15. फिर कारेह के पुत्रा योहानान ने गदल्याह से मिस्पा में छिपकर कहा, मुझे जाकर नतन्याह के पुत्रा इश्माएल को मार डालने दे ओर कोई इसे न जानेगा। वह क्यों तुझे मार डाले, और जितने यहूदी लोग तेरे पास इकट्ठे हुए हैं वे क्यों तितर- बितर हो जाएं और बचे हुए यहूदी क्यों नाश हों?
15. Then, Johanan son of Kareah, spake unto Gedaliah secretly, in Mizpah, saying, Let me go I pray thee, and smite Ishmael son of Nethaniah, and not, a man, shall know it, wherefore should he smite thee to death, and all Judah who have gathered themselves unto thee, be dispersed, and the remnant of Judah perish?