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1. उस समय यीशु सब्त के दिन खेतों में से होकर जा रहा था, और उसके चेलों को भूख लगी, सो वे बालें तोड़ तोड़कर खाने लगे।व्यवस्थाविवरण 23:24-25
1. At that time Jesus went through the grainfields on the sabbath; his disciples were hungry, and they began to pluck heads of grain and to eat.
2. फरीसियों ने यह देखकर उस से कहा, देख तेरे चेले वह काम कर रहे हैं, जो सब्त के दिन करना उचित नहीं।निर्गमन 20:10, व्यवस्थाविवरण 5:14
2. When the Pharisees saw it, they said to him, Look, your disciples are doing what is not lawful to do on the sabbath.
3. उस ने उन से कहा; क्या तुम ने नहीं पढ़ा, कि दाऊद ने, जब वह और उसके साथी भूखे हुए तो क्या किया?
3. He said to them, Have you not read what David did when he and his companions were hungry?
4. वह क्योंकर परमेश्वर के घर में गया, और भेंट की रोटियां खाईं, जिन्हें खाना न तो उसे और उसके साथियों को, पर केवल याजकों को उचित था?लैव्यव्यवस्था 24:5-9, 1 शमूएल 21:6
4. He entered the house of God and ate the bread of the Presence, which it was not lawful for him or his companions to eat, but only for the priests.
5. या तुम ने व्यवस्था में नहीं पढ़ा, कि याजक सब्त के दिन मन्दिर में सब्त के दिन के विधि को तोड़ने पर भी निर्दोष ठहरते हैं।गिनती 28:9-10
5. Or have you not read in the law that on the sabbath the priests in the temple break the sabbath and yet are guiltless?
6. पर मैं तुम से कहता हूं, कि यहां वह है, जो मन्दिर से भी बड़ा है।यशायाह 63:1
6. I tell you, something greater than the temple is here.
7. यदि तुम इस का अर्थ जानते कि मैं दया से प्रसन्न हूं, बलिदान से नहीं, तो तुम निर्दोष को दोषी न ठहराते।होशे 6:6
7. But if you had known what this means, 'I desire mercy and not sacrifice,' you would not have condemned the guiltless.
8. मनुष्य का पुत्रा तो सब्त के दिन का भी प्रभु है।।उत्पत्ति 2:3
8. For the Son of Man is lord of the sabbath.
9. वहां से चलकर वह उन की सभा के घर में आया।
9. He left that place and entered their synagogue;
10. और देखो, एक मनुष्य था, जिस का हाथ सूखा हुआ था; और उन्हों ने उस पर दोष लगाने के लिेय उस से पूछा, कि क्या सब्त के दिन चंगा करना उचित है?
10. a man was there with a withered hand, and they asked him, Is it lawful to cure on the sabbath? so that they might accuse him.
11. उस ने उन से कहा; तुम में ऐसा कौन है, जिस की एक भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड़हे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़कर न निकाले?
11. He said to them, Suppose one of you has only one sheep and it falls into a pit on the sabbath; will you not lay hold of it and lift it out?
12. भला, मनुष्य का मूल्य भेड़ से कितना बढ़ कर है; इसलिये सब्त के दिन भलाई करना उचित है: तब उस ने उस मनुष्य से कहा, अपना हाथ बढ़ा।
12. How much more valuable is a human being than a sheep! So it is lawful to do good on the sabbath.
13. उस ने बढ़ाया, और वह फिर दूसरे हाथ की नाई अच्छा हो गया।
13. Then he said to the man, Stretch out your hand. He stretched it out, and it was restored, as sound as the other.
14. तब फरीसियों ने बाहर जाकर उसके विरोध में सम्मति की, कि उसे किस प्रकार नाश करें?
14. But the Pharisees went out and conspired against him, how to destroy him.
15. यह जानकर यीशु वहां से चला गया; और बहुत लागे उसके पीछे हो लिये; और उस ने सब को चंगा किया।
15. When Jesus became aware of this, he departed. Many crowds followed him, and he cured all of them,
16. और उन्हें चिताया, कि मुझे प्रगट न करना।
16. and he ordered them not to make him known.
17. कि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो।
17. This was to fulfill what had been spoken through the prophet Isaiah:
18. कि देखो, यह मेरा सेवक है, जिसे मैं ने चुना है; मेरा प्रिय, जिस से मेरा मन प्रसन्न है: मैं अपना आत्मा उस पर डालूंगा; और वह अन्यजातियों को न्याय का समाचार देगा।यशायाह 41:9, यशायाह 42:1-4
18. Here is my servant, whom I have chosen, my beloved, with whom my soul is well pleased. I will put my Spirit upon him, and he will proclaim justice to the Gentiles.
