Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 33 | View All

1. जो आशीर्वाद परमेश्वर के जन मूसा ने अपनी मृत्यु से पहिले इस्राएलियों को दिया वह यह है।।

1. Moses, the man of God, gave this blessing to the Israelites before he died.

2. उस ने कहा, यहोवा सीनै से आया, और सेईर से उनके लिये उदय हुआ; उस ने पारान पर्वत पर से अपना तेज दिखाया, और लाखों पवित्रों के मध्य में से आया, उसके दहिने हाथ से उनके लिये ज्वालामय विधियां निकलीं।।
यहूदा 1:14

2. He said: 'The Lord came from Mount Sinai and rose like the sun from Edom; he showed his greatness from Mount Paran. He came with thousands of angels from the southern mountains.

3. वह निश्चय देश देश के लोगों से प्रेम करता है; उसके सब पवित्रा लोग तेरे हाथ में हैं: वे तेरे पांवों के पास बैठे रहते हैं,
इफिसियों 1:18, प्रेरितों के काम 20:32, प्रेरितों के काम 26:18

3. The Lord surely loves his people and takes care of all those who belong to him. They bow down at his feet, and they are taught by him.

4. मूसा ने हमें व्यवस्था दी, और याकूब की मण्डली का निज भाग ठहरी।।
इफिसियों 1:18, प्रेरितों के काम 20:32, प्रेरितों के काम 26:18

4. Moses gave us the teachings that belong to the people of Jacob.

5. जब प्रजा के मुख्य मुख्य पुरूष, और इस्राएल के गोत्री एक संग होकर एकत्रित हुए, तब वह यशूरून में राजा ठहरा।।

5. The Lord became king of Israel when the leaders of the people gathered, when the tribes of Israel came together.

6. रूबेन न मरे, वरन जीवित रहे, तौभी उसके यहां के मनुष्य थोड़े हों।।

6. 'Let the people of Reuben live and not die, but let the people be few.'

7. और यहूदा पर यह आशीर्वाद हुआ जो मूसा ने कहा, हे यहोवा तू यहूदा की सुन, और उसे उसके लोगों के पास पहुंचा। वह अपने लिये आप अपने हाथों से लड़ा, और तू ही उसके द्रोहियों के विरूद्ध उसका सहायक हो।।

7. Moses said this about the people of Judah: 'Lord, listen to Judah's prayer; bring them back to their people. They defend themselves with their hands. Help them fight their enemies!'

8. फिर लेवी के विषय में उस ने कहा, तेरे तुम्मीम और ऊरीम तेरे भक्त के पास हैं, जिसको तू ने मस्सा में परख लिया, और जिसके साथ मरीबा नाम सोते पर तेरा वादविवाद हुआ;

8. Moses said this about the people of Levi: 'Lord, your Thummim and Urim belong to Levi, whom you love. Lord, you tested him at Massah and argued with him at the waters of Meribah.

9. उस ने तो अपने माता पिता के विषय में कहा, कि मैं उनको नहीं जानता; और न तो उस ने अपने भाइयों को अपना माना, और न अपने पुत्रों को पहिचाना। क्योंकि उन्हों ने तेरी बातें मानी, और वे तेरी वाचा का पालन करते हैं।।
मत्ती 10:37, लूका 14:26

9. He said about his father and mother, 'I don't care about them.' He did not treat his brothers as favorites or give special favors to his children, but he protected your word and guarded your agreement.

10. वे याकूब को तेरे नियम, और इस्राएल को तेरी व्यवस्था सिखाएंगे; और तेरे आगे धूप और तेरी वेदी पर सर्वांग पशु को होमबलि करेंगे।।

10. He teaches your laws to the people of Jacob and your teachings to the people of Israel. He burns incense before you and makes whole burnt offerings on your altar.

11. हे यहोवा, उसकी सम्पत्ति पर आशीष दे, और उसके हाथों की सेवा को ग्रहण कर; उसके विरोधियों और बैरियों की कमर पर ऐसा मार, कि वे फिर न उठ सकें।।

11. Lord, make them strong; be pleased with the work they do. Defeat those who attack them, and don't let their enemies rise up again.'

12. फिर उस ने बिन्यामीन के विषय में कहा, यहोवा का वह प्रिय जन, उसके पास निडर वास करेगा; और वह दिन भर उस पर छाया करेगा, और वह उसके कन्धों के बीच रहा करता है।।
2 थिस्सलुनीकियों 2:13

12. Moses said this about the people of Benjamin: 'The Lord's loved ones will lie down in safety, because he protects them all day long. The ones he loves rest with him.'

13. फिर यूसुफ के विषय में उस ने कहा; इसका देश यहोवा से आशीष पाए अर्थात् आकाश के अनमोल पदार्थ और ओस, और वह गहिरा जल जो नीचे है,

13. Moses said this about the people of Joseph: 'May the Lord bless their land with wonderful dew from heaven, with water from the springs below,

14. और सूर्य के पकाए हुए अनमोल फल, और जो अनमोल पदार्थ चंद्रमा के उगाए उगते हैं,

14. with the best fruits that the sun brings, and with the best fruits that the moon brings.

