Acts - प्रेरितों के काम 23 | View All

1. पौलुस ने महासभा की ओर टकटकी लगाकर देखा, और कहा, हे भाइयों, मैं ने आज तक परमेश्वर के लिये बिलकुल सच्चे विवेक से जीवन बिताया।

1. And Paul, looking fixedly at the Sanhedrin, said, My brothers, my life has been upright before God till this day.

2. हनन्याह महायाजक ने, उन की जो उसके पास खड़े थे, उसके मूंह पर थप्पड़ मारने की आज्ञा दी।

2. And the high priest, Ananias, gave orders to those who were near him to give him a blow on the mouth.

3. तब पौलुस ने उस से कहा; हे चूना फिरी हुई भीत, परमेश्वर तुझे मारेगा: तू व्यवस्था के अनुसार मेरा न्याय करने को बैठा है, और फिर क्या व्यवस्था के विरूद्ध मुझे मारने की आज्ञा देता है?
लैव्यव्यवस्था 19:15, यहेजकेल 13:10-15

3. Then Paul said to him, God will give blows to you, you whitewashed wall: are you here to be my judge by law, and by your orders am I given blows against the law?

4. जो पास खड़े थे, उन्हों ने कहा, क्या तू परमेश्वर के महायाजक को बुरा कहता है?

4. And those who were near said, Do you say such words against God's high priest?

5. पौलुस ने कहा; हे भाइयों, मैं नहीं जानता था, कि यह महायाजक है; क्योंकि लिखा है, कि अपने लोगों के प्रधान को बुरा न कह।
निर्गमन 22:28

5. And Paul said, Brother, I had no idea that he was the high priest: for it has been said, You may not say evil about the ruler of your people.

6. तब पौलुस ने यह जानकर, कि कितने सदूकी और कितने फरीसी हैं, सभा में पुकारकर कहा, हे भाइयों, मैं फरीसी और फरीसियों के वंश का हूं, मरे हुओं ही आशा और पुनरूत्थान के विषय में मेरा मुक मा हो रहा है।

6. But when Paul saw that half of them were Sadducees and the rest Pharisees, he said in the Sanhedrin, Brothers, I am a Pharisee, and the son of Pharisees: I am here to be judged on the question of the hope of the coming back from the dead.

7. जब उस ने यह बात कही तो फरीसियों और सदूकियों में झगड़ा होने लगा; और सभा में फूट पड़ गई।

7. And when he had said this, there was an argument between the Pharisees and the Sadducees, and a division in the meeting.

8. क्योंकि सदूकी तो यह कहते हैं, कि न पुनरूत्थान है, न स्वर्गदूत और न आत्मा है; परन्तु फरीसी दोनों को मानते हैं।

8. For the Sadducees say that there is no coming back from the dead, and no angels or spirits: but the Pharisees have belief in all these.

9. तब बड़ा हल्ला मचा और कितने शास्त्री जो फरीसियों के दल के थे, उठकर यों कहकर झगड़ने लगे, कि हम इस मनुष्य में कुछ बुराई नहीं पाते; और यदि कोई आत्मा या स्वर्गदूत उस से बोला है तो फिर क्या?

9. And there was a great outcry: and some of the scribes on the side of the Pharisees got up and took part in the discussion, saying, We see no evil in this man: what if he has had a revelation from an angel or a spirit?

10. जब बहुत झगड़ा हुआ, तो पलटन के सरदार ने इस डर से कि वे पौलुस के टुकड़े टुकड़े न कर डालें पलटन को आज्ञा दी, कि उतरकर उस को उन के बीच में से बरबस निकालो, और गढ़ में ले आओ।

10. And when the argument became very violent, the chief captain, fearing that Paul would be pulled in two by them, gave orders to the armed men to take him by force from among them, and take him into the army building.

11. उसी रात प्रभु ने उसके पास आ खड़े होकर कहा; हे पौलुस, ढ़ाढ़स बान्ध; क्योंकि जैसी तू ने यरूशलेम में मेरी गवाही दी, वैसी ही तुझे रोम में भी गवाही देनी होगी।।

11. And the night after, the Lord came to his side and said, Be of good heart, for as you have been witnessing for me in Jerusalem, so will you be my witness in Rome.

12. जब दिन हुआ, तो यहूदियों ने एका किया, और शपथ खाई कि जब तक हम पौलुस को मान न डालें, तब तक खांए या पीएं तो हम पर धिक्कार।

12. And when it was day, the Jews came together and put themselves under an oath that they would take no food or drink till they had put Paul to death.

13. जिन्हों ने आपस में यह शपथ खाई थी, वे चालीस जनों के ऊपर थे।

13. And more than forty of them took this oath.

14. उन्हों ने महायाजकों और पुरनियों के पास आकर कहा, हम ने यह ठाना है; कि जब तक हम पौलुस को मार न डालें, तब तक यदि कुछ चखें भी, तो हम पर धिक्कार पर धिक्कार है।

14. And they came to the chief priests and the rulers and said, We have taken a great oath to take no food till we have put Paul to death

16. और पौलुस के भांजे न सुना, कि वे उस की घात में हैं, तो गढ़ में जाकर पौलुस को सन्देश दिया।

16. But Paul's sister's son had word of their design, and he came into the army building and gave news of it to Paul.

17. पौलुस ने सूबेदारों में से एक को अपने पास बुलाकर कहा; इस जवान को पलटन के सरदार के पास ले जाओ, यह उस से कुछ कहना चाहता है।

17. And Paul sent for a captain and said, Take this young man to your chief, for he has news for him.

18. सो उस ने उसको पलटन के सरदार के पास ले जाकर कहा; पौलुस बन्धुए ने मुझे बुलाकर बिनती की, कि यह जवान पलटन के सरदार से कुछ कहना चाहता है; उसे उसके पास ले जा।

18. So he took him to the chief captain and said, Paul, the prisoner, made a request to me to take this young man to you, for he has something to say to you.