19. वह न झगड़ा करेगा, और न धूम मचाएगा; और न बाजारों में कोई उसका शब्द सुनेगा।
19. He will not wrangle or cry aloud, nor will anyone hear his voice in the streets.
20. वह कुचले हुए सरकण्डे को न तोड़ेगा; और धूआं देती हुई बत्ती को न बुझाएगा, जब तक न्याय को प्रबल न कराए।
20. He will not break a bruised reed or quench a smoldering wick until he brings justice to victory.
21. और अन्यजातियां उसके नाम पर आशा रखेंगी।
21. And in his name the Gentiles will hope.
22. तब लोग एक अन्धे- गूंगे को जिस में दुष्टात्मा थी, उसके पास लाए; और उस ने उसे अच्छा किया; और वह गूंगा बोलने और देखने लगा।
22. Then they brought to him a demoniac who was blind and mute; and he cured him, so that the one who had been mute could speak and see.
23. इस पर सब लोग चकित होकर कहने लगे, यह क्या दाऊद की सन्तान का है?
23. All the crowds were amazed and said, Can this be the Son of David?
24. परन्तु फरीसियों ने यह सुनकर कहा, यह तो दुष्टात्माओं के सरदार शैतान की सहायता के बिना दुष्टात्माओं को नहीं निकालता।
24. But when the Pharisees heard it, they said, It is only by Beelzebul, the ruler of the demons, that this fellow casts out the demons.
25. उस ने उन के मन की बात जानकर उन से कहा; जिस किसी राज्य में फूट होती है, वह उजड़ जाता है, और कोई नगर या घराना जिस में फूट होती है, बना न रहेगा।1 शमूएल 16:7
25. He knew what they were thinking and said to them, Every kingdom divided against itself is laid waste, and no city or house divided against itself will stand.
26. और यदि शैतान ही शैतान को निकाले, तो वह अपना ही विरोधी हो गया है; फिर उसका राज्य क्योंकर बना रहेगा?
26. If Satan casts out Satan, he is divided against himself; how then will his kingdom stand?
27. भला, यदि मैं शैतान की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूं, तो तुम्हारे वंश किस की सहायता से निकालते हैं? इसलिये वे ही तुम्हारा न्याय चुकाएंगे।
27. If I cast out demons by Beelzebul, by whom do your own exorcists cast them out? Therefore they will be your judges.
28. पर यदि मैं परमेश्वर के आत्मा की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूं, तो परमेश्वर का राज्य तुम्हारे पास आ पहुंचा है।
28. But if it is by the Spirit of God that I cast out demons, then the kingdom of God has come to you.
29. या क्योंकर कोई मनुष्य किसी बलवन्त के घर में घुसकर उसका माल लूट सकता है जब तक कि पहिले उस बलवन्त को न बान्ध ले? और तब वह उसका घर लूट लेगा।यशायाह 49:24
29. Or how can one enter a strong man's house and plunder his property, without first tying up the strong man? Then indeed the house can be plundered.
30. जो मेरे साथ नहीं, वह मेरे विरोध में है; और जो मेरे साथ नहीं बटोरता, वह बिथराता है।
30. Whoever is not with me is against me, and whoever does not gather with me scatters.
31. इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि मनुष्य का सब प्रकार का पाप और निन्दा क्षमा की जाएगी, पर आत्मा की निन्दा क्षमा न की जाएगी।
31. Therefore I tell you, people will be forgiven for every sin and blasphemy, but blasphemy against the Spirit will not be forgiven.
32. जो कोई मनुष्य के पुत्रा के विरोध में कोई बात कहेगा, उसका यह अपराध क्षमा किया जाएगा, परन्तु जो कोई पवित्राआत्मा के विरोध में कुछ कहेगा, उसका अपराध न तो इस लोक में और न परलोक में क्षमा किया जाएगा।
32. Whoever speaks a word against the Son of Man will be forgiven, but whoever speaks against the Holy Spirit will not be forgiven, either in this age or in the age to come.
33. यदि पेड़ को अच्छा कहो, तो उसके फल को भी अच्छा कहो; या पेड़ को निकम्मा कहो; क्योंकि पेड़ फल ही से पहचाना जाता है।
33. Either make the tree good, and its fruit good; or make the tree bad, and its fruit bad; for the tree is known by its fruit.
34. हे सांप के बच्चों, तुम बुरे होकर क्योंकर अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुंह पर आता है।
34. You brood of vipers! How can you speak good things, when you are evil? For out of the abundance of the heart the mouth speaks.
35. भला, मनुष्य मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है।
35. The good person brings good things out of a good treasure, and the evil person brings evil things out of an evil treasure.
