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Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. तब यहोवा ने अरयूब को आँधी में से यूं उत्तर दिया,
1. Then the LORD answered Job out of the whirlwind and said,
2. यह कौन है जो अज्ञानता की बातें कहकर युक्ति को बिगाड़ना चाहता है?
2. 'Who is this that darkens counsel By words without knowledge?
3. पुरूष की नाई अपनी कमर बान्ध ले, क्योंकि मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे उत्तर दे।लूका 12:35
3. 'Now gird up your loins like a man, And I will ask you, and you instruct Me!
4. जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे।
4. 'Where were you when I laid the foundation of the earth? Tell [Me], if you have understanding,
5. उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा?
5. Who set its measurements? Since you know. Or who stretched the line on it?
6. उसकी नेव कौन सी वस्तु पर रखी गई, वा किस ने उसके कोने का पत्थर लिठाया,
6. 'On what were its bases sunk? Or who laid its cornerstone,
7. जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्रा जयजयकार करते थे?
7. When the morning stars sang together And all the sons of God shouted for joy?
8. फिर जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किस ने द्वार मूंदकर उसको रोक दिया;
8. 'Or [who] enclosed the sea with doors When, bursting forth, it went out from the womb;
9. जब कि मैं ने उसको बादल पहिनाया और घोर अन्धकार में लमेट दिया,
9. When I made a cloud its garment And thick darkness its swaddling band,
10. और उसके लिये सिवाना बान्धा और यह कहकर बेंड़े और किवाड़े लगा दिए, कि
10. And I placed boundaries on it And set a bolt and doors,
11. यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडनेवाली लहरें यहीं थम जाएं?
11. And I said, 'Thus far you shall come, but no farther; And here shall your proud waves stop '?
12. क्या तू ने जीवन भर में कभी भोर को आज्ञा दी, और पौ को उसका स्थान जताया है,
12. 'Have you ever in your life commanded the morning, [And] caused the dawn to know its place,
13. ताकि वह पृथ्वी की छोरों को वश में करे, और दुष्ट लोग उस में से झाड़ दिए जाएं?
13. That it might take hold of the ends of the earth, And the wicked be shaken out of it?
14. वह ऐसा बदलता है जैसा मोहर के नीचे चिकनी मिट्टी बदलती है, और सब वस्तुएं मानो वस्त्रा पहिने हुए दिखाई देती हैं।
14. 'It is changed like clay [under] the seal; And they stand forth like a garment.
15. दुष्टों से उनका उजियाला रोक लिया जाता है, और उनकी बढ़ाई हुई बांह तोड़ी जाती है।
15. 'From the wicked their light is withheld, And the uplifted arm is broken.
16. क्या तू कभी समुद्र के सोतों तक पहुंचा है, वा गहिरे सागर की थाह में कभी चला फिरा है?
16. 'Have you entered into the springs of the sea Or walked in the recesses of the deep?
17. क्या मृत्यु के फाटक तुझ पर प्रगट हुए, क्या तू घोर अन्धकार के फाटकों को कभी देखन पाया है?मत्ती 16:18
17. 'Have the gates of death been revealed to you, Or have you seen the gates of deep darkness?
18. क्या तू ने पृथ्वी की चौड़ाई को पूरी रीति से समझ लिया है? यदि तू यह सब जानता है, तो बतला दे।
18. 'Have you understood the expanse of the earth? Tell [Me], if you know all this.
19. उजियाले के निवास का मार्ग कहां है, और अन्धियारे का स्थान कहां है?
19. 'Where is the way to the dwelling of light? And darkness, where is its place,
20. क्या तू उसे उसके सिवाने तक हटा सकता है, और उसके घर की डगर पहिचान सकता है?
20. That you may take it to its territory And that you may discern the paths to its home?
21. निेसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा ! क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था, और तू बहुत आयु का है।
21. 'You know, for you were born then, And the number of your days is great!
