4. और हम इस डेरे में रहते हुए बोझ से दबे कहरते रहते हैं; क्योंकि हम उतारना नहीं, बरन और पहिनना चाहते हैं, ताकि वह जो मरनहार है जीवन में डूब जाए।
4. For also those who are in the tent groan, being burdened, not in that we want to undress, but to clothe ourselves, so that the mortal may be swallowed up by the life.