1. सो हे दोष लगानेवाले, तू कोई क्यों न हो; तू निरूत्तर है! क्योंकि जिस बात में तू दूसरे पर दोष लगाता है, उसी बात में अपने आप को भी दोषी ठहराता है, इसलिये कि तू जो दोष लगाता है, आप ही वही काम करता है।
1. Therefore, you are without excuse, every one of you who passes judgment. For by the standard by which you judge another you condemn yourself, since you, the judge, do the very same things.