Job - अय्यूब 38 | View All

1. तब यहोवा ने अरयूब को आँधी में से यूं उत्तर दिया,

1. Then aunswered the Lorde vnto Iob out of the whirle winde, and saide:

2. यह कौन है जो अज्ञानता की बातें कहकर युक्ति को बिगाड़ना चाहता है?

2. What is he that darkeneth his counsaile by wordes without knowledge?

3. पुरूष की नाई अपनी कमर बान्ध ले, क्योंकि मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे उत्तर दे।
लूका 12:35

3. Girde vp thy loynes lyke a man: for I wyl question with thee, see thou geue me a direct aunswere.

4. जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे।

4. Where wast thou when I layed the foundations of the earth? Tell playnely, if thou hast vnderstanding.

5. उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा?

5. Who hath measured it, knowest thou? or who hath spread the lyne vpon it?

6. उसकी नेव कौन सी वस्तु पर रखी गई, वा किस ने उसके कोने का पत्थर लिठाया,

6. Whereupon are the foundations set? or who layed the corner stone thereof?

7. जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्रा जयजयकार करते थे?

7. Where wast thou when the morning starres praysed me together, and all the children of God reioyced triumphantly?

8. फिर जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किस ने द्वार मूंदकर उसको रोक दिया;

8. Who shut the sea with doores, when it brake foorth as out of the wombe?

9. जब कि मैं ने उसको बादल पहिनाया और घोर अन्धकार में लमेट दिया,

9. When I made the cloudes [to be] a covering for it, and swadled it with the darke:

10. और उसके लिये सिवाना बान्धा और यह कहकर बेंड़े और किवाड़े लगा दिए, कि

10. When I gaue it my commaundement, making doores and barres for it,

11. यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडनेवाली लहरें यहीं थम जाएं?

11. Saying, Hitherto shalt thou come, but no further: and here shalt thou laye downe thy proude and hie waues.

12. क्या तू ने जीवन भर में कभी भोर को आज्ञा दी, और पौ को उसका स्थान जताया है,

12. Hast thou geue the morning his charge since thy dayes, and shewed the day spring his place,

13. ताकि वह पृथ्वी की छोरों को वश में करे, और दुष्ट लोग उस में से झाड़ दिए जाएं?

13. That it might take holde of the corners of the earth, and that the vngodly might be shaken out of it.

14. वह ऐसा बदलता है जैसा मोहर के नीचे चिकनी मिट्टी बदलती है, और सब वस्तुएं मानो वस्त्रा पहिने हुए दिखाई देती हैं।

14. They are fashioned as is the clay with the seale, and all stand vp as a garment.

15. दुष्टों से उनका उजियाला रोक लिया जाता है, और उनकी बढ़ाई हुई बांह तोड़ी जाती है।

15. The vngodly shall be disapointed of their light, and the arme of the proude shalbe broken.

16. क्या तू कभी समुद्र के सोतों तक पहुंचा है, वा गहिरे सागर की थाह में कभी चला फिरा है?

16. Camest thou euer into the grounde of the sea, or walkedst in the lowe corners of the deepe?

17. क्या मृत्यु के फाटक तुझ पर प्रगट हुए, क्या तू घोर अन्धकार के फाटकों को कभी देखन पाया है?
मत्ती 16:18

17. Haue the gates of death ben opened vnto thee? or hast thou seene the doores of the shadowe of death?

18. क्या तू ने पृथ्वी की चौड़ाई को पूरी रीति से समझ लिया है? यदि तू यह सब जानता है, तो बतला दे।

18. Hast thou also perceaued how brode the earth is? If thou hast knowledge of all this:

19. उजियाले के निवास का मार्ग कहां है, और अन्धियारे का स्थान कहां है?

19. Then shewe me the way where light dwelleth, & where is the place of darkenesse?

20. क्या तू उसे उसके सिवाने तक हटा सकता है, और उसके घर की डगर पहिचान सकता है?

20. That thou shouldest receaue it in the boundes thereof, and know the pathes to their houses.

21. निेसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा ! क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था, और तू बहुत आयु का है।

21. Knewest thou afore thou wast borne how olde thou shouldest be?

22. फिर क्या तू कभी हिम के भणडार में पैठा, वा कभी ओलों के भणडार को तू ने देखा है,

22. Wentest thou euer into the treasures of the snow, or hast thou seene the secrete places of the hayle,

23. जिसको मैं ने संकट के समय और युठ्ठ और लड़ाई के दिन के लिये रख छोड़ा है?

