Proverbs - नीतिवचन 23 | View All

1. जब तू किसी हाकिम के संग भोजन करने को बैठे, तब इस बात को मन लगाकर सोचना कि मेरे साम्हने कौन है?

1. When you sit down to eat with a ruler, look carefully at what is before you,

2. और यदि तू खाऊ हो, तो थोड़ा खाकर भूखा उठ जाना।

2. and put a knife to your throat if you are an owner of an appetite.

3. उसकी स्वादिष्ट भोजनवस्तुओं की लालसा न करना, क्योंकि वह धोखे का भोजन है।

3. Do not desire his delicacies, for it is the bread of lies.

4. धनी होने के लिये परिश्रम न करना; अपनी समझ का भरोसा छोड़ना।
1 तीमुथियुस 6:9

4. Do not labor to be rich, cease from your own understanding.

5. क्या तू अपनी दृष्टि उस वस्तु पर लगाएगा, जो है ही नहीं? वह उकाब पक्षी की नाईं पंख लगाकर, नि:सन्देह आकाश की ओर उड़ जाता है।

5. Will your eyes fly on it? And it is not! For surely it makes wings for itself, it flies into the heavens like an eagle.

6. जो डाह से देखता है, उसकी रोटी न खाना, और न उसकी स्वादिष्ट भोजनवस्तुओं की लालसा करना;

6. Do not eat the bread of one having an evil eye, and do not desire his delicacies,

7. क्योंकि जैसा वह अपने मन में विचार करता है, वैसा वह आप है। वह तुझ से कहता तो है, खा पी, परन्तु उसका मन तुझ से लगा नहीं।

7. for as he reasons in his heart, so is he! He says to you, Eat and drink, but his heart is not with you.

8. जो कौर तू ने खाया हो, उसे उगलना पड़ेगा, और तू अपनी मीठी बातों का फल खोएगा।

8. You shall vomit the bit you have eaten and spoil your pleasant words.

9. मूर्ख के साम्हने न बोलना, नहीं तो वह तेरे बुद्धि के वचनों को तुच्छ जानेगा।

9. Do not speak in the ears of a fool, for he will despise the good sense of your words.

10. पुराने सिवानों को न बढ़ाना, और न अनाथों के खेत में घुसना;

10. Do not move the old landmark, and do not enter into the fields of the fatherless,

11. क्योंकि उनका छुड़ानेवाला सामर्थी है; उनका मुक मा तेरे संग वही लड़ेगा।

11. for their Redeemer is mighty, He will contend for their cause with you.

12. अपना हृदय शिक्षा की ओर, और अपने कान ज्ञान की बातों की ओर लगाना।

12. Bring your heart in for instruction, and your ears to the words of knowledge.

13. लड़के की ताड़ना न छोड़ना; क्योंकि यदि तू उसका छड़ी से मारे, तो वह न मरेगा।

13. Do not withhold correction from a boy, for if you strike him with the rod, he will not die.

14. तू उसका छड़ी से मारकर उसका प्राण अधोलोक से बचाएगा।

14. You shall strike him with the rod, and you shall deliver him from Sheol.

15. हे मेरे पुत्रा, यदि तू बुद्धिमान हो, तो विशेष करके मेरा ही मन आनन्दित होगा।

15. My son, if your heart is wise, my heart shall rejoice, even mine.

16. और जब तू सीधी बातें बोले, तब मेरा मन प्रसन्न होगा।

16. And my reins shall rejoice when your lips speak right things.

17. तू पापियों के विषय मन में डाह न करना, दिन भर यहोवा का भय मानते रहना।

17. Do not let your heart envy sinners, but only be in the fear of Jehovah all the day.

18. क्योंकि अन्त में फल होगा, और तेरी आशा न टूटेगी।

18. For surely there is a hereafter, and your hope shall not be cut off.

19. हे मेरे पुत्रा, तू सुनकर बुद्धिमान हो, और अपना मन सुमार्ग में सीधा चला।

19. My son, hear, you, and be wise, and advance your heart in the way.

20. दाखमधु के पीनेवालों में न होना, न मांस के अधिक खानेवालों की संगति करना;

20. Be not among heavy drinkers of wine, with gluttons, flesh to themselves,

21. क्योंकि पियक्कड़ और खाऊ अपना भाग खोते हैं, और पीनकवाले को चिथड़े पहिनने पड़ते हैं।

21. for the drunkard and the glutton lose all, and sleepiness shall clothe one with rags.

