহার সদৃশ হইব? ইহা পবিত্রতম কহেন।
26. अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता।।
26. ঊর্দ্ধদিকে চক্ষু তুলিয়া দেখ, ঐ সকলের সৃষ্টি কে করিয়াছে? তিনি বাহিনীর ন্যায় সংখ্যানুসারে তাহাদিগকে বাহির করিয়া আনেন, সকলের নাম ধরিয়া তাহাদিগকে আহ্বান করেন; তাঁহার সামর্থ্যের আধিক্য ও শক্তির প্রাবল্য প্রযুক্ত তাহাদের একটাও অনুপস্থিত থাকে না।
27. हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा के छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?
27. যে যাকোব, তুমি কেন কহিতেছ, হে ইস্রায়েল, কেন তুমি বলিতেছ, আমার পথ সদাপ্রভু হইতে লুক্কায়িত, আমার বিচার আমার ঈশ্বর হইতে সরিয়া গিয়াছে? তুমি কি জ্ঞাত হও নাই?
28. क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।
28. তুমি কি শুন নাই? অনাদি অনন্ত ঈশ্বর, সদাপ্রভু, পৃথিবীর প্রান্ত সকলের সৃষ্টিকর্ত্তা ক্লান্ত হন না, শ্রান্ত হন না; তাঁহার বুদ্ধির অনুসন্ধান করা যায় না।
29. वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है।
29. তিনি ক্লান্ত ব্যক্তিকে শক্তি দেন, ও শক্তিহীন লোকের বল বৃদ্ধি করেন।
30. तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं;
30. তরুণেরা ক্লান্ত ও শ্রান্ত হয়, যুবকেরা স্খলিত, স্খলিত হয়;
31. परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाई उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।।
31. কিন্তু যাহারা সদাপ্রভুর অপেক্ষা করে, তাহারা উত্তরোত্তর নূতন শক্তি পাইবে; তাহারা ঈগল পক্ষীর ন্যায় পক্ষসহকারে ঊর্দ্ধে উঠিবে; তাহারা দৌড়িলে শ্রান্ত হইবে না; তাহারা গমন করিলে ক্লান্ত হইবে না।