7. योद्वाओं के जो दल दिहात में थे, जब उनके सब प्रधानों ने अपने जनों समेत सुना कि बाबुल के राजा ने अहीकाम के पुत्रा गदल्याह को देश का अधिकारी ठहराया है, और देश के जिन कंगाल लोगों को वह बाबुल को नहीं ले गया, क्या पुरूष, क्या स्त्री, क्या बालबच्चे, उन सभों को उसे सौंप दिया है,
7. মাঠে অবস্থিত সৈন্যগণের সমস্ত সেনাপতি ও তাহাদের লোকেরা যখন শুনিতে পাইল যে, বাবিল-রাজ অহীকামের পুত্র গদলিয়কে দেশে শাসনকর্ত্তা নিযুক্ত করিয়াছেন, এবং যাহারা বন্দিরূপে বাবিলে নীত হয় নাই, সেই সকল পুরুষ, স্ত্রী, বালকবালিকা ও জনপদস্থ দরিদ্র লোকদিগকে তাঁহার কাছে সমর্পণ করিয়াছেন,