Leviticus - लैव्यव्यवस्था 5 | View All

1. और यदि कोई साक्षी होकर ऐसा पाप करे कि शपथ खिलाकर पूछने पर भी, कि क्या तू ने यह सुना अथवा जानता है, और वह बात प्रगट न करे, तो उसको अपने अधर्म का भार उठाना पड़ेगा।

1. আর যদি কেহ এইরূপে পাপ করে, সাক্ষী হইয়া, দিব্য করাইবার কথা শুনিলেও, যাহা দেখিয়াছে কিম্বা জানে, তাহা সে প্রকাশ না করে, তবে সে আপন অপরাধ বহন করিবে।

2. और यदि कोई किसी अशुद्ध वस्तु को अज्ञानता से छू ले, तो चाहे वह अशुद्ध बनैले पशु की, चाहे अशुद्ध रेंगनेवाले जीव- जन्तु की लोथ हो, तो वह अशुद्ध होकर दोषी ठहरेगा।

2. কিম্বা যদি কেহ কোন অশুচি দ্রব্য স্পর্শ করে, অশুচি জন্তুর শব হউক, কিম্বা অশুচি গোমেষাদির শব হউক, কিম্বা অশুচি সরীসৃপের শব হউক, যদি সে তাহা জানিতে না পায় ও অশুচি হয়, তবে সে দোষী হইবে।

3. और यदि कोई मनुष्य किसी अशुद्ध वस्तु को अज्ञानता से छू ले, चाहे वह अशुद्ध वस्तु किसी भी प्रकार की क्यों न हो जिस से लोग अशुद्ध हो जाते हैं तो जब वह उस बात को जान लेगा तब वह दोषी ठहरेगा।

3. কিম্বা মনুষ্যের কোন অশৌচ, অর্থাৎ যাহা দ্বারা মনুষ্য অশুচি হয়, এমন কিছু যদি কেহ স্পর্শ করে, ও তাহা জানিতে না পায়, তবে সে তাহা জ্ঞাত হইলে দোষী হইবে।

4. और यदि कोई बुरा वा भला करने को बिना सोचे समझे शपथ खाए, चाहे किसी प्रकार की बात वह बिना सोचे विचारे शपथ खाकर कहे, तो ऐसी बात में वह दोषी उस समय ठहरेगा जब उसे मालूम हो जाएगा।

4. আর কেহ অবিবেচনাপূর্ব্বক যে কোন বিষয়ে শপথ করুক না কেন, যদি কেহ আপন ওষ্ঠে অবিবেচনাপূর্ব্বক ভাল বা মন্দ কার্য্য করিব বলিয়া শপথ করে, ও তাহা জানিতে না পায়, তবে সে তাহা জ্ঞাত হইলে তদ্বিষয়ে দোষী হইবে।

5. और जब वह इन बातों में से किसी भी बात में दोषी हो, तब जिस विषय में उस ने पाप किया हो वह उसको मान ले,

5. আর তদ্রূপ কোন বিষয়ে দোষী হইলে সে নিজকৃত পাপ স্বীকার করিবে।

6. और वह यहोवा के साम्हने अपना दोषबलि ले आए, अर्थात् उस पाप के कारण वह एक भेड़ वा बकरी पापबलि करने के लिये ले आए; तब याजक उस पाप के विषय उसके लिये प्रायश्चित्त करे।

6. পরে সে পাপার্থক বলির নিমিত্তে পাল হইতে মেষবৎসা কিম্বা ছাগবৎসা লইয়া সদাপ্রভুর উদ্দেশে আপনার কৃত পাপের উপযুক্ত দোষার্থক বলি উৎসর্গ করিবে; তাহাতে যাজক তাহার পাপমোচনার্থ প্রায়শ্চিত্ত করিবে।

7. और यदि उसे भेड़ वा बकरी देने की सामर्थ्य न हो, तो अपने पाप के कारण दो पंडुकी वा कबूतरी के दो बच्चे दोषबलि चढ़ाने के लिये यहोवा के पास ले आए, उन में से एक तो पापबलि के लिये और दूसरा होमबलि के लिये।

7. আর সে যদি মেষবৎসা আনিতে অসমর্থ হয়, তবে আপনার কৃত পাপের জন্য দুই ঘুঘু কিম্বা দুই কপোতশাবক, এই দোষার্থক বলি সদাপ্রভুর নিকটে আনিবে; তাহার একটী পাপার্থ, অন্যটী হোমার্থ হইবে।

8. और वह उनको याजक के पास ले आए, और याजक पापबलिवाले को पहिले चढ़ाए, और उसका सिर गले से मरोड़ डाले, पर अलग न करे,

8. সে তাহাদিগকে যাজকের নিকটে আনিবে, ও যাজক অগ্রে পাপার্থক বলি উৎসর্গ করিয়া তাহার গলা মুচড়াইবে, কিন্তু ছিঁড়িয়া ফেলিবে না।

9. और वह पापबलिपशु के लोहू में से कुछ वेदी की अलंग पर छिड़के, और जो लोहू शेष रहे वह वेदी के पाए पर गिराया जाए; वह तो पापबलि ठहरेगा।

9. পরে পাপার্থক বলির কিঞ্চিৎ রক্ত লইয়া বেদির গাত্রে ছিটাইবে, এবং অবশিষ্ট রক্ত বেদির মূলে ঢালিয়া দেওয়া যাইবে; ইহা পাপার্থক বলি।

10. और दूसरे पक्षी को वह विधी के अनुसार होमबलि करे, और याजक उसके पाप का प्रायश्चित्त करे, और तब वह क्षमा किया जाएगा।।

