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1. जब हिजकिरयाह राजा ने यह सुना, तब वह अपने वस्त्रा फाड़, टाट ओढ़कर यहोवा के भपन में गया।
1. When King Hezekiah heard it, he tore his clothes, covered himself with sackcloth, and went into the house of the LORD.
2. और उस ने एल्याकीम को जो राजघराने के काम पर था, और शेब्ना मन्त्री को, और याजकों के पुरनियों को, जो सब टाट ओढ़े हुए थे, आमोस के पुत्रा यशायाह भविष्यद्वक्ता के पास भेज दिया।
2. And he sent Eliakim, who was in charge of the palace, and Shebna the secretary, and the senior priests, covered with sackcloth, to the prophet Isaiah son of Amoz.
3. उन्हों ने उस से कहा, हिजकिरयाह यों कहता है, आज का दिन संकट, और उलहने, और निन्दा का दिन है; बच्चे जन्मने पर हुए पर जच्चा को जन्म देने का बल न रहा।
3. They said to him, Thus says Hezekiah, This day is a day of distress, of rebuke, and of disgrace; children have come to the birth, and there is no strength to bring them forth.
4. कदाचित तेरा परमेश्वर यहोवा रबशाके की सब बातें सुने, जिसे उसके स्वामी अश्शूर के राजा ने जीवते परमेश्वर की निन्दा करने को भेजा है, और जो बातें तेरे परमेश्वर यहावा ने सुनी हैं उन्हें डपटे; इसलिये तू इन बचे हुओं के लिये जो रह गए हैं प्रार्थना कर।
4. It may be that the LORD your God heard all the words of the Rabshakeh, whom his master the king of Assyria has sent to mock the living God, and will rebuke the words that the LORD your God has heard; therefore lift up your prayer for the remnant that is left.
5. जब हिजकिरयाह राजा के कर्मचारी यशायाह के पास आए,
5. When the servants of King Hezekiah came to Isaiah,
6. तब यशायाह ने उन से कहा, अपने स्वामी से कहो, यहेवा यों कहता है, कि जो वचन तू ने सुने हैं, जिनके द्वारा अश्शूर के राजा के जनों ने मेरी निन्दा की है, उनके कारण मत डर।
6. Isaiah said to them, Say to your master, 'Thus says the LORD: Do not be afraid because of the words that you have heard, with which the servants of the king of Assyria have reviled me.
7. सुन, मैं उसके मन में प्रेरणा करूंगा, कि वह कुछ समाचार सुनकर अपने देश को लौट जाए, और मैं उसको उसी के देश में तलवार से मरवा डालूंगा।
7. I myself will put a spirit in him, so that he shall hear a rumor and return to his own land; I will cause him to fall by the sword in his own land.'
8. तब रबशाके ने लौटकर अश्शूर के राजा को लिब्ना नगर से युठ्ठ करते पाया, क्योंकि उस ने सुना था कि वह लाकीश के पास से उठ गया है।
8. The Rabshakeh returned, and found the king of Assyria fighting against Libnah; for he had heard that the king had left Lachish.
9. और जब उस ने कूश के राजा तिर्हाका के विष्य यह सुना, कि वह मुझ से लड़ने को निकला है, तब उस ने हिजकिरयाह के पास दूतों को यह कह कर भेजा,
9. When the king heard concerning King Tirhakah of Ethiopia, See, he has set out to fight against you, he sent messengers again to Hezekiah, saying,
10. तुम यहूदा के राजा हिजकिरयाह से यों कहना : तेरा परमेश्वर जिसका तू भरोसा करता है, यह कहकर तुझे धोखा न देने पाए, कि यरूशलेम अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा।
10. Thus shall you speak to King Hezekiah of Judah: Do not let your God on whom you rely deceive you by promising that Jerusalem will not be given into the hand of the king of Assyria.
11. देख, तू ने तो सुना है अश्शूर के राजाओं ने सब देशों से कैसा रयवहार किया है उन्हें सत्यानाश कर दिया है। फिर क्या तू बचेगा?
11. See, you have heard what the kings of Assyria have done to all lands, destroying them utterly. Shall you be delivered?
12. गोजान और हारान और रेसेप और तलस्सार में रहनेवाले एदेनी, जिन जातियोें को मेरे पुरखाओं ने नाश किया, क्या उन में से किसी जाति के देवताओं ने उसको बचा लिया?
12. Have the gods of the nations delivered them, the nations that my predecessors destroyed, Gozan, Haran, Rezeph, and the people of Eden who were in Telassar?
