21. परन्तु उन की मत मानना, क्योंकि उन में से चालीस के ऊपर मनुष्य उस की घात में हैं, जिन्हों ने यह ठान लिया है, कि जब तक हम पौलुस को मान न डालें, तब तक खाएं, पीएं, तो हम पर धिक्कार; और अभी वे तैयार हैं और तेरे वचन की आस देख रहे हैं।
21. Therefore you [must] not be persuaded by them; for more than four hundred of them are lying in wait for him, who have bound themselves by a curse neither to eat nor to drink until they kill him; and now they are prepared, waiting for the promise from you.'