19. पलटन के सरदार ने उसका हाथ पकड़कर, और अलग ले जाकर पूछा; मुझ से क्या कहना चाहता है?

19. And the chief took him by the hand and, going on one side, said to him privately, What is it you have to say to me?

20. उस ने कहा; यहूदियों ने एकसा किया है, कि तुझ से बिनती करें, कि कल पौलुस को महासभा में लाए, मानो तू और ठीक से उस की जांच करना चाहता है।

20. And he said, The Jews are in agreement together to make a request to you for Paul to be taken, on the day after this, into the Sanhedrin, to be questioned in greater detail.

21. परन्तु उन की मत मानना, क्योंकि उन में से चालीस के ऊपर मनुष्य उस की घात में हैं, जिन्हों ने यह ठान लिया है, कि जब तक हम पौलुस को मान न डालें, तब तक खाएं, पीएं, तो हम पर धिक्कार; और अभी वे तैयार हैं और तेरे वचन की आस देख रहे हैं।

21. But do not give way to them, for more than forty of them are waiting for him, having taken an oath not to take food or drink till they have put him to death: and now they are ready, waiting for your order.

22. तब पलटन के सरदार ने जवान को यह आज्ञा देकर विदा किया, कि किसी से न कहना कि तू ने मुझ को ये बातें बताई हैं।

22. So the chief captain let the young man go, saying to him, Do not say to anyone that you have given me word of these things.

23. और दो सूबेदारों को बुलाकर कहा; दो सौ सिपाही, सत्तर सवार, और दो सौ भालैत, पहर रात बीते कैसरिया को जाने के लिये तैयार कर रखो।

23. And he sent for two captains and said, Make ready two hundred men, with seventy horsemen and two hundred spearmen, to go to Caesarea, at the third hour of the night:

24. और पौलुस की सवारी के लिये घोड़े तैयार रखो कि उसे फेलिक्स हाकिम के पास कुशल से पहुंचा दें।

24. And get beasts so that they may put Paul on them, and take him safely to Felix, the ruler.

25. उस ने इस प्रकार की चिट्ठी भी लिखी;

25. And he sent a letter in these words:

26. महाप्रतापी फेलिक्स हाकिम को क्लौदियुस लूसियास को नमस्कार;

26. Claudius Lysias, to the most noble ruler, Felix, peace be with you.

27. इस मनुष्य केा यहूदियों ने पकड़कर मार डालता चाहा, परन्तु जब मैं ने जाना कि रोमी है, तो पलटन लेकर छुड़ा लाया।

27. This man was taken by the Jews, and was about to be put to death by them, when I came on them with the army and took him out of danger, having knowledge that he was a Roman.

28. और मैं जानना चाहता था, कि वे उस पर किस कारण दोष लगाते हैं, इसलिये उसे उन की महासभा में ले गया।

28. And, desiring to get at the reason for their attack on him, I took him down to their Sanhedrin:

29. तब मैं ने जान लिया, कि वे अपनी व्यवस्था के विवादों के विषय में उस पर दोष लगाते हैं, परन्तु मार डाले जाने या बान्धे जाने के योग्य उस में कोई दोष नहीं।

29. Then it became clear to me that it was a question of their law, and that nothing was said against him which might be a reason for prison or death.

30. और जब मुझे बताया गया, कि वे इस मनुष्य की घात में लगे हैं तो मैं ने तुरन्त उस को तेरे पास भेज दिया; और मु इयों को भी आज्ञा दी, कि तेरे साम्हने उस पर नालिश करें।।

30. And when news was given to me that a secret design was being made against the man, I sent him straight away to you, giving orders to those who are against him to make their statements before you.

31. सो जैसे सिपाहियों को आज्ञा दी गई थी वैसे ही पौलुस को लेकर रातों- रात अन्तिपत्रिस में लाए।

31. So the armed men, as they were ordered, took Paul and came by night to Antipatris.

32. दूसरे दिन वे सवारों को उसके साथ जाने के लिये छोड़कर आप गढ़ को लौटे।

32. But on the day after, they sent the horsemen on with him, and went back to their place:

33. उन्हों ने कैसरिया में पहुंचकर हाकिम को चिट्ठी दी: और पौलुस को भी उसके साम्हने खड़ा किया।

33. And they, when they came to Caesarea, gave the letter to the ruler, and took Paul before him.

34. उस ने पढ़कर पूछा यह किस देश का है?

34. And after reading it, he said, What part of the country do you come from? And, hearing that he was from Cilicia,

35. और जब जान लिया कि किलकिया का है; तो उस से कहा; जब तेरे मु ई भी आएगें, तो मैं तेरा मुक मा करूंगा: और उस ने उसे हेरोदेस के किले में, पहरे में रखने की आज्ञा दी।।

35. I will give hearing to your cause, he said, when those who are against you have come. And he gave orders for him to be kept in Herod's Praetorium.



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