22. अपने जन्मानेवाले की सुनना, और जब तेरी माता बुढ़िया हो जाए, तब भी उसे तुच्छ न जानना।

22. Listen to your father, this one fathered you, and do not despise your mother when she is old.

23. सच्चाई को मोल लेना, बेचना नहीं; और बुद्धि और शिक्षा और समझ को भी मोल लेना।

23. Buy the truth, and sell it not, also wisdom, and instruction and understanding.

24. धर्मी का पिता बहुत मगन होता है; और बुद्धिमान का जन्मानेवाला उसके कारण आनन्दित होता है।

24. The father of the righteous shall greatly rejoice, and he who fathers a wise one shall even be glad in him.

25. तेरे कारण माता- पिता आनन्दित और तेरी जननी मगन होए।।

25. Your father and your mother shall be glad, and she who bore you shall rejoice.

26. हे मेरे पुत्रा, अपना मन मेरी ओर लगा, और तेरी दृष्टि मेरे चालचलन पर लगी रहे।

26. My son, give me your heart, and let your eyes watch my ways.

27. वेश्या गहिरा गड़हा ठहरती है; और पराई स्त्री सकेत कुंए के समान है।

27. For a harlot is a deep pit, and a strange woman is a narrow well.

28. वह डाकू की नाई घात लगाती है, और बहुत से मनुष्यों को विश्वासघाती कर देती है।।

28. Surely she lies in wait, as for prey, and she increases the treacherous among men.

29. कौन कहता है, हाय? कौन कहता है, हाय हाय? कौन झगड़े रगड़े में फंसता है? कौन बक बक करता है? किसके अकारण घाव होते हैं? किसकी आंखें लाल हो जाती हैं?

29. Who has woe, who sorrow? Who has contentions, who has babbling? Who has wounds without cause? Who has dullness of eyes?

30. उनकी जो दाखमधु देर तक पीते हैं, और जो मसाला मिला हुआ दाखमधु ढूंढ़ने को जाते हैं।

30. Those who stay long at the wine, those who go to seek mixed wine.

31. जब दाखमधु लाल दिखाई देता है, और कटोरे में उसका सुन्दर रंग होता है, और जब वह धार के साथ उण्डेला जाता है, तब उसको न देखना।
इफिसियों 5:18

31. Do not look at the wine when it is red, when it gives its color in the cup, when it goes down smoothly,

32. क्योंकि अन्त में वह सर्प की नाई डसता है, और करैत के समान काटता है।

32. at its last it bites like a snake, and it stings like an adder.

33. तू विचित्रा वस्तुएं देखेगा, और उल्टी- सीधी बातें बकता रहेगा।

33. Your eyes shall look on strange women, and your heart shall speak perverse things;

34. और तू समुद्र के बीच लेटनेवाले वा मस्तूल के सिरे पर सोनेवाले के समान रहेगा।

34. yes, you shall be as one who lies down in the middle of the sea, or as he who lies on the top of a mast,

35. तू कहेगा कि मैं ने मान तो खाई, परन्तु दु:खित न हुआ; मैं पिट तो गया, परन्तु मुझे कुछ सुधि न थी। मैं होश में कब आऊं? मैं तो फिर मदिरा ढूंढूंगा।।

35. saying, They struck me! I was not sick! They beat me, yet I did not know. When I awaken I will add to it, I will still seek it.



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