10. পরে সে বিধিমতে দ্বিতীয়টী হোমার্থে উৎসর্গ করিবে; এইরূপে যাজক তাহার কৃত পাপের জন্য প্রায়শ্চিত্ত করিবে, তাহাতে তাহার পাপের ক্ষমা হইবে।

11. और यदि वह दो पंडुकी वा कबूतरी के दो बच्चे भी न दे सके, तो वह अपने पाप के कारण अपना चढ़ावा एपा का दसवां भाग मैदा पापबलि करके ले आए;
लूका 2:24

11. আর সে যদি দুই ঘুঘু কিম্বা দুই কপোতশাবক আনিতেও অসমর্থ হয়, তবে তাহার কৃত পাপের জন্য তাহার উপহার বলিয়া ঐফার দশমাংশ সূজি পাপার্থক বলিরূপে আনিবে; তাহার উপরে তৈল দিবে না, ও কুন্দুরু রাখিবে না, কেননা তাহা পাপার্থক বলি।

12. वह उसको याजक के पास ले जाए, और याजक उस में से अपनी मुट्ठी भर स्मरण दिलानेवाला भाग जानकर वेदी पर यहोवा के हवनों के ऊपर जलाए; वह तो पापबलि ठहरेगा।

12. পরে সে তাহা যাজকের নিকটে আনিলে যাজক তাহার স্মরণার্থক অংশ বলিয়া তাহা হইতে এক মুষ্টি লইয়া সদাপ্রভুর উদ্দেশে অগ্নিকৃত উপহারের রীতি অনুসারে বেদিতে দগ্ধ করিবে; ইহা পাপার্থক বলি।

13. और इन बातों में से किसी भी बात के विषय में जो कोई पाप करे, याजक उसका प्रायश्चित्त करे, और तब वह पाप क्षमा किया जाएगा। और इस पापबलि का शेष अन्नबलि के शेष की नाई याजक का ठहरेगा।।

13. যাজক এই সকলের মধ্যে তাহার কৃত কোন পাপের জন্য প্রায়শ্চিত্ত করিবে, তাহাতে তাহার পাপের ক্ষমা হইবে; এবং [অবশিষ্ট দ্রব্য] ভক্ষ্য-নৈবেদ্যের মত যাজকের হইবে।

14. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

14. পরে সদাপ্রভু মোশিকে কহিলেন, যদি কেহ সদাপ্রভুর পবিত্র বস্তুর বিষয়ে প্রমাদবশতঃ সত্য লঙ্ঘন করিয়া পাপ করে,

15. यदि कोई यहोवा की पवित्रा की हुई वस्तुओं के विषय में भूल से विश्वासघात करे और पापी ठहरे, तो वह यहोवा के पास एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि के लिये ले आए; उसका दाम पवित्रास्थान के शेकेल के अनुसार उतने ही शेकेल रूपये का हो जितना याजक ठहराए।

15. তবে সে সদাপ্রভুর নিকটে দোষার্থক বলি আনিবে, পবিত্র স্থানের শেকল অনুসারে তোমার নিরূপিত পরিমাণে রৌপ্য দিয়া পাল হইতে এক নির্দ্দোষ মেষ আনিয়া দোষার্থক বলি উপস্থিত করিবে।

16. और जिस पवित्रा वस्तु के विषय उस ने पाप किया हो, उस में वह पांचवां भाग और बढ़ाकर याजक को दे; और याजक दोषबलि का मेढ़ा चढ़ाकर उसके लिये प्रायश्चित्त करे, तब उसका पाप क्षमा किया जाएगा।।

16. আর সে পবিত্র বস্তুর বিষয়ে যে পাপ করিয়াছে, তাহার পরিশোধ করিবে, তদ্ভিন্ন পাঁচ অংশের এক অংশও দিবে, এবং যাজকের নিকটে তাহা আনিবে; পরে যাজক সেই দোষার্থক মেষবলি দ্বারা তাহার জন্য প্রায়শ্চিত্ত করিবে, তাহাতে তাহার পাপের ক্ষমা হইবে।

17. और यदि कोई ऐसा पाप करे, कि उन कामों में से जिन्हें यहोवा ने मना किया है किसी काम को करे, तो चाहे वह उसके अनजाने में हुआ हो, तौभी वह दोषी ठहरेगा, और उसको अपने अधर्म का भार उठाना पड़ेगा।

17. আর যদি কেহ সদাপ্রভুর আজ্ঞানিষিদ্ধ কোন কর্ম্ম করিয়া পাপ করে, তবে সে তাহা না জানিলেও দোষী, সে আপন অপরাধ বহন করিবে।

18. इसलिये वह एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि करके याजक के पास ले आए, वह उतने दाम का हो जितना याजक ठहराए, और याजक उसके लिये उसकी उस भूल का जो उस ने अनजाने में की हो प्रायश्चित्त करे, और वह क्षमा किया जाएगा।

18. সে তোমার নিরূপিত মূল্য দিয়া পাল হইতে এক নির্দ্দোষ মেষ আনিয়া দোষার্থক বলিরূপে যাজকের নিকটে উপস্থিত করিবে, এবং সে প্রমাদবশতঃ অজ্ঞাতসারে যে দোষ করিয়াছে, যাজক তাহার জন্য প্রায়শ্চিত্ত করিবে, তাহাতে তাহার পাপের ক্ষমা হইবে।

19. यह दोषबलि ठहरे; क्योंकि वह मनुष्य नि:सन्देह यहोवा के सम्मुख दोषी ठहरेगा।।

19. ইহাই দোষার্থক বলি, সে অবশ্য সদাপ্রভুর কাছে দোষী।



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