13. हमात का राजा, और अर्पाद का राजा, और समवैंम नगर का राजा, और हेना और इरवा के राजा ये सब कहां रहे? इस पत्री को हिजकिरयाह ने दूतों के हाथ से लेकर पढ़ा।
13. Where is the king of Hamath, the king of Arpad, the king of the city of Sepharvaim, the king of Hena, or the king of Ivvah?
14. तब यहोवा के भवन में जाकर उसको यहोवा के साम्हने फैला दिया।
14. Hezekiah received the letter from the hand of the messengers and read it; then Hezekiah went up to the house of the LORD and spread it before the LORD.
15. और यहोवा से यह प्रार्थना की, कि हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ! हे करूबों पर विराजनेवालेे ! पृथ्वी के सब राज्यों के ऊपर केवल तू ही परमेश्वर है। आकाश और पृथ्वी को तू ही ने बनाया है।
15. And Hezekiah prayed before the LORD, and said: O LORD the God of Israel, who are enthroned above the cherubim, you are God, you alone, of all the kingdoms of the earth; you have made heaven and earth.
16. हे यहोवा ! कान लगाकर सुन, हे यहोवा आंख खोलकर देख, और सन्हेरीब के वचनोें को सुन ले, जो उस ने जीवते परमेश्वर की निन्दा करने को कहला भेजे हैं।
16. Incline your ear, O LORD, and hear; open your eyes, O LORD, and see; hear the words of Sennacherib, which he has sent to mock the living God.
17. हे यहोवा, सच तो है, कि अश्शूर के राजाओं ने जातियों को और उनके देशों को उजाड़ा है।
17. Truly, O LORD, the kings of Assyria have laid waste the nations and their lands,
18. और उनके देवताओं को आग में झेंका है, क्योंकि वे ईश्वर न थे; वे मनुष्यों के बनाए हुए काठ और पत्थर ही के थे; इस कारण वे उनको नाश कर सके।
18. and have hurled their gods into the fire, though they were no gods but the work of human hands-- wood and stone-- and so they were destroyed.
19. इसलिये अब हे हमारे परमेश्वर यहोवा तू हमें उसके हाथ से बचा, कि पृथ्वी के राज्य राज्य के लोग जान लें कि केवल तू ही यहोवा है।
19. So now, O LORD our God, save us, I pray you, from his hand, so that all the kingdoms of the earth may know that you, O LORD, are God alone.
20. तब आमोस के पुत्रा यशायाह ने हिजकिरयाह के पास यह कहला भेजा, कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि जो प्रार्थना तू ने अश्शूर के राजा सन्हेरीब के विषय मुझ से की, उसे मैं ने सुना है।
20. Then Isaiah son of Amoz sent to Hezekiah, saying, Thus says the LORD, the God of Israel: I have heard your prayer to me about King Sennacherib of Assyria.
21. उसके विषय में यहोवा ने यह वचन कहा है, कि सिरयोन की कुमारी कन्या तुझे तुच्छ जानती और तुझे ठट्ठों में उड़ाती है, यरूशलेम की पुत्री, तुझ पर सिर हिलाती है।
21. This is the word that the LORD has spoken concerning him: She despises you, she scorns you-- virgin daughter Zion; she tosses her head-- behind your back, daughter Jerusalem.
22. तू ने जो नामधराई और निन्दा की है, वह किसकी की है? और तू ने जो बड़ा बोल बोला और घमणड किया है वह किसके विरूद्ध किया है? इस्राएल के पवित्रा के विरूद्ध तू ने किया है !
22. Whom have you mocked and reviled? Against whom have you raised your voice and haughtily lifted your eyes? Against the Holy One of Israel!
23. अपने दूतों के द्वारा तू ने प्रभु की निन्दा करके कहा है, कि वहुत से रथ लेकर मैं पर्वतों की चोटियों पर, वरन लबानोन के बीच तक चढ़ आया हूँ, और मैं उसके ऊंचे ऊंचे देवदारूओं और अच्छे अच्छे सनोवरों को काट डालूंगा; और उस में जो सब से ऊंचा टिकने का स्थान होगा उस में और उसके वन की फलदाई बारियों में प्रवेश करूंगा।
23. By your messengers you have mocked the Lord, and you have said, 'With my many chariots I have gone up the heights of the mountains, to the far recesses of Lebanon; I felled its tallest cedars, its choicest cypresses; I entered its farthest retreat, its densest forest.
