28. परन्तु यदि वह फूल चर्म में नहीं फैला और अपने स्थान ही पर जहां का तहां ही बना हो, और उसकी चमक कम हुई हो, तो वह जल जाने के कारण सूजा हुआ है, याजक उस मनुष्य को शुद्ध ठहराए; क्योंकि वह दाग जल जाने के कारण से है।।
28. But, if, in its place the bright spot hath stayed, and hath not spread in the skin, but, itself, is faint, the rising of a burning, it is, and the priest shall pronounce him clean, for only the inflaming of the burning, it is.