16. और पृथ्वी और जो अनमोल पदार्थ उस में भरे हैं, और जो झाड़ी में रहता था उसकी प्रसन्नता। इन सभों के विषय में यूसुफ के सिर पर, अर्थात् उसी के सिर के चांद पर जो अपने भाइयों से न्यारा हुआ था आशीष ही आशीष फले।।
16. and of the fruytis of the lond, and of the fulnesse therof. The blessyng of hym that apperide in the busch come on the heed of Joseph, and on the cop of Nazarey, `that is, hooli, among hise britheren.