24. मैं ने तो खुदवाकर परदेश का पानी पिया; और मिस्र की नहरों में पांव धरते ही उन्हें सुखा डालूंगा।
24. I dug wells and drank foreign waters, I dried up with the sole of my foot all the streams of Egypt.'
25. क्या तू ने नहीं सुना, कि प्राचीनकाल से मैं ने यही ठहराया? और अगले दिनों से इसकी तैयारी की थी, उन्हें अब मैं ने पूरा भी किया है, कि तू गढ़वाले नगरों को खणडहर ही खणडहर कर दे,
25. Have you not heard that I determined it long ago? I planned from days of old what now I bring to pass, that you should make fortified cities crash into heaps of ruins,
26. इसी कारण उनके रहनेवालों का बल घट गया; वे विस्मित और लज्जित हुए; वे मैदान के छोटे छोटे पेड़ों और हरी घास और छत पर की घास, और ऐसे अनाज के समान हो गए, जो बढ़ने से पहिले सूख जाता है।
26. while their inhabitants, shorn of strength, are dismayed and confounded; they have become like plants of the field and like tender grass, like grass on the housetops, blighted before it is grown.
27. मैं तो तेरा बैठा रहना, और कूच करना, और लौट आना जानता हूँ, और यह भी कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता है।
27. But I know your rising and your sitting, your going out and coming in, and your raging against me.
28. इस कारण कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता और तेरे अभिमान की बातें मेरे कानों में पड़ी हैं; मैं तेरी नाक में अपनी नकेल डालकर और तेरे मुंह में अपना लगाम लगाकर, जिस मार्ग से तू आया है, उसी से तुझे लोटा दूंगा।
28. Because you have raged against me and your arrogance has come to my ears, I will put my hook in your nose and my bit in your mouth; I will turn you back on the way by which you came.
29. और तेरे लिये यह चिन्ह होगा, कि इस वर्ष तो तुम उसे खाओगे जो आप से आप उगे, और दूसरे वर्ष उसे जो उत्पन्न हो वह खाओगे; और तीसरे वर्ष बीज बोने और उसे लवने पाओगे, और दाख की बारियां लगाने और उनका फल खाने पाओगे।
29. And this shall be the sign for you: This year you shall eat what grows of itself, and in the second year what springs from that; then in the third year sow, reap, plant vineyards, and eat their fruit.
30. और यहूदा के घराने के बचे हुए लोग फिर जड़ पकड़ेंगे, और फलेंगे भी।
30. The surviving remnant of the house of Judah shall again take root downward, and bear fruit upward;
31. क्योंकि यरूशलेम में से बचे हुए और सिरयोन पर्वत के भागे हुए लोग निकलेंगे। यहोवा यह काम अपनी जलन के कारण करेगा।
31. for from Jerusalem a remnant shall go out, and from Mount Zion a band of survivors. The zeal of the LORD of hosts will do this.
32. इसलिये यहोवा अश्शूर के राजा के विषय में यों कहता है कि वह इस नगर में प्रवेश करने, वरन इस पर एक तीर भी मारने न पाएगा, और न वह ढाल लेकर इसके साम्हने आने, वा इसके विरूद्ध दमदमा बनाने पाएगा।
32. Therefore thus says the LORD concerning the king of Assyria: He shall not come into this city, shoot an arrow there, come before it with a shield, or cast up a siege ramp against it.
33. जिस मार्ग से वह आया, उसी से वह लौट भी जाएगा, और इस नगर में प्रवेश न करने पाएगा, यहोवा की यही वाणी है।
33. By the way that he came, by the same he shall return; he shall not come into this city, says the LORD.
34. और मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त इस नगर की रक्षा करके इसे बचाऊंगा।
34. For I will defend this city to save it, for my own sake and for the sake of my servant David.
35. उसी रात में क्या हुआ, कि यहोवा के दूत ने निकलकर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरूषों को मारा, और भोर को जब लोग सबेरे उठे, तब देखा, कि लोथ ही लोथ पड़ी है।
35. That very night the angel of the LORD set out and struck down one hundred eighty-five thousand in the camp of the Assyrians; when morning dawned, they were all dead bodies.
36. तब अश्शूर का राजा सन्हेरीब चल दिया, और लौटकर नीनवे में रहने लगा।
36. Then King Sennacherib of Assyria left, went home, and lived at Nineveh.
37. वहां वह अपने देवता निस्रोक के मन्दिर में दणडवत कर रहा था, कि अदेम्मेलेक और सरेसेर ने उसको तलवार से मारा, और अरारात देश में भाग गए। और उसी का पुत्रा एसर्हद्दॊन उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
37. As he was worshiping in the house of his god Nisroch, his sons Adrammelech and Sharezer killed him with the sword, and they escaped into the land of Ararat. His son Esar-haddon succeeded him.