22. फिर क्या तू कभी हिम के भणडार में पैठा, वा कभी ओलों के भणडार को तू ने देखा है,
22. 'Have you entered the storehouses of the snow, Or have you seen the storehouses of the hail,
23. जिसको मैं ने संकट के समय और युठ्ठ और लड़ाई के दिन के लिये रख छोड़ा है?
23. Which I have reserved for the time of distress, For the day of war and battle?
24. किस मार्ग से उजियाला फैलाया जाता है, ओर पुरवाई पृथ्वी पर बहाई जाती है?
24. 'Where is the way that the light is divided, [Or] the east wind scattered on the earth?
25. महावृष्टि के लिये किस ने नाला काटा, और कड़कनेवाली बिजली के लिये मार्ग बनाया है,
25. 'Who has cleft a channel for the flood, Or a way for the thunderbolt,
26. कि निर्जन देश में और जंगल में जहां कोई मनुष्य नहीं रहता मेंह बरसाकर,
26. To bring rain on a land without people, [On] a desert without a man in it,
27. उजाड़ ही उजाड़ देश को सींचे, और हरी घास उगाए?
27. To satisfy the waste and desolate land And to make the seeds of grass to sprout?
28. क्या मेंह का कोई पिता है, और ओस की बूंदें किस ने उत्पन्न की?
28. 'Has the rain a father? Or who has begotten the drops of dew?
29. किस के गर्भ से बर्फ निकला है, और आकाश से गिरे हुए पाले को कौन उत्पन्न करता है?
29. 'From whose womb has come the ice? And the frost of heaven, who has given it birth?
30. जल पत्थर के समान जम जाता है, और गहिरे पानी के ऊपर जमावट होती है।
30. 'Water becomes hard like stone, And the surface of the deep is imprisoned.
31. क्या तू कचपचिया का गुच्छा गूंथ सकता वा मृगशिरा के बन्धन खोल सकता है?
31. 'Can you bind the chains of the Pleiades, Or loose the cords of Orion?
32. क्या तू राशियों को ठीक ठीक समय पर उदय कर सकता, वा सप्तर्षि को साथियों समेत लिए चल सकता है?
32. 'Can you lead forth a constellation in its season, And guide the Bear with her satellites?
33. क्या तू आकाशमणडल की विधियां जानता और पृथ्वी पर उनका अधिकार ठहरा सकता है?
33. 'Do you know the ordinances of the heavens, Or fix their rule over the earth?
34. क्या तू बादलों तक अपनी वाणी पहुंचा सकता है ताकि बहुत जल बरस कर तुझे छिपा ले?
34. 'Can you lift up your voice to the clouds, So that an abundance of water will cover you?
35. क्या तू बिजली को आज्ञा दे सकता है, कि वह जाए, और तुझ से कहे, मैं उपस्थित हूँ?
35. 'Can you send forth lightnings that they may go And say to you, 'Here we are'?
36. किस ने अन्तेकरण में बुध्दि उपजाई, और मन में समझने की शक्ति किस ने दी है?
36. 'Who has put wisdom in the innermost being Or given understanding to the mind?
37. कौन बुध्दि से बादलों को गिन सकता है? और कौन आकाश के कुप्पों को उणडेल सकता है,
37. 'Who can count the clouds by wisdom, Or tip the water jars of the heavens,
38. जब धूलि जम जाती है, और ढेले एक दूसरे से सट जाते हैं?
38. When the dust hardens into a mass And the clods stick together?
39. क्या तू सिंहनी के लिये अहेर पकड़ सकता, और जवान सिंहों का पेट भर सकता है,
39. 'Can you hunt the prey for the lion, Or satisfy the appetite of the young lions,
40. जब वे मांद में बैठे हों और आड़ में घात लगाए दबक कर बैठे हों?
40. When they crouch in [their] dens [And] lie in wait in [their] lair?
41. फिर जब कौवे के बच्चे ईश्वर की दोहाई देते हुए निराहार उड़ते फिरते हैं, तब उनको आहार कौन देता है?
41. 'Who prepares for the raven its nourishment When its young cry to God And wander about without food?