7. क्योंकि इस्राएल के घराने में से और उसके बीच रहनेवाले परदेशियों में से भी कोई क्यों न हो, जो मेरे पीछे हो लेना छोड़कर अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित करे, और अपने अधर्म की ठोकर अपने साम्हने रखे, और तब मुझ से अपनी कोई बात पूछने के लिये भविष्यद्वक्ता के पास आए, तो उसको, मैं यहोवा आप ही उत्तर दूंगा।
7. For every man, (whether he be of the house of Israel or a stranger, that sojourneth in Israel) which departeth from me, and carrieth idols in his heart, purposing to go still stumbling in his own wickedness, and cometh to a Prophet, for to ask counsel at me thorow him: unto that man will I the LORD give answer, by mine own self.