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1. तब यहोवा ने अरयूब को आँधी में से यूं उत्तर दिया,
1. Then spake the LORDE vnto Iob out of the storme, and sayde:
2. यह कौन है जो अज्ञानता की बातें कहकर युक्ति को बिगाड़ना चाहता है?
2. what is he, that hydeth his mynde with foolysh wordes?
3. पुरूष की नाई अपनी कमर बान्ध ले, क्योंकि मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे उत्तर दे।लूका 12:35
3. Gyrde vp thy loynes like a ma, for I will question the, se thou geue me a dyrecte answere.
4. जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे।
4. Where wast thou, when I layed ye foundacions of the earth? Tell planely yff thou hast vnderstondinge.
5. उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा?
5. Who hath measured it, knowest thou? Or, who hath spred ye lyne vpon it?
6. उसकी नेव कौन सी वस्तु पर रखी गई, वा किस ने उसके कोने का पत्थर लिठाया,
6. Where vpon stode the pilers of it? Or, who layed ye corner stone?
7. जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्रा जयजयकार करते थे?
7. where wast thou when the mornynge starres gaue me prayse, ad when all the angels of God reioysed?
8. फिर जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किस ने द्वार मूंदकर उसको रोक दिया;
8. Who shutt the see with dores, when it brake forth as a childe out off his mothers wombe?
9. जब कि मैं ने उसको बादल पहिनाया और घोर अन्धकार में लमेट दिया,
9. When I made the cloudes to be a coueringe for it, and swedled it with ye darcke?
10. और उसके लिये सिवाना बान्धा और यह कहकर बेंड़े और किवाड़े लगा दिए, कि
10. when I gaue it my comaundement, makynge dores & barres for it,
11. यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडनेवाली लहरें यहीं थम जाएं?
11. sayenge: Hither to shalt thou come, but no further, and here shalt thou laye downe thy proude and hye wawes.
12. क्या तू ने जीवन भर में कभी भोर को आज्ञा दी, और पौ को उसका स्थान जताया है,
12. Hast thou geue the mornynge his charge (as soone as thou wast borne) and shewed the dayespringe his place,
13. ताकि वह पृथ्वी की छोरों को वश में करे, और दुष्ट लोग उस में से झाड़ दिए जाएं?
13. yt it might take holde of the corners of the earth, & yt the vngodly might be shake out?
14. वह ऐसा बदलता है जैसा मोहर के नीचे चिकनी मिट्टी बदलती है, और सब वस्तुएं मानो वस्त्रा पहिने हुए दिखाई देती हैं।
14. Their tokes & weapes hast thou turned like claye, & set the vp agayne as the chaunginge of a garment.
15. दुष्टों से उनका उजियाला रोक लिया जाता है, और उनकी बढ़ाई हुई बांह तोड़ी जाती है।
15. Yee thou hast spoyled the vngodly off their light, & broke the arme of the proude.
16. क्या तू कभी समुद्र के सोतों तक पहुंचा है, वा गहिरे सागर की थाह में कभी चला फिरा है?
16. Camest thou euer into the groude of the see, Or, hast thou walked in ye lowe corners of ye depe?
17. क्या मृत्यु के फाटक तुझ पर प्रगट हुए, क्या तू घोर अन्धकार के फाटकों को कभी देखन पाया है?मत्ती 16:18
17. Haue the gates of death bene opened vnto the or hast thou sene the dore of euerlastige treasure?
18. क्या तू ने पृथ्वी की चौड़ाई को पूरी रीति से समझ लिया है? यदि तू यह सब जानता है, तो बतला दे।
18. Hast thou also perceaued, how brode ye earth is? Now yf thou hast knowlege of all,
19. उजियाले के निवास का मार्ग कहां है, और अन्धियारे का स्थान कहां है?
19. the shewe me where light dwelleth, and where darcknes is:
20. क्या तू उसे उसके सिवाने तक हटा सकता है, और उसके घर की डगर पहिचान सकता है?
20. yt thou mayest bringe vs vnto their quarters, yf thou cast tell the waye to their houses.
21. निेसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा ! क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था, और तू बहुत आयु का है।
21. Knewest thou (when thou wast borne) how olde thou shuldest be?
22. फिर क्या तू कभी हिम के भणडार में पैठा, वा कभी ओलों के भणडार को तू ने देखा है,
22. Wentest thou euer in to the treasuries off the snowe, or hast thou sene ye secrete places of the hale:
23. जिसको मैं ने संकट के समय और युठ्ठ और लड़ाई के दिन के लिये रख छोड़ा है?
23. which I haue prepared agaynst the tyme of trouble, agaynst the tyme of batell & warre?
24. किस मार्ग से उजियाला फैलाया जाता है, ओर पुरवाई पृथ्वी पर बहाई जाती है?
24. By what waye is the light parted, & the heate dealt out vpon earth?
25. महावृष्टि के लिये किस ने नाला काटा, और कड़कनेवाली बिजली के लिये मार्ग बनाया है,
25. Who deuydeth the abundauce of waters in to ryuers, or who maketh a waye for the stormy wether,
26. कि निर्जन देश में और जंगल में जहां कोई मनुष्य नहीं रहता मेंह बरसाकर,
26. yt it watereth & moystureth ye drye & baren grounde:
27. उजाड़ ही उजाड़ देश को सींचे, और हरी घास उगाए?
27. to make the grasse growe in places where no body dwelleth, & in the wildernes where no ma remayneth?
28. क्या मेंह का कोई पिता है, और ओस की बूंदें किस ने उत्पन्न की?
28. Who is the father of rayne? Or, who hath begotten the droppes of dew?
29. किस के गर्भ से बर्फ निकला है, और आकाश से गिरे हुए पाले को कौन उत्पन्न करता है?
29. Out of whose wobe came the yse? who hath gendred the coldnes of ye ayre?
30. जल पत्थर के समान जम जाता है, और गहिरे पानी के ऊपर जमावट होती है।
30. yt the waters are as harde as stones, & lye congeeled aboue the depe.
31. क्या तू कचपचिया का गुच्छा गूंथ सकता वा मृगशिरा के बन्धन खोल सकता है?
31. Hast thou brought ye vij. starres together? Or, art thou able to breake the Circle of heaue?
32. क्या तू राशियों को ठीक ठीक समय पर उदय कर सकता, वा सप्तर्षि को साथियों समेत लिए चल सकता है?
32. Cast thou bringe forth the mornynge starre or the euenynge starre at couenient tyme, & coueye the home agayne?
33. क्या तू आकाशमणडल की विधियां जानता और पृथ्वी पर उनका अधिकार ठहरा सकता है?
33. Knowest thou the course off heaue, yt thou mayest set vp the ordinaunce therof vpo earth?
34. क्या तू बादलों तक अपनी वाणी पहुंचा सकता है ताकि बहुत जल बरस कर तुझे छिपा ले?
34. Morouer, cast thou lift vp thy voyce to ye cloudes, yt they maye poure downe a greate rayne vpo the?
35. क्या तू बिजली को आज्ञा दे सकता है, कि वह जाए, और तुझ से कहे, मैं उपस्थित हूँ?
35. Canst thou thodre also yt they maye go their waye, & be obediet vnto the, sayege: lo, here are we?
36. किस ने अन्तेकरण में बुध्दि उपजाई, और मन में समझने की शक्ति किस ने दी है?
36. Who geueth sure wisdome, or stedfast vnderstodinge?
37. कौन बुध्दि से बादलों को गिन सकता है? और कौन आकाश के कुप्पों को उणडेल सकता है,
37. who nombreth the cloudes in wisdome? who stilleth ye vehement waters of the heaue?
38. जब धूलि जम जाती है, और ढेले एक दूसरे से सट जाते हैं?
38. who turneth the clottes to dust, & the to be clottes agayne?
39. क्या तू सिंहनी के लिये अहेर पकड़ सकता, और जवान सिंहों का पेट भर सकता है,
39. Huntest thou the praye fro the Lyon, or fedest thou his whelpes
40. जब वे मांद में बैठे हों और आड़ में घात लगाए दबक कर बैठे हों?
40. lyege in their denes & lurkinge in their couches?
41. फिर जब कौवे के बच्चे ईश्वर की दोहाई देते हुए निराहार उड़ते फिरते हैं, तब उनको आहार कौन देता है?
41. who prouydeth meate for the rauen, whe his yonge ones crie vnto God, ad fle aboute for want of meate?