13. फिर उस ने मुझ से कहा, ये उत्तरी और दक्खिनी कोठरियां जो आंगन के साम्हने हें, वे ही पवित्रा कोठरियां हैं, जिन में यहोवा के समीप जानेवाले याजक परमपवित्रा वस्तुएं खाया करेंगे; वे परमपवित्रा वस्तुएं, और अन्नबलि, और पापबलि, और दोषबलि, वहीं रखेंगे; क्योंकि वह स्थान पवित्रा हे।
13. And he saith unto me, 'The north chambers, the south chambers, that [are] at the front of the separate place, they [are] holy chambers, where the priests (who [are] near to Jehovah) eat the most holy things, there they place the most holy things, and the present, and the sin-offering, and the guilt-offering, for the place [is] holy.