5. सब साधारण लोगों से और याजकों से कह, कि जब तुम इन सत्तर वर्षों के बीच पांचवें और सातवें महीनों में उपवास और विलाप करते थे, तब क्या तुम सचमुच मेरे ही लिये उपवास करते थे?
5. Speak to all the people of the land, and to the priests, saying, 'When you fasted and mourned in the fifth and in the seventh month for these seventy years, did you at all fast to me, really to me?