23. Which I haue prepared against the time of trouble, against the time of battaile and warre?

24. किस मार्ग से उजियाला फैलाया जाता है, ओर पुरवाई पृथ्वी पर बहाई जाती है?

24. By what way is the light parted? and into what land breaketh the east winde?

25. महावृष्टि के लिये किस ने नाला काटा, और कड़कनेवाली बिजली के लिये मार्ग बनाया है,

25. Who deuideth the waters into diuers chanels? or who maketh a way for the lightening and thunder,

26. कि निर्जन देश में और जंगल में जहां कोई मनुष्य नहीं रहता मेंह बरसाकर,

26. To cause it to rayne on the earth where no man is, and in the wildernesse where none inhabiteth?

27. उजाड़ ही उजाड़ देश को सींचे, और हरी घास उगाए?

27. To satisfie the desolate and waste grounde, and to cause the budde of the hearbe to spring foorth.

28. क्या मेंह का कोई पिता है, और ओस की बूंदें किस ने उत्पन्न की?

28. Who is the father of the rayne? or who hath begotten the droppes of the deawe?

29. किस के गर्भ से बर्फ निकला है, और आकाश से गिरे हुए पाले को कौन उत्पन्न करता है?

29. Out of whose wombe came the yce? Who hath gendred the coldnesse of the ayre?

30. जल पत्थर के समान जम जाता है, और गहिरे पानी के ऊपर जमावट होती है।

30. That the waters are hidde as [with] a stone, and lye congealed aboue the deepe.

31. क्या तू कचपचिया का गुच्छा गूंथ सकता वा मृगशिरा के बन्धन खोल सकता है?

31. Wylt thou hinder the sweete influences of the seuen starres? or loose the bandes of Orion?

32. क्या तू राशियों को ठीक ठीक समय पर उदय कर सकता, वा सप्तर्षि को साथियों समेत लिए चल सकता है?

32. Canst thou bring foorth Mazzaroth in their time? canst thou also guide Arctutus with his sonnes?

33. क्या तू आकाशमणडल की विधियां जानता और पृथ्वी पर उनका अधिकार ठहरा सकता है?

33. Knowest thou the course of heauen, that thou mayest set vp the ordinaunce thereof vpon the earth?

34. क्या तू बादलों तक अपनी वाणी पहुंचा सकता है ताकि बहुत जल बरस कर तुझे छिपा ले?

34. Moreouer, canst thou lift vp thy voyce to the cloudes, that they may powre downe a great rayne vpon thee?

35. क्या तू बिजली को आज्ञा दे सकता है, कि वह जाए, और तुझ से कहे, मैं उपस्थित हूँ?

35. Canst thou send the lightninges also, that they may go their way, and be obedient vnto thee, saying, Lo here are we?

36. किस ने अन्तेकरण में बुध्दि उपजाई, और मन में समझने की शक्ति किस ने दी है?

36. Who hath put wysdome in the reynes? or who hath geuen the heart vnderstanding?

37. कौन बुध्दि से बादलों को गिन सकता है? और कौन आकाश के कुप्पों को उणडेल सकता है,

37. Who numbreth the cloudes in wysdome? who stilleth the vehement waters of the heauen?

38. जब धूलि जम जाती है, और ढेले एक दूसरे से सट जाते हैं?

38. To cause the earth to grow into hardnesse, & the clots to cleaue fast together?

39. क्या तू सिंहनी के लिये अहेर पकड़ सकता, और जवान सिंहों का पेट भर सकता है,

39. Wylt thou hunt the pray for the lion? or fill the appetite of the lions whelpes,

40. जब वे मांद में बैठे हों और आड़ में घात लगाए दबक कर बैठे हों?

40. When they couche in their places, and tarie in the couert to lye in wayte?

41. फिर जब कौवे के बच्चे ईश्वर की दोहाई देते हुए निराहार उड़ते फिरते हैं, तब उनको आहार कौन देता है?

41. Who prouideth meate for the rauen, when his young ones crye vnto God, and flee about for lacke of meate?



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