Jeremiah - यिर्मयाह 40 | View All

1. जब जल्लादों के प्रधान नबूजरदान ने यिर्मयाह को रामा में उन सब यरूशलेमी और यहूदी बंधुओं के बीच हथकड़ियों से बन्धा हुआ पाकर जो बाबुल जाने को थे छुड़ा लिया, उसके बाद यहोवा का वचन उसके पास पहुंचा।

1. [This is] the word that came to Jeremiah from the LORD after Nebuzaradan, captain of the guard, released him at Ramah when he had been bound in chains with all the exiles of Jerusalem and Judah who were being exiled to Babylon.

2. जल्लादों के प्रधान नबूजरदान ने यिर्मयाह को उस समय अपने पास बुला लिया, ओर कहा, इस स्थान पर यह जो विपत्ति पड़ी है वह तेरे परमेश्वर यहोवा की कही हुई थी।

2. The captain of the guard took Jeremiah and said to him, 'The LORD your God decreed this disaster on this place,

3. ओर जैसा यहोवा ने कहा था वैसा ही उस ने पूरा भी किया है। तुम लोगों ने जो यहोवा के विरूद्व पाप किया ओर उसकी आज्ञा नहीं मानी, इस कारण तुम्हारी यह दशा हुई है।

3. and the LORD has fulfilled [it]. He has done just what He decreed. Because you [people] have sinned against the LORD and have not obeyed Him, this thing has happened.

4. अब मैं तेरी इन हथकड़ियों को काटे देता हूँ, और यदि मेरे संग बाबुल में जाना तुझे अच्छा लगे तो चल, वहां मैं तुझ पर कृपादृष्टि रखूंगा; और यदि मेरे संग बाबुल जाना तुझे न भाए, तो यहीं रह जा। देख, सारा देश तेरे साम्हने पड़ा हे, जिधर जाना तुझे अच्छा और ठीक जंचे उधर ही चला जा।

4. Now pay attention [to what I say]. Today I am setting you free from the chains that were on your hands. If it pleases you to come with me to Babylon, come, and I will take care of you. But if it seems wrong to you to come with me to Babylon, go no farther. Look-- the whole land is in front of you. Wherever it seems good and right for you to go, go there.'

5. वह वहीं था कि नबूजरदान ने फिर उस से कहा, गदल्याह जो अहीकाम का पुत्रा और शापान का पोता है, जिसको बाबुल के राजा ने यहूदा के नगरों पर अधिकारी ठहराया है, उसके पास लौट जा और उसके संग लोगों के बीच रह, वा जहां कहीं तुझे जाना ठीक जान पड़े वहीं चला जा। से जल्लादों के प्रधान ने उसको सीधा और कुछ द्रव्य भी देकर विदा किया।

5. When Jeremiah had not yet turned [to go, Nebuzaradan said to him:] 'Return to Gedaliah son of Ahikam, son of Shaphan, whom the king of Babylon has appointed over the cities of Judah, and stay with him among the people or go wherever you want to go.' So the captain of the guard gave him a ration and a gift and released him.

6. तब यिर्मयाह अहीकाम के पुत्रा गदल्याह के पास मिस्पा को गया, और वहां उन लोगों के बीच जो देश में रह गए थे, रहने लगा।

6. Jeremiah therefore went to Gedaliah son of Ahikam at Mizpah, and he stayed with him among the people who remained in the land.

7. योद्वाओं के जो दल दिहात में थे, जब उनके सब प्रधानों ने अपने जनों समेत सुना कि बाबुल के राजा ने अहीकाम के पुत्रा गदल्याह को देश का अधिकारी ठहराया है, और देश के जिन कंगाल लोगों को वह बाबुल को नहीं ले गया, क्या पुरूष, क्या स्त्री, क्या बालबच्चे, उन सभों को उसे सौंप दिया है,

7. When all the commanders of the armies in the field-- they and their men-- heard that the king of Babylon had appointed Gedaliah son of Ahikam over the land and that he had put him in charge of the men, women, and children, the poorest of the land who had not been deported to Babylon,

8. तब नतन्याह का पुत्रा इश्माएल, कारेह के पुत्रा योहानान, योनातान और तन्हूसेत का पुत्रा सरायाह, एपै नतोपावासी के पुत्रा और किसी माकावासी का पुत्रा याजन्याह अपने जनों समेत गदल्याह के पास मिस्पा में आए।

8. they came to Gedaliah at Mizpah. [The commanders included] Ishmael son of Nethaniah, Johanan and Jonathan the sons of Kareah, Seraiah son of Tanhumeth, the sons of Ephai the Netophathite, and Jezaniah son of the Maacathite-- they and their men.

