28. इस कारण कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता और तेरे अभिमान की बातें मेरे कानों में पड़ी हैं; मैं तेरी नाक में अपनी नकेल डालकर और तेरे मुंह में अपना लगाम लगाकर, जिस मार्ग से तू आया है, उसी से तुझे लोटा दूंगा।
28. আমার বিরুদ্ধে তোমার ক্রোধপ্রযুক্ত, এবং তোমার যে দর্পকথা আমার কর্ণগোচর হইয়াছে, তৎপ্রযুক্ত, আমি তোমার নাসিকায় আমার কড়া, তোমার ওষ্ঠাধরে আমার বল্গা দিব, এবং তুমি যে পথ দিয়া আসিয়াছ, সেই পথ দিয়া তোমাকে ফিরাইব।