15. और प्राचीन पहाड़ों के उत्तम पदार्थ, और सनातन पहाड़ियों के अनमोल पदार्थ,

15. Let the old mountains give the finest crops, and let the everlasting hills give the best fruits.

16. और पृथ्वी और जो अनमोल पदार्थ उस में भरे हैं, और जो झाड़ी में रहता था उसकी प्रसन्नता। इन सभों के विषय में यूसुफ के सिर पर, अर्थात् उसी के सिर के चांद पर जो अपने भाइयों से न्यारा हुआ था आशीष ही आशीष फले।।

16. Let the full earth give the best fruits, and let the Lord who lived in the burning bush be pleased. May these blessings rest on the head of Joseph, on the forehead of the one who was blessed among his brothers.

17. वह प्रतापी है, मानो गया का पहिलौठा है, और उसके सींग बनैले बैल के से हैं; उन से वह देश देश के लोगों को, वरन पृथ्वी के छोर तक के सब मनुष्यों को ढकेलेगा; वे एप्रैम के लाखों लाख, और मनश्शे के हजारों हजार हैं।।

17. Joseph has the majesty of a firstborn bull; he is as strong as a wild ox. He will stab other nations, even those nations far away. These are the ten thousands of Ephraim, and these are the thousands of Manasseh.'

18. फिर जबूलून के विषय में उस ने कहा, हे जबूलून, तू बाहर निकलते समय, और हे इस्साकार, तू अपने डेरों में आनन्द करे।।

18. Moses said this about the people of Zebulun: 'Be happy when you go out, Zebulun, and be happy in your tents, Issachar.

19. वे देश देश के लोगों को पहाड़ पर बुलाएंगे; वे वहां धर्मयज्ञ करेंगे; क्योंकि वे समुद्र का धन, और बालू के छिपे हुए अनमोल पदार्थ से लाभ उठाएंगे।।

19. They will call the people to the mountain, and there they will offer the right sacrifices. They will do well from all that is in the sea, and they will do well from the treasures hidden in the sand on the shore.'

20. फिर गाद के विषय में उस ने कहा, धन्य वह है जो गाद को बढ़ाता है! गाद तो सिंहनी के समान रहता है, और बांह को, वरन सिर के चांद तक को फाड़ डालता है।।

20. Moses said this about the people of Gad: 'Praise God who gives Gad more land! Gad lives there like a lion, who tears off arms and heads.

21. और उस ने पहिला अंश तो अपने लिये चुन लिया, क्योंकि वहां रईस के योग्य भाग रखा हुआ था; तब उस ने प्रजा के मुख्य मुख्य पुरूषों के संग आकर यहोवा का ठहराया हुआ धर्म, और इस्राएल के साथ होकर उसके नियम का प्रतिपालन किया।।

21. They chose the best land for themselves. They received a large share, like that given to an officer. When the leaders of the people gathered, the people of Gad did what the Lord said was right, and they judged Israel fairly.'

22. फिर दान के विषय में उस ने कहा, दान तो बाशान से कूदनेवाला सिंह का बच्चा है।।

22. Moses said this about the people of Dan: 'Dan is like a lion's cub, who jumps out of Bashan.'

23. फिर नप्ताली के विषय में उस ने कहा, हे नप्ताली, तू जो यहोवा की प्रसन्नता से तृप्त, और उसकी आशीष से भरपूर है, तू पच्छिम और दक्खिन के देश का अधिकारी हो।।

23. Moses said this about the people of Naphtali: 'Naphtali enjoys special kindnesses, and they are full of the Lord's blessings. Take as your own the west and south.'

24. फिर आशेर के विषय में उस ने कहा, आशेर पुत्रों के विषय में आशीष पाए; वह अपने भाइयों में प्रिय रहे, और अपना पांव तेल में डुबोए।।

24. Moses said this about the people of Asher: 'Asher is the most blessed of the sons; let him be his brothers' favorite. Let him bathe his feet in olive oil.

25. तेरे जूते लोहे और पीतल के होंगे, और जैसे तेरे दिन वैसी ही तेरी शक्ति हो।।

25. Your gates will have locks of iron and bronze, and you will be strong as long as you live.

26. हे यशूरून, ईश्वर के तुल्य और कोई नहीं है, वह तेरी सहायता करने को आकाश पर, और अपना प्रताप दिखाता हुआ आकाशमण्डल पर सवार होकर चलता है।।

26. 'There is no one like the God of Israel, who rides through the skies to help you, who rides on the clouds in his majesty.

27. अनादि परमेश्वर तेरा गृहधाम है, और नीचे सनातन भुजाएं हैं। वह शत्रुओं को तेरे साम्हने से निकाल देता, और कहता है, उनको सत्यानाश कर दे।।
इफिसियों 1:18

27. The everlasting God is your place of safety, and his arms will hold you up forever. He will force your enemy out ahead of you, saying, 'Destroy the enemy!'

28. और इस्राएल निडर बसा रहता है, अन्न और नये दाखमधु के देश में याकूब का सोता अकेला ही रहता है; और उसके ऊपर के आकाश से ओस पड़ा करती है।।

28. The people of Israel will lie down in safety. Jacob's spring is theirs alone. Theirs is a land full of grain and new wine, where the skies drop their dew.

29. हे इस्राएल, तू क्या ही धन्य है! हे यहोवा से उद्धार पाई हुई प्रजा, तेरे तुल्य कौन है? वह तो तेरी सहायता के लिये ढाल, और तेरे प्रताप के लिये तलवार है; तेरे शत्रु तुझे सराहेंगे, और तू उनके ऊंचे स्थानों को रौंदेगा।।

29. Israel, you are blessed! No one else is like you, because you are a people saved by the Lord. He is your shield and helper, your glorious sword. Your enemies will be afraid of you, and you will walk all over their holy places.'



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