36. और मै तुम से कहता हूं, कि जो जो निकम्मी बातें मनुष्य कहेंगे, न्याय के दिन हर एक बात का लेखा देंगे।
36. I tell you, on the day of judgment you will have to give an account for every careless word you utter;
37. क्योंकि तू अपनी बातों के कारण निर्दोष और अपनी बातों ही के कारण दोषी ठहराया जाएगा।।
37. for by your words you will be justified, and by your words you will be condemned.
38. इस पर कितने शास्त्रियों और फरीसियों ने उस से कहा, हे गुरू, हम तुझ से एक चिन्ह देखना चाहते हैं।
38. Then some of the scribes and Pharisees said to him, Teacher, we wish to see a sign from you.
39. उस ने उन्हें उत्तर दिया, कि इस युग के बुरे और व्यभिचारी लोग चिन्ह ढूंढ़ते हैं; परन्तु यूनुस भविष्यद्वक्ता के चिन्ह को छोड़ कोई और चिन्ह उन को न दिया जाएगा।
39. But he answered them, An evil and adulterous generation asks for a sign, but no sign will be given to it except the sign of the prophet Jonah.
40. यूनुस तीन राज दिन जल जन्तु के पेट में रहा, वैसे ही मनुष्य का पुत्रा तीन रात दिन पृथ्वी के भीतर रहेगा।योना 1:17
40. For just as Jonah was three days and three nights in the belly of the sea monster, so for three days and three nights the Son of Man will be in the heart of the earth.
41. नीनवे के लोग न्याय के दिन इस युग के लोगों के साथ उठकर उन्हें दोषी ठहराएंगे, क्योंकि उन्हों ने यूनुस का प्रचार सुनकर, मन फिराया और देखो, यहां वह है जो यूनुस से बड़ा है।योना 3:5, योना 3:8
41. The people of Nineveh will rise up at the judgment with this generation and condemn it, because they repented at the proclamation of Jonah, and see, something greater than Jonah is here!
42. दक्खिन की रानी न्याय के दिन इस युग के लोगों के साथ उठकर उन्हें दोषी ठहराएगी, क्योंकि वह सुलैमान का ज्ञान सुनने के लिये पृथ्वी की छोर से आई, और देखो, यहां वह है जो सुलैमान से भी बड़ा है।1 राजाओं 20:1-10, 2 इतिहास 9:1-12
42. The queen of the South will rise up at the judgment with this generation and condemn it, because she came from the ends of the earth to listen to the wisdom of Solomon, and see, something greater than Solomon is here!
43. जब अशुद्ध आत्मा मनुष्य में से निकल जाती है, तो सूखी जगहों में विश्राम ढूंढ़ती फिरती है, और पाती नहीं।
43. When the unclean spirit has gone out of a person, it wanders through waterless regions looking for a resting place, but it finds none.
44. तब कहती है, कि मैं अपने उसी घर में जहां से निकली थी, लौट जाऊंगी, और आकर उसे सूना, झाड़ा- बुहारा और सजा सजाया पाती है।
44. Then it says, 'I will return to my house from which I came.' When it comes, it finds it empty, swept, and put in order.
45. तब वह जाकर अपने से और बुरी सात आत्माओं को अपने साथ ले आती है, और वे उस में पैठकर वहां वास करती है, और उस मनुष्य की पिछली दशा पहिले से भी बुरी हो जाती है; इस युग के बुरे लोगों की दशा भी ऐसी ही होगी।
45. Then it goes and brings along seven other spirits more evil than itself, and they enter and live there; and the last state of that person is worse than the first. So will it be also with this evil generation.
46. जब वह भीड़ से बातें कर ही रहा था, तो देखो, उस की माता और भाई बाहर खड़े थे, और उस से बातें करना चाहते थे।
46. While he was still speaking to the crowds, his mother and his brothers were standing outside, wanting to speak to him.
47. किसी ने उस से कहा; देख तेरी माता और तेरे भाई बाहर खड़े हैं, और तुझ से बातें करना चाहते हैं।
47. Someone told him, Look, your mother and your brothers are standing outside, wanting to speak to you.
48. यह सुन उस ने कहनेवाले को उत्तर दिया; कौन है मेरी माता?
48. But to the one who had told him this, Jesus replied, Who is my mother, and who are my brothers?
49. और कौन है मेरे भाई? और अपने चेलों की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा; देखो, मेरी माता और मेरे भाई ये हैं।
49. And pointing to his disciples, he said, Here are my mother and my brothers!
50. क्योंकि जो कोई मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चले, वही मेरा भाई और बहिन और माता है।।
50. For whoever does the will of my Father in heaven is my brother and sister and mother.