9. और गदल्याह जो अहीकाम का पुत्रा और शापान का पोता था, उस ने उन से और उनके जनों से शपथ खाकर कहा, कसदियों के आधीन रहने से मत डरो। इसी देश में रहते हुए बाबुल के राजा के आधीन रहो तब नुम्हारा भला होगा।

9. Gedaliah son of Ahikam, son of Shaphan, swore an oath to them and their men, assuring them, 'Don't be afraid to serve the Chaldeans. Live in the land and serve the king of Babylon, and it will go well for you.

10. मैं तो इसीलिये मिस्पा में रहता हूं कि जो कसदी लोग हमारे यहां आएं, उनके साम्हने हाज़िर हुआ करूं; परन्तु तुम दाखमधु और धूपकाल के फल और तेल को बटोरके अपने बरतनों में रखो और अपने लिए हुए नगरों में बसे रहो।

10. As for me, I am going to live in Mizpah to represent [you] before the Chaldeans who come to us. As for you, gather wine, summer fruit, and oil, place them in your [storage] jars, and live in the cities you have captured.'

11. फिर जब मोआबियों, अम्मोनियों, एदोमियों और अन्य सब जातियों के बीच रहनेवाले सब यहूदियों ने सुना कि बाबुल के राजा ने यहूदियों में से कुछ लोगों को बचा लिया और उन पर गदल्याह को जो अहीकाम का पुत्रा और शापान का पोता है अधिकारी नियुक्त किया है,

11. When all the Judeans in Moab and among the Ammonites and in Edom and in all the other lands also heard that the king of Babylon had left a remnant in Judah and had appointed Gedaliah son of Ahikam, son of Shaphan, over them,

12. तब सब यहूदी जिन जिन स्थानों में तितर- बितर हो गए थे, वहां से लौटकर यहूदा देश के मिस्पा नगर में गदल्याह के पास, और बहुत दाखमधु और धूपकाल के फल बटोरने लगे।

12. they all returned from all the places where they had been banished and came to the land of Judah, to Gedaliah at Mizpah, and harvested a great amount of wine and summer fruit.

13. तब कारेह का पुत्रा योहानान और मैदान में रहनेवाले योद्वाओं के सब दलों के प्रधान मिस्पा में गदल्याह के पास आकर कहने लगे, क्या तू जानता है

13. Meanwhile, Johanan son of Kareah and all the commanders of the armies in the field came to Gedaliah at Mizpah

14. कि अम्मोनियों के राजा बालीस ने नतत्याह के पुत्रा इश्माएल को तुझे जान से मारने के लिये भेजा है? परन्तु अहीकाम के पुत्रा गदल्याह ने उनकी प्रतीति न की।

14. and warned him, 'Don't you realize that Baalis, king of the Ammonites, has sent Ishmael son of Nethaniah to strike you down?' But Gedaliah son of Ahikam would not believe them.

15. फिर कारेह के पुत्रा योहानान ने गदल्याह से मिस्पा में छिपकर कहा, मुझे जाकर नतन्याह के पुत्रा इश्माएल को मार डालने दे ओर कोई इसे न जानेगा। वह क्यों तुझे मार डाले, और जितने यहूदी लोग तेरे पास इकट्ठे हुए हैं वे क्यों तितर- बितर हो जाएं और बचे हुए यहूदी क्यों नाश हों?

15. Then Johanan son of Kareah suggested to Gedaliah in private at Mizpah, 'Let me go kill Ishmael son of Nethaniah. No one will know it. Why should he strike you down and scatter all of Judah that has gathered to you so that the remnant of Judah would perish?'

16. यहीकाम के पुत्रा गदल्याह ने कारेह के पुत्रा योहानान से कहा, ऐसा काम मत कर, तू इश्माएल के विषय में झूठ बोलता है।

16. But Gedaliah son of Ahikam responded to Johanan son of Kareah, 'Don't do that! What you're saying about Ishmael is a lie.'



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